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जीवन की प्राण-रेखा है हिन्दुत्व मैं हिन्दू क्यों हूं?द अश्विनी मिन्नासंपादक, पंजाब केसरीमुझे नहीं मालूम कि मैं हिन्दू क्यों हूं। मैं इसे संयोग या ई·श्वर की इच्छा ही कहूंगा कि मैंने एक हिन्दू परिवार में जन्म लिया और मुझे इस बात पर गर्व है। दुनिया में जितने भी धर्म हैं, उनका अंतिम लक्ष्य परमात्मा को पाना है। लेकिन हिन्दू धर्म एकमात्र ऐसा धर्म है जिसमें मोक्ष की प्राप्ति संभव है यानी जन्म एवं मृत्यु के प्रवाह से शरीर को मुक्ति मिलती है।हिन्दू धर्म एक अत्यंत सहिष्णु धर्म है तथा दुनिया के किसी भी मत-पंथ की तुलना में पूर्ण रूप से लोकतांत्रिक धर्म है। इसमें प्रत्येक व्यक्ति को अपने इष्ट के प्रति निष्ठा रखने का पूर्ण अधिकार है। इसके अलावा हिन्दू धर्म में विद्यमान कुरीतियां या वे बातें जिन्हें गलत माना जाता है, की खुलकर आलोचना कर सकने का किसी भी हिन्दू को पूरा अधिकार है। यह स्वतंत्रता किसी अन्य मत या पंथ में नहीं है। इस्लाम की ही बात करें तो किसी मुसलमान को इस्लाम के बारे में किसी भी प्रकार की आलोचना का कोई अधिकार नहीं है। यही स्थिति ईसाई मत में है। ईसाई मत में यीशू के शब्द ही सब कुछ हैं। पर हिन्दू धर्म के विभिन्न धार्मिक ग्रंथों-भगवद्गीता या रामायण पर अब तक कितनी ही विश्लेषणात्मक पुस्तकें लिखी जा चुकी हैं। अन्य पंथों में एक रास्ता बता दिया गया तथा उसी पर चलने को कहा गया।लोकतंत्र एक अलग विचार है। किन्तु धर्म में लोकतंत्र का होना केवल हिन्दू धर्म में ही है। हिन्दू धर्म इतना गहन और विशद है कि इसे आप जितना समझेंगे उतना अधिक इसमें डूबते जाएंगे।आज अगर हिन्दुस्थान है तो हिन्दुत्व की वजह से ही। शायर इकबाल का एक शेर है- सदियों रहा है दुश्मन, दौरे जहां हमारा, कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी। इतिहास के पन्ने पलटें तो पिछले 1,000 वर्षों में दुनिया की दो शक्तिशाली उपासना पद्धतियों-इस्लाम और ईसाई मत ने भारत पर लम्बे समय तक शासन किया। इस्लाम में तो साम-दाम-दण्ड-भेद यानी किसी भी तरह से इस्लाम को अंगीकार करवाने की पुरानी रीति रही है। ईसाई मिशनरियों का तरीका अलग है। वे गरीब एवं पिछड़े वर्ग के लोगों को निशाना बनाते हैं। उन्हें प्रलोभन देकर ईसाई बनाते हैं। हिन्दू धर्म इन सभी आघातों को सह गया तथा हमेशा निखर कर सामने आता रहा। आज फिर हमारे सामने एक ऐसी सरकार है जिसके परचम में हिन्दुत्व है।हिन्दू धर्म के अन्दर जो सहनशीलता तथा लचीलापन है, वही इसकी वास्तविक शक्ति है। मुगलों ने कई सौ साल भारत पर शासन किया, लाखों हिन्दुओं को इस्लाम मानने पर मजबूर किया, फिर भी वे हिन्दू समाज को नहीं तोड़ सके। यही दृढ़ता हिन्दू धर्म की संजीवनी या जिजीविषा है, जिसने इसे जीवित बचाए रखा है।भारतवर्ष में प्राचीनकाल से ही, चाहे वह रामायण काल हो या महाभारत काल राजनीतिक शिक्षा का एक महत्वपूर्ण अंग था-धार्मिक शिक्षा। धर्म ने राजनीति और भारतीय समाज को हमेशा से ही प्रभावित किया है और आज भी कर रहा है। हिन्दुस्थान का वजूद ही आज इसलिए कायम है कि यहां हिन्दुत्व ने राजनीतिक व सामाजिक पृष्ठभूमि और परिवेश पर सदा प्रभावपूर्ण अधिकार बनाए रखा है। भारत के राजनीतिक और सामाजिक जीवन की प्राणरेखा है हिन्दुत्व24
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