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– केवल कृष्ण कुमारस्वामी, शक्ति भोग समूह, नई दिल्लीभारत में शिक्षा और अर्थ की कभी कमी नहीं रही। इसलिए यह देश कभी “विश्व गुरु” और “सोने की चिड़िया” कहलाता था। ऐसा इसलिए था क्योंकि पहले लोग मेहनत से जी नहीं चुराते थे और उनमें ईमानदारी भी थी। जो जितनी मेहनत क
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