माओवादी कम्युनिस्टों का
July 17, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

माओवादी कम्युनिस्टों का

by
Jan 5, 2005, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 05 Jan 2005 00:00:00

लाल गलियारावासुदेव पाल”बन्दूक की नोंक से ही होगी सत्ता की प्राप्ति”, सत्तर के दशक में बंगाल के नक्सलबाड़ी नामक स्थान से सशस्त्र लड़ाई का यह नारा दिया गया था। सत्ता पाने के लिए वर्गविहीन समाज की स्थापना करना, नक्सलवाद की सोच को उजागर करता है। उनकी भाषा में इसे “क्लासलैस सोसायटी” कहा जाता था। कुछ वर्षों तक बहुत सारे मेधावी छात्रों की जानें गयीं, फिर इस क्रांति का अन्त हुआ था। जो नक्सलवादी इसे “शूकर की खोल” कहते थे वे ही इस “खोल” के आवरण में बाना बदलकर सत्ता तक पहुंचने के प्रयासों में जुट गए। पिछले दो-तीन वर्षों से सरकारी योजनाओं की असफलता व जनजातीय बहुल क्षेत्रों में विकास न कर पाने के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराकर नक्सली गुट गरीब व अनपढ़ लोगों को अपने पक्ष में लाने में जुट गए। फलत: एक लंबा “लाल गलियारा” तैयार हुआ। भारत के राज्य सरकारों की नींद तब खुली जब आए दिन पुलिस तथा सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष व हमलों का सिलसिला बढ़ता गया।नेपाल में माओवादियों ने अत्याधुनिक हथियारों के बूते शाही नेपाली सेना के विरुद्ध अपना संघर्ष जारी रखा है। सूत्रों के मुताबिक राजधानी काठमाण्डू के बाहर नेपाल सरकार की पकड़ नहीं है, वहां माओवादियों की समानान्तर सरकार चल रही है। हाल ही बनारस (उ.प्र.) के नजदीक चंदौली जिले में 18 पुलिसकर्मियों को नक्सलियों ने मौत के घाट उतारा था। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इस काम में माओवादियों का भरपूर सहयोग कर रही है। उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, बिहार, मध्य प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल में विभिन्न नामों से माओवादियों की सक्रियता बढ़ी है। पश्चिम बंगाल के तीन जिलों-बांकुड़ा, पुरुलिया व पश्चिम मेदिनीपुर के जनजाति बहुल क्षेत्र में माओवादियों ने सुरक्षाकर्मियों पर अनेक जानलेवा हमले किए हैं। आंध्र प्रदेश की राजशेखर रेड्डी सरकार की नक्सली गुटों से बिना शर्त वार्ता के कारण सुरक्षा बलों का मनोबल टूटा है। वार्ता के पश्चात इन गुटों को पुनर्जीवित होने का मौका मिल गया है। इसी कड़ी में बिहार विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए गए भारतीय जनता पार्टी के नेता वेकैंया नायडू के हेलिकाप्टर पर हमला किया गया। केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इस समय भारत के 15 प्रदेशों के 170 जिले नक्सलवादियों की चपेट में हैं। सन् 2003 में यह संख्या नौ राज्यों के 55 जिलों तक ही सीमित थी। सन् 2004 में ये 13 प्रांतों के 155 जिलों में फैल चुके थे। प्रकाशित मानचित्र में देखें तो यह नक्सलवाद आंध्र प्रदेश के तेलंगाना क्षेत्र से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, दण्डकारण्य, बस्तर, पश्चिम झारखण्ड, उत्तर प्रदेश, उत्तराञ्चल व बिहार के नेपाल से सटे इलाकों तक फैल चुका है। यानी हैदराबाद से काठमाण्डू तक “लाल गलियारे” का निर्माण हो चुका है। उत्तरी बंगाल से नेपाली माओवादियों के कई बड़े नेता पकड़े गए। इससे इस बात को बल मिलता है कि भारत तथा नेपाल के माओवादियों में आपसी मिलीभगत है। नेपाल के राजा द्वारा सत्ता की बागडोर अपने हाथों में लेने के बाद माओवादियों के कुछ नेता नेपाल से भागकर भारत में आ गए हैं।भारत में नक्सलवादी गतिविधियों के कारण बने “लाल गलियारे” को दर्शाता मानचित्रकुछ महीनों पहले मध्य प्रदेश में सुरक्षा बलों ने माओवादियों से हथियार बरामद किए थे, जिन पर “मेड इन पाकिस्तान” अंकित था। इससे पता चलता है कहीं न कहीं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. माओवादियों की मदद कर रही है। गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार नक्सवादी 30 सितम्बर, 2004 तक देशभर में 117 जन अदालतें आयोजित कर चुके हैं।उड़ीसा के मलकानगिरि जिले के एक बैंक प्रबंधक का कहना है कि यहां की आर्थिक व्यवस्था बदतर होती जा रही है। बैंक के अधिकारी डर के कारण ऋण की वसूली के लिए गांवों की तरफ नहीं जा पा रहे हैं। अब बैंक भी ग्रामीणों को ऋण देने में कतरा रहा है। कुछ स्वयंसेवी संस्थाओं (जो ग्रामीण क्षेत्रों में कार्य करती हैं) का कहना है कि नक्सलवादी जन अदालतें आयोजित कर गरीब जनता को अपने जाल में फंसाते हैं। मुठभेड़ में मारे गए नक्सवादियों के पास से पुलिस को भारी मात्रा में धन भी मिला है। माना जा रहा है कि नक्सलवादी लकड़ी व खनिज पदार्थों का व्यवसाय करने वालों से 50 प्रतिशत “कर” वसूल करते हैं। चुनाव की राजनीति में भी ये लोग माहिर हैं। आंध्र प्रदेश से उड़ीसा के मलकानगिरि, कोरापुर होकर गढ़चिरोली (महाराष्ट्र) तक एक लम्बे “लाल गलियारे” से नक्सलवादी आसानी से दूसरे राज्यों में प्रवेश कर जाते हैं। उड़ीसा के गृह सचिव संतोष कुमार के अनुसार सरकारी तौर पर व्यापक विकास ही इसका एकमात्र समाधान है। केवल बातचीत के द्वारा समाधान कर पाना असंभव है। कर्नाटक पुलिस के मुताबिक विगत छह महीनों के दौरान नक्सलियों के साथ 600 बार गोलीबारी की घटनाएं हो चुकी हैं। भारत सरकार के लिए इन राज्यों में माओवादियों का मुकाबला करना आसान काम नहीं है।NEWS

