|
-डा. हर्षवर्धन, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा (दिल्ली)
दिल्ली के व्यापारियों के समर्थन में भाजपा द्वारा धरना, विरोध प्रदर्शन और गिरफ्तारी देने का क्रम पिछले 10 महीने से चल रहा है। प्रदेश भाजपा के वरिष्ठ नेताओं सहित 50 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं ने इस संदर्भ में गिरफ्तारी दी और तीन-तीन दिन तक तिहाड़ जेल में बंद भी रहे। यह हमारे लिए एक अत्यंत संवेदनशील विषय है, राजनीतिक मुद्दा कतई नहीं है। यह दिल्ली के 50 लाख लोगों के जीवन-मरण का विषय है और केन्द्र तथा प्रदेश सरकार इस पर उदासीन है। दरअसल दिल्ली की सरकार “मॉल संस्कृति” से प्रभावित है। कहीं न कहीं सरकार ने मॉल वालों से सांठगांठ की है या अन्तरराष्ट्रीय कम्पनियों के दबाव में खुदरा व्यापार को समाप्त करना चाहती है। ऐसे में भाजपा का धर्म है वह जनता की आवाज को बुलंद करे।
दिल्ली के विकास के लिए सबसे बड़ी संस्था दिल्ली विकास प्राधिकरण ने पूरी दिल्ली में मात्र 16 प्रतिशत “शांपिंग काम्पलेक्स” बनाए, जो दिल्ली की बढ़ती आबादी की आवश्यकता से बहुत कम है। ऐसे में लोगों ने अपना पेट भरने के लिए अपने घर या किसी बाजार में दुकान लगाई, तब सरकार की किसी व्यवस्था ने उन्हें नहीं रोका बल्कि उनसे बिजली, पानी, भवन आदि का कर भी लिया। यहां तक कि व्यापार करने के लिए “लाइसेंस” भी दिया। इसलिए अचानक उन्हें अवैध नहीं कहा जा सकता। अब सरकार खुद को बचाने के लिए न्यायालय में गलत तरीके से तथ्यों को रख रही है और दूसरी तरफ घड़ियाली आंसू बहाकर व्यापारियों के दु:ख में सहभागी बनना चाहती है। सरकार वास्तव में व्यापारियों को उजड़ने से बचाना चाहती है तो पिछले “मास्टर प्लान” में संशोधन कर न्यायालय में प्रस्तुत करे, आम माफी की घोषणा करे और नया “मास्टर प्लान 2021” शीघ्र घोषित करे। (वार्ताधारित)
27
टिप्पणियाँ