|
घुटने के दर्द का निवारण संभव–डा. योगेन्द्र सिंहएम.एल. शाणावत, शाजापुर (म.प्र.)थ् ओठ पर अन्दर की ओर कुछ दिनों से सफेद दाग दिखने लगे हैं, कृपया इसकी चिकित्सा बताइए।दृ आप शिवत्रारि रस और पंचनिम्बादि वटी की दो-दो गोलियां प्रात:-सायं पानी के साथ लें। भोजन के बाद दोनों समय रक्त शोधान्तक (व्यास फार्मा) या रक्त रोषान्तक (आफालि) की 4-4 चम्मच आधा कप पानी में घोलकर पीएं। शिवत्रनाशक तेल (राजवैद्य शीतल प्रसाद) सफेद दाग पर सुबह-शाम लगाएं। पेट साफ रखें भले ही इसके लिए आपको कोई दवाई या ईसबगोल की भूसी लेनी पड़े।नवीन कुमार द्विवेदी, बेतिया (बिहार)थ् सर के बाल गिरने के कारण गंजापन हो गया है। कृपया कोई निदान सुझाएं।दृ आप केशकुन्तल की 2-2 गोली प्रात:-सायं एवं केशरंजना की एक-एक गोली लें। रात को केशरंजना तेल बालों की जड़ों में लगाकर मालिश करें। यह चिकित्सा आप छह माह तक करते रहें, आपको लाभ मिलेगा।बी.एस. चौहान, देहरादून (उत्तराञ्चल)थ् आपने एन्जाइना के इलाज के विषय में लिखा है, पढ़कर काफी जानकारी मिली। अब कृपया यह बताने का कष्ट करें कि यह प्रक्रिया कितने समय तक करनी है। दूसरी बात यह है कि सादा नमक का सेवन करने से उच्च रक्तचाप तुरन्त बढ़ता है। उसके लिए क्या करें?दृ एन्जाइना के लिए कददू के प्रयोग के विषय में आपने जानकारी भी चाही है। कददू का रस 125-150 ग्राम तक लेकर उसमें बराबर पानी मिलाएं। साथ में 5-6 तुलसी के पत्ते, 4-5 पोदीना के पत्तों का रस तथा 4-5 काली मिर्च तथा एक चुटकी काला नमक मिला लें। काला नमक उच्च रक्तचाप नहीं करता। यदि आप का अनुभव है कि यह रक्तचाप बढ़ाता है तो आप बिना नमक डाले ही सेवन कर सकते हैं। इस प्रयोग की कोई निश्चित अवधि नहीं है। प्रारम्भ में रोगी को कम से कम तीन माह यह लेना चाहिए। यदि रोगी को लाभ मिल रहा है तो एक साल तक सेवन कर सकते हैं। ठीक होने के पश्चात भी रोग की पुनरावृत्ति न हो, इसलिए इसका सेवन दीर्घकाल तक कर सकते हैं। जीवन भर भी इसका सेवन कर सकते हैं ताकि एन्जाइना रोग कभी न हो। प्रारम्भ में आप अपनी एलोपैथिक औषधि लेते रहें, परन्तु जैसे-जैसे आपको लाभ होता जाएगा वैसे-वैसे अपने चिकित्सक की सलाह से घटाते जाइए।किशन चन्द्र जैन, ग्वालियर (म.प्र.)थ् मेरे दांए घुटने में बहुत दर्द रहता है। एक्सरे कराया है। एलोपैथिक चिकित्सक दर्दनाशक दवाई देते हैं। वे कहते हैं कि इसका स्थाई इलाज यही है। उनके अनुसार घुटना बदलवाना या घुटना स्थिर करवाना (जिससे पैर घूमना बन्द हो जाएगा।) या फिर दर्द सहते रहना, ये ही तीन विकल्प हैं। आप सलाह दें।दृ आयुर्वेद ऐसा नहीं मानता है। वह इसकी स्थाई चिकित्सा करता है, जिससे दर्द से छुटकारा मिलता है। बहुत साधारण योग है जिसे आप घर पर ही आसानी से तैयार कर सकते हैं। इससे दर्द में आराम मिलता है। प्रारम्भ में यह चिकित्सा एक माह तक करें, कुछ लाभ होने पर लगातार तीन माह तक चिकित्सा जारी रखें। अ·श्वगंधा चूर्ण-100 ग्राम, सोंठ चूर्ण-25 ग्राम, काली मिर्च चूर्ण-25 ग्राम एवं मिश्री चूर्ण-150 ग्राम लेकर अच्छी तरह मिला लें। फिर प्रात:-सायं 5-5 ग्राम की मात्रा गर्म जल से सेवन करें। औषधि सेवनकाल में दही व चावल बन्द कर दें। दर्द में अवश्य लाभ होगा।जी. प्रभाकर, मंगलौर (कर्नाटक)थ् जून,1996 से आज तक लगातार जुकाम, खांसी और बलगम (पीले रंग का) आता है। इससे मैं बहुत बेचैन हूं। दवाइयां लीं परन्तु यह ठीक नहीं हुआ। कृपया कोई अच्छी आयुर्वेदिक औषधि बताइए।दृ आप चित्रक हरीत का एक-एक चम्मच दिन में तीन बार गर्म जल से सेवन करें। साथ में गौदती भस्म की 1-1 रत्ती, अभ्रक भस्म की 1-1 रत्ती तथा रस सिन्दूर की 1-1 रत्ती मात्रा चित्रक हरीत की एक-एक चम्मच मिलाकर सेवन करें। कुछ ही दिनों में आपको लाभ दिखाई देगा। लगभग 15-20 दिन तक सेवन करने से आप बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। औषधि सेवनकाल में आप दही, लस्सी व ठंडी चीजों का परहेज करें।——————————————————————————–हमारे विशेषज्ञ1. डा. हर्षवर्धन, (एम.बी.बी.एस., एम.एस.) नाक, कान एवं गले के देश के सुप्रसिद्ध चिकित्सक हैं। वह दिल्ली सरकार में स्वास्थ्य मंत्री भी रह चुके हैं। सम्प्रति वि·श्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण एशिया के सलाहकार हैं।2. डा. इन्द्रनील बसु राय, (एम.बी.बी.एस., एम.डी.) कलकत्ता के सुप्रसिद्ध हृदय रोग विशेषज्ञ हैं।3. डा. योगेन्द्र सिंह, (आयुर्वेदाचार्य) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, दिल्ली कार्यालय स्थित केशव चिकित्सालय एवं वि·श्व हिन्दू परिषद् के मुख्यालय रामकृष्णपुरम्, नई दिल्ली स्थित चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधिकारी हैं। रोग का विवरण, अपना नाम एवं पता साफ-साफ अक्षरों में लिखें। उत्तर पाने के लिए आवश्यक है कि बगल में लिखा गया पता लिफाफे पर चिपकाया जाए। पाठकों से अनुरोध है कि समस्या के साथ बैरंग डाक टिकट, पता लिखा लिफाफा/पोस्टकार्ड आदि न भेजें और न ही व्यक्तिगत रूप से उत्तर दिए जाने का आग्रह करें, ऐसा कर पाना संभव नहीं है। पाठकगण अपनी समस्याएं इस पते पर भेज सकते हैं।आरोग्य चर्चाद्वारा सम्पादक,पाञ्चजन्यसंस्कृति भवन, झण्डेवालादेशबन्धु गुप्ता मार्ग,नई दिल्ली-11005511
टिप्पणियाँ