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लोग बेधड़क पेड़ों की कटाई कर रहे हैं। यह जानते हुए भी कि इससे भारी नुकसान हो रहा है, प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। ऐसे लोगों को गोपालगंज (बिहार) के श्री राधेश्याम पाण्डे से सीख लेनी चाहिए। श्री पाण्डे वर्षों से पेड़ लगा रहे हैं और उनकी सेवा भी कर रहे हैं। इसलिए लोग उन्हें “पेड़ बाबा” कहते हैं। वे हर दिन कहीं न कहीं पेड़ लगाते हैं। स्वयं गड्ढा खोदना, पेड़ लगाना, पानी डालना उनका दैनिक कार्य है। वे जहां पेड़ लगाते हैं, वहां उसकी देखरेख के लिए सप्ताह भर ठहरते भी हैं। पेड़ों के प्रति उनमें इतना लगाव है कि वे अपने बारे में कभी कुछ सोचते ही नहीं हैं। पेड़ों की सेवा के लिए उन्होंने विवाह तक नहीं किया। दिन-रात वे इसी विचार में लगे रहते हैं कि कहां पेड़ लगाएं, उसकी देखरेख कैसे करें। वे आम लोगों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका कहना है कि एक पेड़ लगाना सौ पुत्रों के सुख के समान है। पेड़ों के प्रति उनके प्रेम को देखकर सरकारी अधिकारियों ने उनके सामने नौकरी करने का प्रस्ताव रखा। बहुत कहने पर उन्होंने नौकरी की। अब उन्हें जो कुछ पैसा मिलता है, उससे वे पौधा खरीदते हैं और जगह-जगह उन्हें रोपते रहते हैं। संजीव कुमार16
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