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22 फरवरी, 2008 को 40 वर्षीय आइवर नायक आखिर बलांगीर पुलिस की गिरफ्त में आ ही गया। उड़ीसा पुलिस के लिए सरदर्द बन चुका आइवर नायक 24 दिसम्बर, 2007 को घटित कंधमाल दंगों का मुख्य अभियुक्त है। दंगे के बाद इसके विरुद्ध धारा 212/302, 34 के अन्तर्गत मुकदमा दर्ज हुआ है। नायक पर हिन्दू वनवासी खगेश्वर मल्लिक की हत्या का आरोप है, जो बाराखमा गांव का रहने वाला था। बारखमा गांव में 90 प्रतिशत ईसाई हैं। आइवर नायक पुलिस गिरफ्त में आने के समय अपने रिश्तेदार गजपति छत्रिया के घर छुपा था।43
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