Bangladesh Saraswati puja: बांग्लादेश में एक तरफ मुहम्मद यूनुस हिन्दुओं को सरस्वती पूजा मनाने देने की बात करते हैं, लेकिन उन्हीं की सरकार में इस्लामिक कट्टरपंथी हिन्दुओं पर हमले करते हैं, उनकी हत्या, रेप और इस्लामिक कन्वर्जन कर रहे हैं। इन सभी पर वह चुप्पी साधे हुए हैं। इसी क्रम में कथनी और करनी को दिखाती हुई एक और वारदात प्रकाश में आई है, जहां मुस्लिम कट्टरपंथियों ने सरस्वती पूजा और प्रतिमा विसर्जन के लिए निकाले गए जुलूस पर हमला कर दिया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हिन्दू वॉयस हैंडल के अनुसार, ये घटना देश के राजशाही जिले में बोयालिया पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले फुदकी पारा गांव की है। बसंत पंचमी के मौके पर यहां रहने वाले हिन्दू अल्पसंख्यकों ने सरस्वती पूजा के बाद प्रतिमा विसर्जन का जुलूस निकाला था। लेकिन, कट्टरपंथियों को ये रास नहीं आय़ा, जिसके बाद कई कट्टरपंथी जुलूस पर टूट पड़े। मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिन्दू महिलाओं को बेरहमी से पीटा और मंडप को तोड़ दिया। इसके साथ ही मां सरस्वती की प्रतिमा को भी तोड़ दिया।
इस घटना का वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें महिलाएं अपनी पीड़ा बताती दिख रही हैं।
News coming in from #Rajshahi district of #Bangladesh.
Islamists attacked Saraswati Pratima immersion procession in Fudki Para village under the jurisdiction of #Boyalia Police Station.
Hindu women were beaten. Saraswati Pratima has been vandalised and Mandap also has been… pic.twitter.com/HVlgqOMRks
— Hindu Voice (@HinduVoice_in) February 5, 2025
उल्लेखनीय है कि सरस्वती पूजा से पहले बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने एक बयान जारी कर कहा था कि बांग्लादेश में सरस्वती पूजा के लिए हिन्दुओं को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया कराई जाए, नहीं बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय छवि को काफी नुकसान पहुंचेगा। हालांकि, सरकार की कथनी औऱ करनी में अंतर दिख रहा है। मुहम्मद यूनुस के बयान के उलट न सिर्फ सरस्वती प्रतिमा को तोड़ा गया, बल्कि हिन्दुओं महिलाओं को बेरहमी से कट्टरपंथियों ने पीटा भी। लेकिन, उन पर कोई एक्शन नहीं लिया गया।
उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के बाद से ही हिन्दुओं पर अत्याचार तेज हो गए थे। अगर 5 अगस्त के बाद से देखें तो ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा, जिस दिन मुस्लिम कट्टरपंथियों ने हिन्दुओं पर हमले न किए हों। वहीं हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए लड़ रहे इस्कॉन संत चिन्मय कृष्ण दास को कथित देश द्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया। वो अभी भी जेल में ही हैं।
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