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स्वदेशी जागरण मंच, उत्तर बिहार का दो दिवसीय प्रांतीय कार्यकर्ता सम्मेलन पिछले दिनों सम्पन्न हुआ। पटना के चकबैरिया स्थित राजकीय विद्यालय में आयोजित इस सम्मेलन में तीन प्रस्ताव भी पारित हुए। समापन समारोह को सम्बोधित करते हुए स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संयोजक श्री अरुण कुमार ओझा ने कहा कि स्वदेशी हमारे जीवन की धुरी होनी चाहिए थी, परंतु आजादी के बाद हमने आत्मघाती कदम उठाया, जिसके कारण हम आज तक पिछड़ते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने कहा था कि उनकी लड़ाई अंग्रेजों से नहीं, बल्कि अंग्रेजियत से है, जिसे आजादी के बाद नेहरू ने भुला दिया। अंग्रेज तो चले गए, परंतु अंग्रेजियत हमारे जीवन में हावी होती चली गई। इसी का नतीजा है कि आज तक भारत का कायाकल्प नहीं हो पाया।सम्मेलन में पारित हुए प्रस्तावों में से दो राष्ट्रीय महत्व एवं एक स्थानीय मुद्दे पर आधारित था। राष्ट्रीय महत्व के प्रस्तावों में “नदी और पर्यावरण” तथा “कृषि एवं किसान” थे। जबकि तीसरे प्रस्ताव में चकबैरिया में आधुनिक कत्लखाने पर रोक तथा जल्ला क्षेत्र का विकास इत्यादि विषय थे।सम्मेलन में प्रांत के नए दायित्वों की घोषणा भी की गई। श्री दिलीप कुमार “निराला” प्रांत के नए संयोजक तथा श्री मुकुल रंजन सह-संयोजक बनाए गए। इसी प्रकार श्री शिवचंद्र सिंह संपर्क प्रमुख, श्री नीलाम्बर चौधरी कोष प्रमुख, श्री अखिलेश कुमार सह-कोष प्रमुख एवं श्री विनोद कुमार सिंह विचार मंडल प्रमुख बनाए गए। पटना विभाग संयोजक के रूप में श्री राजेश कुमार एवं पटना ग्रामीण जिला संयोजक श्री दिलीप कुमार सिन्हा के दायित्व की घोषणा हुई। द संजीव कुमार29
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