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उड़िया साप्ताहिक राष्ट्रदीप ने मनाया बसन्त मिलन उत्सवपाखंडी कम्युनिस्ट लोकतंत्र के पैरोकार कब से हुए?-बलबीर पुंज , सांसद (राज्यसभा)श्री ब्राजबंधु प्रधान दीप प्रज्ज्वलित करके बसंत उत्सव का उद्घाटन करते हुएविचार गोष्ठी के मंच पर हैं (बाएं से) श्री शान्तनु आचार्य, श्री बलबीर पुंज, श्री रघुनाथ महापात्र एवं श्री नयन रंजन प्रसादगत 14 फरवरी को कटक (उड़ीसा) में प्रसिद्ध उड़िया साप्ताहिक राष्ट्रदीप ने 13वां बसंत मिलन उत्सव मनाया। इस अवसर पर एक विचार गोष्ठी आयोजित की गई जिसके मुख्य वक्ता थे वरिष्ठ स्तंभकार एवं राज्यसभा सांसद श्री बलबीर पुंज। 14 फरवरी को देश के अंग्रेजी दां युवकों द्वारा वेलेन्टाइन डे मनाने पर चुटकी लेते हुए उन्होंने कहा कि जहां इस दिन कुछ पथ भ्रष्ट लोग प्रेम का दिखावा कर रहे हैं, हम भारतीय संस्कृति का उत्सव मना रहे हैं। उन्होंने कहा कि बौद्धिक आतंकवाद और राष्ट्रविरोधी मीडिया के इस वातावरण में राष्ट्रदीप पत्रिका आशा की किरण है। श्री पुंज ने कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट और कांग्रेस, केन्द्र की संप्रग सरकार पर दबाव डाल रहे हैं कि नेपाल के राजा की तानाशाही के विरुद्ध हिन्दू राष्ट्र नेपाल को दी जा रही, हर तरह की सहायता बन्द कर दी जाए। भारतीय विदेश नीति लोकतंत्र को इतना महत्व देती है तो फिर तानाशाह शासन तंत्र वाले पाकिस्तान, सऊदी अरब और चीन से हमें अपने रिश्ते खत्म कर लेने चाहिए। उन्होंने चेताया कि नेपाल पर इतना दबाव नहीं डाला जाना चाहिए अन्यथा कहीं वह भारत विरोधी रूख न अपना ले। उन्होंने छद्म सेकुलरवाद पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पंथनिरपेक्षता का अर्थ होता है सभी पांथिक और मजहबी समुदायों के प्रति समान आदर, पर आज इसकी व्याख्या वोट बैंक की दृष्टि से की जा रही है। इसका पुरजोर विरोध करने की आवश्यकता है।राष्ट्रदीप प्रकाशन के सचिव डा. रघुनाथ महापात्र की अध्यक्षता में आयोजित हुए बसंत मिलन उत्सव के मुख्य अतिथि उड़ीसा के सुप्रसिद्ध विद्वान प्रो. शान्तनु आचार्य थे। राष्ट्रदीप के सम्पादक श्री जगबंधु मिश्रा ने अतिथियों का परिचय कराया और धन्यवाद ज्ञापन प्रकाशक श्री नयन रंजन प्रसाद ने किया। इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन रा.स्व.संघ, कटक विभाग के संघचालक प्रसिद्ध शिक्षाविद् श्री ब्राजबन्धु प्रधान ने किया। शिवनारायण सिंहNEWS
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