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रा.स्व.संघ के सह-सरकार्यवाह हो.वे. शेषाद्रि ने कहा-

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Jan 7, 2001, 12:00 am IST
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दिंनाक: 07 Jan 2001 00:00:00

राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का आधारहिन्दुत्वद प्रतिनिधिराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह हो.वे. शेषाद्रि ने कहा कि जब तक हिन्दू समाज संगठित नहीं होगा तब तक देश बाहरी और भीतरी खतरों से जूझता रहेगा। जहां-जहां हिन्दू समाज कमजोर अथवा असंगठित हुआ है, वहां-वहां देशघाती शक्तियों का वर्चस्व बना है और अन्तत: पृथकतावाद ने जन्म लिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए हिन्दुत्व ही आधार बन सकता है। श्री शेषाद्रि गत 17 जून को रा.स्व.संघ, दिल्ली प्रांत के प्रथम व द्वितीय वर्ष संघ शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।पवनसुत हनुमान की पृष्ठभूमि वाले मंच से समारोह में शारीरिक प्रदर्शन करते हुए स्वयंसेवकसमारोह को सम्बोधित करते हुए श्री हो.वे.शेषाद्रि। उनकी बाईं ओर हैं डा. राजेश कुमार परती।समारोह में शारीरिक प्रदर्शन करते हुए स्वयंसेवकअपने उद्बोधन के आरम्भ में श्री शेषाद्रि ने डा. हेडगेवार द्वारा संघ की स्थापना किए जाने की पृष्ठभूमि की चर्चा करते हुए कहा कि स्वतंत्रता से पहले और स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी हिन्दू समाज दिशाहीन व असंगठित दिखता था। दुर्भाग्यवश स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति अपनाई ताकि अल्पसंख्यक उनका वोंट बैंक बन जाएं। कांग्रेस ने अल्पसंख्यक वर्ग के कट्टरपंथी नेतृत्व को पोसा। दूसरी ओर हिन्दुओं को दूसरे दर्जे के नागरिक के रूप में देखा गया और सारे विशेष अधिकार अल्पसंख्यक वर्ग को दे दिए गए। हिन्दुओं के धार्मिक ग्रंथों, वेदों, उपनिषदों की शिक्षा का तथाकथित सेकुलरवादियों ने विरोध ही किया है।प्रार्थना करते हुए (बाएं से) श्री रामकुमार लोहिया, श्री हो.वे.शेषाद्रि, डा. राजेश कुमार परती व श्री सुबोध कुमार श्री शेषाद्रि ने देश पर बढ़ रहे इस्लामी कट्टरवाद के खतरे के प्रति सचेत करते हुए कहा कि देश के सीमांत प्रदेशों में हजारों की संख्या में मदरसे बन गए हैं जहां जिहाद की ताली मदी जा रही है। लेकिन यदि कोई इन खतरों के प्रति सावधान करता है तो उसे देश के ही कुछ लोगों द्वारा साम्प्रदायिक ठहरा दिया जाता है। गोरक्षा, धारा-370 और समान नागरिकता के विषय में उन्होंने कहा कि संविधान गोरक्षा सुनिश्चित करने की पैरवी करता है। इसी तरह संविधान ने धारा-370 को एक तय अवधि के बाद समाप्त कर देने का प्रावधान किया था। पर कुछ राजनीतिज्ञ इसकी मांग उठाने का विरोध करते हैं। समान नागरिकता की बात भी संविधान-सम्मत है, पर इसकी मांग उठाने पर साम्प्रदायिक सोच का आरोप लगाया जाता है।सह सरकार्यवाह ने सावधान किया कि देश में इस समय 2 करोड़ से अधिक घुसपैठिए हैं। असम के दो जिलों में तो उनकी बहुलता है। देश को बांटने का षड्यंत्र चल रहा है, पर वोट बैंक की राजनीति करने वाले इस खतरे को नजरअंदाज कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि किसी समय अफगानिस्तान में हिन्दू बहुसंख्या में थे, पर जब से वहां हिन्दू घटते गए हैं, उन पर अत्याचार होने लगा है। पाकिस्तान में गुरुद्वारों की दुर्दशा हो रही है। बंगलादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहे हैं। भारत के उत्तर-पूर्व में पृथकतावादी इसलिए सर उठा रहे हैं क्योंकि वहां के 70 प्रतिशत हिन्दुओं को मतान्तरित करके ईसाई बना दिया गया है। श्री शेषाद्रि ने कहा कि हिन्दुओं को संगठित रखना राष्ट्रीय सुरक्षा का प्रथम कर्तव्य है। इस संदर्भ में उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि क्या हिन्दुस्थान में हिन्दू हित की बात करना अपराध है?श्री शेषाद्रि ने कहा कि आज 75 वर्ष के बाद भी रा.स्व.संघ समाज के प्रेम, संबल और आत्मीयता के कारण निरन्तर आगे बड़ रहा है, हालांकि विरोधियों ने हम पर तीन बार प्रतिबंध भी लगाया था।संघ और राजनीति के मुद्दे पर अनेक लोगों के मन में समय-समय पर उठती रही शंकाओं का समाधान करते हुए श्री शेषाद्रि ने स्पष्ट किया कि आरम्भ से ही संघ राजनीति से अलग रहा है। एक बार पूज्य गुरुजी को लाल बहादुर शास्त्री ने कहा था कि वे संघ कार्य बंद करके राजनीति में आ जाएं तो गुरु जी ने उन्हें स्पष्ट इनकार कर दिया था। उन्होंने कहा था कि रा.स्व.संघ केवल सामाजिक-सांस्कृतिक क्षेत्र में ही कार्य करेगा। और आज संघ के 30 हजार से अधिक सेवाकार्य चल रहे हैं।समापन समारोह में अध्यक्ष के रूप में उपस्थित राष्ट्रीय अभिलेखागार के पूर्व महानिदेशक डा. राजेश कुमार परती ने कहा कि भारत के विकृत कर दिए गए इतिहास को राष्ट्रवादी दृष्टिकोण से फिर से लिखने की आवश्यकता है। इससे पहले 20 दिवसीय इस वर्ग के दौरान प्रशिक्षित हुए स्वयंसेवकों ने पथ संचलन, नियुद्ध, योगचाप, शारीरिक व घोष का आकर्षक प्रदर्शन किया।इस वर्ष लगे 7 दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग में प्रांत के 1500 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। 28 मई को आरम्भ हुए प्रथम व द्वितीय शिक्षा वर्गों में शिक्षार्थियों की संख्या क्रमश: 264 व 94 रही, जबकि शिक्षक, अधिकारियों को मिलाकर कुल संख्या 450 रही। इन वर्गों को संघ के सरसंघचालक श्री कुप्.सी.सुदर्शन, सह सरकार्यवाह श्री मदनदास, अखिल भारतीय प्रचारक प्रमुख श्री सुरेश सोनी, उत्तर क्षेत्र के संघचालक श्री जितेन्द्र वीर गुप्त तथा अखिल भारतीय क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्री सोहन सिंह के अलावा साध्वी ऋतम्भरा का भी मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।उल्लेखनीय है कि देशभर में 45 स्थानों पर रा.स्व.संघ ने इस प्रकार के शिक्षा वर्ग आयोजित किए जिनमें बड़ी संख्या में स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रथम व द्वितीय वर्ष के विभिन्न प्रांतों में वर्ग लगते हैं, परन्तु तृतीय वर्ष का वर्ग केवल नागपुर में ही लगता है। द23

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