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गत 3 मार्च को केरल के कोझीकोड जिले में 15 मिनट के अंतराल पर हुए दो विस्फोट इस सुरम्य प्रदेश में जिहादी आतंक की दस्तक गुंजा गए। टाइमर की सहायता से किए गए इन विस्फोटों ने जहां शहरवासियों में आतंक पैदा कर दिया है, वहीं पुलिस की चिंता भी बढ़ा दी है। हालांकि विस्फोट में कोई घायल नहीं हुआ, लेकिन विस्फोट में प्रयोग हुए टाइमर एवं पुलिस को पूर्व सूचना देकर की गई इस घटना से जिहादियों ने मनचाहे स्थान पर हमला करने की अपनी क्षमता जाहिर कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इन विस्फोटों के पीछे किसी कट्टर मजहबी संगठन का हाथ हो सकता है। राज्य में पिछले महीनों में आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं। विस्फोट के दो महीने पूर्व ही केरल राज्य पथ परिवहन निगम बस स्टैंड से 45 जिलेटीन की छड़ें बरामद की गई थीं। अगले दिन शहर के बाहर एक रेलवे पुल के पास से बरामद हुए देसी बमों से भी इसी बात की पुष्टि होती है।
पिछले दिनों पुलिस को प्राप्त हुई गुप्तचर सूचनाओं में भी इस बात के संकेत दिए गए थे कि राज्य में कुछ कट्टरपंथी जिहादी संगठनों की गतिविधियां तेज हो सकती हैं। राज्य सरकार में मुस्लिम लीग के प्रभाव को देखते हुए गृह विभाग इस घटना को गंभीरता से नहीं ले रहा है। लेकिन जिलेटीन छड़ों की बरामदगी, बेपोर में मछुआरों की नाव में हुए विस्फोट, अब्दुल नजर मदनी की रिहाई की मांग करते हुए तमिलनाडु परिवहन की बस को जलाया जाना तथा कोच्चि और अलप्पुझा से भारी मात्रा में हथियारों की बरामदगी की घटनाएं राज्य में किसी आतंकवादी सूत्र के सक्रिय होने की ओर इशारा करती हैं। सूत्रों के अनुसार इसके पीछे विस्फोट करने वालों की सत्ताधारी पार्टी मुस्लिम लीग से घनिष्ठता एक वजह है।
उल्लेखनीय है कि लीग के केन्द्र में मंत्री ई. अहमद ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के विरुद्ध मुस्लिम लीग के नेता पी.के. कुन्हली कुट्टी के स्वागत में कोझीकोड हवाई अड्डे से तिरंगा उतारकर लीग का झंडा फहराने के अपराध का मामला रफा-दफा करा दिया था।
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