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एड्स का झूठा आतंकपुस्तक का नाम : जागो भारतलेखिका : डा. मधु पोद्दारप्रकाशक : राहुल प्रकाशन, जे-64, पटेल नगर, गाजियाबाद (उ.प्र.)पृष्ठ : 302 – मूल्य : 250 रुपएचिकित्सा के क्षेत्र में व्यस्त रहते हुए भी सामाजिक-सांस्कृतिक-धार्मिक विषयों पर मौलिक अभिव्यक्ति से साहित्यिक क्षेत्र में डा. मधु पोद्दार ने एक पहचान बनायी है। “जागो भारत” पुस्तक में लेखिका ने भारतीय संस्कृति की विशिष्टताओं को तार्किक रूप से प्रस्तुत किया है।भारतीय विचार को मुख्य विषय के रूप में स्वीकार किया है। पश्चिमी अंधानुकरण के तार्किक विरोध से लेखिका की विद्वत्ता स्वत: स्पष्ट हो जाती है। उन्होंने युग परिवर्तन के सापेक्ष राष्ट्रीयता के संदर्भों को व्याख्यायित किया है। कुल चार खण्डों में विभाजित पुस्तक का पहला खण्ड “सामाजिक चिन्तन” को समर्पित है। अध्याय “मतान्तरण: क्या, क्यों और कैसे?” में मतान्तरण के कारण एवं निदान का विस्तार से वर्णन है। लेखिका के अनुसार, “भारत में 1948 में 10 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले सिर्फ 40 जिले थे जो अब बढ़कर 123 हो गए हैं।” (पृ. सं. 58) नि:संदेह यह चौंकाने वाली बात है। धन के लालच द्वारा, छल या बल द्वारागलत धारणाओं द्वारा, सेवा की आड़ में, किस तरह हिन्दुओं का मतान्तरण जारी है इसका तथ्यात्मक एवं तार्किक विवेचन इस अध्याय की विशेषता है। साथ ही इसके निदान-स्वरूप दिए गए सुझाव ग्रहणीय हैं। अध्याय “भारतीय इतिहास का अशुद्ध चित्रण” में खुलासा किया है कि किस तरह पश्चिम के विद्वानों ने भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया और दुर्भाग्य से हम सभी उसी राह पर अब भी चल रहे हैं। लेखिका ने एक तथ्यात्मक भूल की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया है। लिखा है कि जगद्गुरु शंकराचार्य के जन्मकाल में पाश्चात्य एवं भारतीय आधारों में करीब 1300 वर्षों का अंतर है। पाश्चात्य विद्वान इसे 788 ई. मानते हैं जबकि भारतीय मठ परम्परा की सूची के अनुसार यह 599 ई. पू. आता है, क्योंकि द्वारिका पीठ के सूचियों में हर आचार्य का वर्णन है। साथ ही आचार्य की किसी रचना में कहीं भी यवनों के आक्रमण का वर्णन नहीं है। आंखें खोल देने वाला यह तथ्य-तर्क विचारणीय है। एक चिकित्सक होने के नाते लेखिका ने यौन-शिक्षा की बुराइयों को भी अध्याय “यौन शिक्षा का औचित्य?” में स्पष्ट किया है।पुस्तक के दूसरे खण्ड में नवसंवत्सर, मकर संक्रान्ति, विजयादशमी, दीपावली की मूल भावनाओं को विश्लेषित किया गया है।तीसरे खण्ड में विभिन्न रोगों के कारण व समाधान की जानकारी दी गई है। लेखिका ने एड्स के खेल का पर्दाफाश किया है कि किस प्रकार नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गेना1818
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