माटी का मन
July 19, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

माटी का मन

by
Jun 3, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 03 Jun 2005 00:00:00

डा.रवीन्द्र अग्रवालकैसे बढ़े रोजगार?इस समय देश के सामने सबसे बड़ी समस्या नए रोजगार सृजित करना है। परन्तु क्या देश रोजगार सृजन के रास्ते पर चल रहा है? पिछले कुछ वर्षों से उदारीकरण के नाम पर अपनायी जा रही आर्थिक नीतियों के परिणाम तो दूसरी ही कहानी कहते हैं। आंकड़े बताते हैं कि सार्वजनिक औद्योगिक क्षेत्र में 1977 में जहां 1.96 करोड़ लोगों को रोजगार प्राप्त था वहीं 2002 में यह संख्या घटकर 1.88 करोड़ रह गई। इसी प्रकार निजी क्षेत्र 1998 में जहां 87.48 लाख लोगों को रोजगार दे रहा था वहीं 2002 में यह संख्या घटकर 84.32 लाख रह गई। अर्थात् विकास के तमाम तथाकथित दावों के बावजूद रोजगार कम हुआ।एक ओर तो रोजगार कम हो रहे हैं, दूसरी ओर सरकार रोजगार गारन्टी कार्यक्रम के नाम पर बेरोजगारों की आंखों में धूल झोकना चाह रही है। इस नए कार्यक्रम के अनुसार परिवार में एक व्यक्ति को 100 दिन का रोजगार सुनिश्चित किया जाना है। क्या छलावा है, औद्योगिक क्षेत्र में ऐसी नीतियां अपनाई जा रही हैं जिससे रोजगार कम हो रहा है और लोगों का ध्यान इस ओर न जाए इसलिए 100 दिन के रोजगार की गारन्टी का सपना दिखाया जा रहा है। सरकार की इन नीतियों से गांव का आम आदमी सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहा है। कारण यह है कि गांव के परम्परागत उद्योग-धंधे बड़े उद्योगों और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों के कारण धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं। खेती तो पहले से ही घाटे का सौदा रही है और अब ग्रामीण उद्योग व परम्परागत रोजगार ठप होने से रोजगार के अवसर सीमित होते जा रहे हैं। इस कारण शहरों की ओर असीमित पलायन बढ़ रहा है।गांवों में उत्पन्न हुए इस संकट पर राष्ट्रपति डा. ए.पी.जी. अब्दुल कलाम ने गणतन्त्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने सम्बोधन में चिंता व्यक्त की थी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था “हमें ग्रामीण उद्यम को मूल्य संवर्धित कार्यों में कुशल बनाकर कृषि क्षेत्र से हटे 10 प्रतिशत लोगों को पुन: स्थापित करना चाहिए ताकि शहरी क्षेत्रों की ओर उनका आना कम हो जाए।”गांवों से शहरों की ओर पलायन उन नीतियों का दुष्परिणाम है जो शहर केन्द्रित रही हैं। गांवों से पलायन रोकने का एकमात्र उपाय ग्राम केन्द्रित आर्थिक नीतियों को अननाना है। यदि गावों से पलायन नहीं रुका तो बेरोजगारी की समस्या विकराल होकर महानगरों की समस्या बनकर सुरसा के मुंह की तरह बढ़ती जाएगी। यदि शहरों को समस्याओं का महानगर बनाने से बचाना है तो गांवों पर तत्काल ध्यान देना होगा।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ज्ञान सभा 2025 : विकसित भारत हेतु शिक्षा पर राष्ट्रीय सम्मेलन, केरल के कालड़ी में होगा आयोजन

सीबी गंज थाना

बरेली: खेत को बना दिया कब्रिस्तान, जुम्मा शाह ने बिना अनुमति दफनाया नाती का शव, जमीन के मालिक ने की थाने में शिकायत

प्रतीकात्मक चित्र

छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में छह नक्सली ढेर

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies