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सीमा पर मादक पदार्थप.बंगाल के सीमावर्ती जिलों में बंगलादेशी घुसपैठ को लेकर पिछले दिनों सीमा सुरक्षा बल के महानिदेशक अजय राज शर्मा ने चिंता जताई थी। घुसपैठ के अलावा इन सीमावर्ती जिलों में अब अफीम और गांजे की खेती में तेजी से बढ़ोत्तरी को लेकर राज्य का गृह विभाग सतर्क हो गया है। राज्य के उत्पाद कर विभाग ने अपनी रपट में इस बारे में विस्तार से खुलासा भी किया है। अफीम और गांजा यहां से बंगलादेश और भूटान ले जाकर बेचा जा रहा है। हाल ही में बड़ी मात्रा में अफीम और गांजे का पकड़ा जाना यह साबित करता है कि बंगलादेश व भूटान से सटे प. बंगाल के सीमावर्ती जिलों- न्यू जलपाईगुड़ी, कूच बिहार, नादिया और मुर्शिदाबाद में इन मादक पदार्थों की बड़े पैमाने पर खेती की जा रही है। वर्ष 2003 में राज्य उत्पाद कर विभाग ने 652 किलो गांजा और 501 किलो अवैध अफीम जब्त की थी। उत्पाद कर अधिकारी कहते हैं कि सीमावर्ती जिलों में इन पदार्थों की खेती खूब मुनाफा देती है क्योंकि निकट के बंगलादेशी और भूटानी बाजारों में इन्हें आसानी से पहुंचाया जा सकता है। इन उत्पादों को बड़े-बड़े बंडलों में बांधकर सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर सीमा के उस पार पहुंचाया जाता है। अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल गांजे के 9,55,631 पौधों को नष्ट किया गया था। गांजा और अफीम उत्पादक इन पदार्थों की बिक्री के लिए कोलकाता और उसके उपनगरों की ओर नहीं देखते क्योंकि वहां तो उत्तर प्रदेश से इन पदार्थों की पूर्ति हो जाती है। राज्य के कृषि मंत्री कमल गुहा भी स्वीकारते हैं कि इन सीमावर्ती इलाकों में मादक पदार्थों की खेती धड़ल्ले से की जा रही है।बढ़ता दु:साहस!पिछले दिनों उड़ीसा में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा का वार्षिक महोत्सव शुरू हुआ। पुरी में मुख्य मंदिर के अलावा राज्य के अनेक स्थानों पर भक्तों ने भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और देवी सुभद्रा की रथयात्रा का उत्साहपूर्वक स्वागत किया। ऐसा ही एक उत्सव नवरंगपुर के निकट भी हुआ। भुवनेश्वर से लगभग 625 किलोमीटर दूर नवरंगपुर के पास गांव कोसागूमूड़ा में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर दो असामाजिक तत्वों ने अण्डे फेंकने शुरू कर दिए। लोगों ने उन्हें पकड़ा तो पता चला कि वे दोनों ईसाई थे- कुसिआ और लालचन्द। मामले की गम्भीरता को देखते हुए पुलिस ने दोनों को धारा 295(ए) के तहत 22 जून को गिरफ्तार कर लिया, हालांकि यह घटना 19 जून को घटी थी। घटना की जानकारी मिलने पर हिन्दू समाज उद्वेलित हो गया। भुवनेश्वर में हिन्दू जागरण मंच के प्रदेश अध्यक्ष श्री अशोक साहू एवं बजरंग दल, उड़ीसा के संयोजक श्री सुभाष चौहान ने पत्रकार वार्ता आयोजित कर आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन चर्च के दबाव में काम कर रहा है। उन्होंने मांग की कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इसकी उच्चस्तरीय जांच की जानी चाहिए ताकि ऐसी हरकत करने वालों के पीछे असली षडंत्रकारियों का पर्दाफाश किया जा सके।लालू जी सुन रहे हैं क्या?रेल मंत्रालय की चर्चा इन दिनों जोरों पर है। “हवाई जहाज में जाएंगे रेल के डिब्बे” या “कचरा उठाने के लिए गधे भी सक्रिय हुए” जैसी खबरें अखबारों के पहले पन्ने पर चटखारे लेकर पढ़ी जा रही हैं। कुल्हड़ में चाय और रेलमंत्री लालू प्रसाद यादव द्वारा रेलवे स्टेशनों का औचक निरीक्षण भी चर्चा का विषय है। पर उन यात्रियों की सुध किसी को भी नहीं जो नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन धक्के खा रहे हैं। ये वे लोग हैं जिन्हें रेलवे में आरक्षण चाहिए होता है और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन स्थित आरक्षण केन्द्र पर वाहन खड़ा करने की कोई सुचारू व्यवस्था नहीं है। डेढ़-दो वर्ष पूर्व अचानक किन्हीं कारणों से इस आरक्षण केन्द्र पर अच्छे-भले चल रहे वाहन स्थानक (पार्किंग) को समाप्त कर दिया गया और दरवाजे पर तख्ती लटका दी गई कि “अपने वाहन नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की “पार्किंग” में खड़ा करें।” यह “पार्किंग” आरक्षण केन्द्र से लगभग 500 मीटर दूर है। अब जून के महीने में भी लोग नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आरक्षण केन्द्र तक पसीना बहाते हुए जाते और आते हैं। उन्हें दर्द तब और अधिक होता है जब वहां जाकर पता चलता है कि “आरक्षण उपलब्ध नहीं है।” पर सर्वाधिक कठिनाई झेल रहे हैं वे बुजुर्ग तथा अपंग यात्री जिन्हें रेलवे किराए में छूट भी देती है। उन लोगों के लिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से आरक्षण केन्द्र तक जाना और आना दुष्कर कार्य प्रतीत होता है। संभवत: इसीलिए अब “पार्किंग” के पास “टिकटों के दलाल” घूमते पाए जाते हैं ताकि इन्हें सुविधा देकर वे कीमत वसूल सकें। दलालों को तो इन यात्रियों की परेशानी दिख गई, पर शायद रेल अधिकारियों और उनके मंत्री को नहीं, क्योंकि इससे “न्यूज” नहीं बनेगी न।27
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