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बच्चों पर संस्कारों का प्रभाव कितना अधिक पड़ता है, इसका उदाहरण है सहारनपुर (उ.प्र.) के सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज में छठी कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा स्वस्तिश्री। उल्लेखनीय है कि इस छात्रा ने पांचवीं तक की पढ़ाई सरस्वती शिशु मन्दिर में की है। यह छात्रा पिछले दिनों एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए जयपुर (राजस्थान) गई थी। वहां के दर्शनीय स्थलों का भ्रमण करने के बाद उसने अपने पिताजी से कहा कि यहां की थोड़ी मिट्टी घर ले चलते हैं। पिता जी ने पूछा क्यों? तो उसने कहा यह राजस्थान की मिट्टी है। इसमें वीरता एवं बहादुरी है, इसलिए यह माटी पूजनीय है। और अन्त में वह मिट्टी लेकर आई। विद्यालय लौटने पर उसने यह बात अपनी आचार्या सुमन जैन को बताई। फिर वरिष्ठ आचार्य श्री अरविन्द शर्मा ने उसे पुरस्कृत किया। प्रधानाचार्य श्री हरिओम सहस्रबुद्धे ने सभी छात्रों को इसी प्रकार की प्रेरणा लेने की बात कही।22
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