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जाने किस अनुपात में दिया नियति ने दान,आंसू के सागर मिले अंजुलिभर मुसकान।-बी.के.वर्मा “शैदी”कुछ हरियाली फूल कुछ कांटों का विस्तार,कैक्टस का है बाग या रिश्तों का संसार।-शैलेन्द्र शर्मादीपक चंदन आरती धनक चांदनी धूप,बच्चे की मुस्कान के कितने सारे रूप।-ताजदार ताजआंधी में जिस दिन गिरा चौबारे का नीमतबसे सक्रिय हो गये सारे नीम हकीम।-सिब्बन बैजीनगरों की पहचान है अनजानों की भीड़,पागल मन तो ढूंढता अपनेपन का नीड़।-किशोर कुमार कौशल22
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