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आसुरी शक्तियों के विरुद्ध विश्व एक होशोभा यात्रा में भव्य झांकियों के साथ सम्मिलित हुए श्रद्धालुलेजिम प्रदर्शन करते हुए बालक। ऊ‚पर प्रकोष्ठ में संगम को संबोधित करते हुए सरसंघचालक श्री सुदर्शनकेन्या में इस बार मकर संक्रांति का उत्सव बहुत धूमधाम से मनाया गया। 14 जनवरी को केन्या की हिन्दू काउंसिल ने इस अवसर पर नैरोबी में विराट हिन्दू संगम का आयोजन किया। इस उत्सव में रा.स्व.संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी. सुदर्शन विशेष रूप से उपस्थित हुए। मकर संक्रांति के दिन नैरोबी में अभूतपूर्व उत्साह का वातावरण था। हिन्दू संगम से पूर्व रंग-बिरंगी झांकियों के साथ हिन्दू समाज के सभी वर्गों के प्रतिनिधि नाचते-गाते शोभा यात्रा में सम्मिलित हुए। शोभा यात्रा का शुभारंभ मनोनीत भारतीय उच्चायुक्त श्री परमप्रीत सिंह रंधावा ने ध्वज फहरा कर किया। झांकियां भी विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और भारत के गौरवपूर्ण इतिहास के प्रसंगों पर आधारित थीं। इसमें रामगढ़िया सिख गुरुद्वारे की ओर से “पंज प्यारे” का दृश्य दिखाने वाली झांकी थी तो जैन मंदिर की कलात्मक झांकी भी थी, स्वामिनारायण पंथ की चार झांकियां थीं तो पुष्टि मार्ग, साईं बाबा, जलाराम बापा, इस्कॉन, ब्राह्मकुमारी, महाराष्ट्र मंडल, लोहाना महाजन मंडल, अयप्पा मंदिर, अंबाजी मंदिर की झांकियां भी थीं। इस भव्य शोभा यात्रा में कूची लेवा पटेल समाज की ओर से लेजिम प्रदर्शन हो रहा था तो भारतीय स्वयंसेवक संघ और हिन्दू सेविका समिति के कार्यकर्ता घोष की धुन पर पथ संचलन कर रहे थे। मार्ग में विभिन्न संगठनों की ओर से शोभा यात्रा का स्वागत किया गया। शोभा यात्रा ओशवाल सेंटर से आरम्भ हुई और 3 घंटों में 4.5 किमी. का मार्ग तय करके हिन्दू संगम स्थल प्रीमियर क्लब पहुंची जहां सरसंघचालक श्री सुदर्शन ने इस शोभा यात्रा का स्वागत किया। एक आकलन के अनुसार इस अवसर पर सात हजार से अधिक लोग उपस्थित थे।रामधुन के साथ हिन्दू संगम का आरंभ हुआ। मंच पर सरसंघचालक श्री सुदर्शन के साथ मनोनीत उच्चायुक्त श्री रंधावा, हिन्दू काउंसिल आफ केन्या के अध्यक्ष श्री रश्मिन चिटणीस, न्यासी श्री प्रभुदास पत्तनी, श्री रजनी भाई कंटारिया, पूर्वी अफ्रीका के संघचालक श्री चुन्नी भाई हरिया, केन्या के संघचालक श्री नरेन्द्र शाह सहित अन्य विशिष्टजन उपस्थित थे।हिन्दू संगम को संबोधित करते हुए श्री सुदर्शन ने कहा कि आज दुनिया के सामने जिहादी इस्लाम, साम्राज्यवादी चर्च, माओवादी ताकतों और अमरीका द्वारा प्रसारित उपभोक्तावाद के रूप में चार प्रमुख चुनौतियां हैं। अगर इन आसुरी ताकतों का प्रतिकार नहीं किया गया तो ये विभिन्न देशों के सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक ताने-बाने को ध्वस्त कर देंगी। अत: इनको परास्त करना ही होगा। पूरा विश्व इनके खिलाफ एकजुट हो।उन्होंने आगे कहा कि केवल हिन्दुत्वनिष्ठ विचार ही आतंकवाद से लेकर उपभोक्तावाद तक की आज की समस्याओं का हल कर सकता है क्योंकि इसका आधार वैज्ञानिक है और समय की कसौटी पर यह सदा खरा उतरा है। हिन्दुत्वनिष्ठ विचारधारा ने व्यक्ति, समाज, ब्राह्माण्ड और परमात्मा के बीच संबंधों में संतुलन बनाए रखा है। श्री सुदर्शन ने कहा कि इस महान संस्कृति के प्रतिनिधि होने के नाते हिन्दुओं ने अध्यात्मिकता पर आधारित अपनी चिरंतन शक्ति को पहचानना शुरू कर दिया है। सामाजिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में वैदिक सिद्धांतों के आधार पर व्यवस्थाओं का पुनर्निर्धारण करने की कोशिशें की जा रही हैं। यह जानते हुए कि विविधता हिन्दू समाज को एक अनूठा आयाम देती है, हिन्दू समाज ने एकता के सूत्र खोजने के प्रयास और तेज कर दिये हैं। उन्होंने उपस्थित हिन्दुओं का आह्वान किया कि आज के बदलते वैश्विक परिदृश्य में वे एकजुट हों क्योंकि यह समय की मांग है। प्रतिनिधि21
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