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0 आई.आई.एम.-अमदाबाद ने तैयार की रेलवे की “कायापलट” में लालू यादव के “योगदान” पर 26 पृष्ठों की रपट0 संस्थान के प्रोफेसर रघुराम को मुफ्त रेल/हवाई यात्रा और अन्य सुविधाएं दी गईंदसंडे एक्सप्रेस की सूचना के अधिकार कानून के तहत दर्ज प्रार्थना के जवाब में रेल मंत्रालय ने लिखा है कि-रेलवे की “कायापलट” पर 26 पृष्ठ की रपट के लिए 4 लाख रुपए, शोध खर्च और अन्य मदों में पैसा दिया गया था। रपट आने के बाद सबसे पहले आई.आई.एम.-अमदाबाद ने लालू के लिए लाल गलीचा बिछाया था और उसके बाद हार्वर्ड (अमरीका) का एम.आई.टी. संस्थान उनसे मिलने को आतुर हुआ था। रेलवे की “कायापलट” पर “आलोचना और समीक्षा” के लिए इंडियन इंस्टीटूट आफ मैनेजमेंट, अमदाबाद को इतनी भारी रकम मिली थी तो उसकी रपट में रेल मंत्री लालू यादव की “बाजार की वास्तविकता की गहन समझ” के गुणगान होने ही थे। इस अध्ययन के लिए संस्थान को 4 लाख रुपए, सेवा कर सहित, साथ में शोध सहायता के लिए कम्प्यूटर तथा अन्य खर्चों के लिए अलग से पैसा दिया गया था। ये सब खुलासा खुद मंत्रालय ने किया है। ध्यान देने की बात है कि मई 2006 में “अध्ययन” की शुरुआत हुई थी, सितम्बर, 2006 में रपट तैयार थी और 18 सितम्बर को ही आई.आई.एम.-अमदाबाद ने लालू को संस्थान में आमंत्रित किया था, उन्हें “मैनेजमेंट गुरु” जैसा दर्जा दिया। आई.आई.एम.-अमदाबाद में लालू की तारीफों के बाद हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, व्हार्टन विश्वविद्यालय, बोस्टन विश्वविद्यालय, अमरीकी रक्षा संस्थान, एम.आई.टी. के स्लोन बिजनेस स्कूल ने भारतीय रेलवे की “कायापलट” से प्रभावित होकर भारत में प्रतिनिधिमंडल भेजे और इन्होंने लालू यादव से खासतौर पर मुलाकात की। 26 पृष्ठों की इस लालू “गुणगान रपट” में लालू द्वारा रेलवे बोर्ड में दखलंदाजी नहीं करने, उनकी खण्ड महाप्रबंधकों तक सीधी पहुंच और रेल कर्मचारियों और श्रमिक संघों से व्यवहार की तारीफें की गई हैं। रपट तैयार करने वाले आई.आई.एम., अमदाबाद के प्रो. रघुराम को भारतभर में रेल/हवाई जहाज में मुफ्त यात्राएं कराई गईं, सरकारी अतिथि गृहों में ठहराया गया तथा अन्य सुविधाएं दी गईं। प्रतिनिधि30
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