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विश्व क्षितिज परनये भारतीय का उदयउद्घाटन9 जनवरी, 2003 को नई दिल्ली में आयोजित भारतवंशियों के सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी करेंगे।विशिष्ट अतिथिइस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मारीशस के प्रधानमंत्री श्री अनिरुद्ध जगन्नाथ उपस्थित होंगे।प्रवासी भारतीय दिवस9 जनवरी ही क्यों?नौ जनवरी, 1915 के दिन दक्षिण अफ्रीका में 21 साल रहने के बाद प्रवासी भारतीय मोहनदास करमचन्द गांधी ने एक बार फिर पुण्यभूमि भारत की माटी को चूमा था, वे हमेशा-हमेशा के लिए विदेश की धरती छोड़कर भारत लौट आए थे। नौ जनवरी प्रतीक है प्रवासी भारतीय के मन में भारत के लिए चिन्ताओं का, प्रेम का, पीड़ा और कुछ करने के संकल्प का।प्रवासी भारतीय सम्मानइस अवसर पर दस प्रमुख भारतवंशियों को प्रवासी भारतीय सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। अमरीका की मैकिन्जी एण्ड कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री रजत गुप्ता, ब्रिटेन के लार्ड नवनीत ढोलकिया, श्री मनु चंदरिया (केन्या), श्री बाब हरिलीला (हांगकांग), श्री अभिमन्यु अनत (मारीशस), श्री उज्जल दोसांझ (कनाडा) सहित दस भारतवंशियों को अपने क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों के लिए प्रवासी भारतीय सम्मान से अलंकृत किया जाएगा। सम्मानस्वरूप उन्हें एक स्वर्ण पदक, एक प्रमाणपत्र तथा प्रशस्तिपत्र प्रदान किया जाएगा। इन सभी का अपने-अपने क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान है, किन्तु यह समझ नहीं आया कि इन सबसे किसी भी दृष्टि से जो कम नहीं, उन सर वी.एस. नायपाल का नाम इस सम्मान सूची में शामिल क्यों नहीं किया गया?चर्चा सत्र सम्मेलन में जो भी होगाकुछ अजब होगा…और कुछ गजब!!थ् सर विद्याधर सूरजप्रसाद नायपाल और उप-प्रधानमंत्री श्री लालकृष्ण आडवाणी का पृथक सत्र होगा। थ् फिल्म निर्देशकों और सम्पादकों के चर्चा सत्र में आएंगी केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज। थ् केन्द्रीय दूरसंचार एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री प्रमोद महाजन, नारायण मूर्ति, किरण कार्णिक, बी.रामलिंगम सहित सूचना प्रौद्योगिकी के दिग्गज इकट्ठे होंगे।थ् मुम्बई से पुराने फिल्मी सितारों में देवानंद, विनोद खन्ना, हेमा मालिनी, तो नये सितारों में शाहरुख खान, ऐश्वर्य राय, रवीना टंडन भी। थ् केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डा. मुरली मनोहर जोशी के साथ विशेष सत्र में विज्ञान और प्रौद्यागिकी पर चर्चा। थ् डा. आर. चिदम्बरम्, डा. आर.ए. माशेलकर, प्रो. भक्त रथ जैसे दिग्गज वैज्ञानिक इकट्ठे होंगे।खास लोगवि·श्व में अपनी पहचान बनाने वाले अनेक भारतवंशी इस सम्मेलन में शामिल होने आ रहे हैं। इनमें कुछ प्रमुख हैं-थाईलैंड के सुप्रसिद्ध व्यवसायी शिवनाथ राय बजाज, केन्या के श्री मनु चंदरिया, दुनियाभर में 50,000 से अधिक लोग इनके प्रतिष्ठानों में कार्यरत हैं। हांगकांग के प्रतिष्ठित व्यवसायी श्री बाब हरिलीला, ब्रिटिश कोलाम्बिया के पूर्व प्रधानमंत्री श्री उज्जल दोसांझ, ओमान से कनक खीमजी, जिनके पूर्वज 300 वर्षों से ओमान में हैं और वहां के सुल्तान से इनके परिवार के घनिष्ठ सम्बंध हैं। नेल्सन मंडेला की जीवनी लेखिका और वहां के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली प्रो. फातिमा मीर, फिजी सरकार में मंत्री श्री जार्ज शिवराज, मारीशस के प्रतिष्ठित हिन्दी लेखक श्री अभिमन्यु अनत, दुनिया के चार सर्वश्रेष्ठ बिजनेस स्कूलों में एक कैलोग बिजनेस स्कूल के पहले भारतीय मूल के डीन श्री दीपक जैन, ओमान से मोहम्मद अली, जिन्होंने कोचीन में पहला प्राइवेट एयरपोर्ट स्थापित किया था।यह है हुसैन द्वारा बनाया गयाप्रवासी भारतीय दिवस का प्रतीक चिन्हप्रतीक चिन्ह के लिएहुसैन ही क्यों?भारतवंशियों और भारतवर्ष के सांस्कृतिक सूत्रों को नये सिरे से मजबूती से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित भारतवंशियों के सम्मेलन का प्रतीक चिन्ह बनाने के लिए इस आयोजन के कर्ता-धर्ताओं की नजर मकबूल फिदा हुसैन पर ही टिकी, जिन्होंने अपनी अश्लील, कामुक, घटिया हरकतों से अक्सर भारतीय संस्कृति, हिन्दुओं के देवी-देवताओं का अपमान किया है। हुसैन द्वारा बनाया गया मां सरस्वती का नग्न चित्र, माता सीता को भक्त हनुमान की पूंछ पर बैठाना कुछ ऐसे उदाहरण हैं। क्या इन कर्ता-धर्ताओं की नजर हुसैन की इन हरकतों पर नहीं पड़ी?17
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