भारत-पाकिस्तान सीमा पर अवैध खनन को लेकर भारत सरकार चाहती है कि सर्वे ऑफ इंडिया को इसकी जिम्मेदारी सौंपी जाए, लेकिन पंजाब सरकार ने इस पर आपत्ति जताई है। इस पर हाई कोर्ट ने पंजाब की भगवंत मान सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। पंजाब सरकार इस पर आपत्ति कैसे जता सकती है? हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर इस बारे में जवाब दाखिल करने का पंजाब सरकार को आदेश दिया है।
हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करते हुए गुरबीर सिंह पन्नू ने सरहद पर अवैध खनन का मामला उठाया था। इस मामले की सुनवाई आरंभ होते ही सर्वे ऑफ इंडिया ने कहा कि वे सीमा पर अवैध खनन का सर्वे करने के लिए तैयार है। इस पर पंजाब सरकार ने आपत्ति जताई।
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हाईकोर्ट ने कहा कि बॉर्डर पर अवैध खनन के कारण वहां सुरंगें और बड़े-बड़े खड्डे बन चुके हैं, जो घुसपैठियों की पनाहगार बने हुए हैं, पंजाब सरकार इस पर सवाल कैसे उठा सकता है? हाईकोर्ट ने सवाल किया कि पंजाब सरकार किसे बचाने की कोशिश कर रही है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, इसमें सहयोग दिया जाए, आपत्ति नहीं जताई जानी चाहिए।
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कुछ देर चली बहस के बाद हाईकोर्ट ने पंजाब सरकार को इस पर जवाब दाखिल करने के लिए समय देते हुए सुनवाई 2 दिसंबर तक स्थगित कर दी। आज केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया कि सर्व ऑफ इंडिया यहां का सर्वे करने के लिए तैयार है, लेकिन उन्हें इसके लिए पंजाब सरकार के सहयोग की जरूरत होगी।
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