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

बोरोप्लस के भ्रामक विज्ञापन को लेकर इमामी कंपनी पर लगा जुर्माना

‘विश्व की नंबर वन क्रीम’ बताना बोरोप्लस को पड़ा महंगा, लगा 30 हजार का जुर्माना

एयर डिफेंस सिस्टम आकाश

चीन सीमा पर “आकाश” का परीक्षण, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी भारत की ताकत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

10 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त AI प्रशिक्षण, गांवों को वरीयता, डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी, कम उत्पादन वाले 100 जिलों में होगी लागू

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

बोरोप्लस के भ्रामक विज्ञापन को लेकर इमामी कंपनी पर लगा जुर्माना

‘विश्व की नंबर वन क्रीम’ बताना बोरोप्लस को पड़ा महंगा, लगा 30 हजार का जुर्माना

एयर डिफेंस सिस्टम आकाश

चीन सीमा पर “आकाश” का परीक्षण, ऑपरेशन सिंदूर में दिखाई थी भारत की ताकत

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस

10 लाख लोगों को मिलेगा मुफ्त AI प्रशिक्षण, गांवों को वरीयता, डिजिटल इंडिया के लिए बड़ा कदम

केंद्र सरकार ने ‘प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना’ को मंज़ूरी दी है।

प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना को मंज़ूरी, कम उत्पादन वाले 100 जिलों में होगी लागू

PM मोदी का मिशन : ग्लोबल साउथ के नेतृत्व के लिए तैयार भारत

अमृतसर : हथियारों और ड्रग्स तस्करी में 2 युवक गिरफ्तार, तालिबान से डरकर भारत में ली थी शरण

पंजाब : पाकिस्तानी जासूस की निशानदेही पर एक और जासूस आरोपित गिरफ्तार

छांगुर का अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क बेनकाब : विदेशों में भी 5 बैंक अकाउंट का खुलासा, शारजाह से दुबई तक, हर जगह फैले एजेंट

Exclusive: क्यों हो रही है कन्हैयालाल हत्याकांड की सच्चाई दबाने की साजिश? केंद्र सरकार से फिल्म रिलीज की अपील

एयर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद रिहायशी इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था  (File Photo)

अमदाबाद Boing दुर्घटना की रिपोर्ट ने कई देशों को चिंता में डाला, UAE और S. Korea ने दिए खास निर्देश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies