क्रांतिकारी वीर बुधु भगत : बलिदान हो गए, लेकिन अंग्रेजों के अत्याचार के आगे घुटने नहीं टेके
May 22, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

क्रांतिकारी वीर बुधु भगत : बलिदान हो गए, लेकिन अंग्रेजों के अत्याचार के आगे घुटने नहीं टेके

13 फरवरी 1832 को झारखंड में अंग्रेजों ने पूरे गांव में किया था नरसंहार

by रमेश शर्मा
Feb 13, 2024, 11:13 am IST
in भारत
Freedom fighters Veer Budhu Bhagat

वीर बुधु भगत, स्वतंत्रता सेनानी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारतीय स्वाधीनता के संघर्ष में कितने बलिदान हुये इसका विस्तृत वर्णन कहीं एक स्थान पर नहीं मिलता। जिस क्षेत्र के इतिहास पर नजर डालों वहाँ संघर्ष और बलिदान की रोंगटे खड़े कर देने वाली कहानियाँ मिलती हैं। ऐसी ही कहानी क्राँतिकारी बुधु भगत की है,  जिन्होंने जीवन की अंतिम श्वाँस तक संघर्ष किया और अंग्रेजों ने उनके पूरे गाँव सिलारसाई के निवासियों को मौत के घाट उतारा।

भारतीय स्वाधीनता संग्राम में वनवासी वीर बलिदानी बुधु भगत ऐसा क्राँतिकारी नाम है, जिनका उल्लेख भले इतिहास की पुस्तकों में कम हो पर छोटा नागपुर क्षेत्र के समूचे वनवासी अंचल में लोगों की जुबान पर है। उस अंचल में उन्हें दैवीय शक्ति का प्रतीक माना जाता है । वन्य क्षेत्र के अनेक वनवासी परिवार उन्हें लोक देवता जैसा मानते हैं और उनके स्मरण से अपने शुभ कार्य आरंभ करते हैं।

क्राँतिकारी बुधु भगत के नेतृत्व में स्वत्व का यह संघर्ष तब आरंभ हुआ, जब अंग्रेजों ने पूरे वन्य क्षेत्र पर अधिकार करके वनवासियों को बंधुआ मजदूर बनाकर शोषण आरंभ किया। तब वीर बुधु भगत ने अपने स्वाभिमान रक्षा के लिये युवाओं की टुकड़ियाँ बनाकर छापामार लड़ाई आरंभ की। उनके साथ लगभग तीन सौ युवाओं की टोली थी। जिसका सामना करने के लिये अंग्रेजों को आधुनिक हथियारों से युक्त सेना की एक पूरी ब्रिगेड को लाना पड़ा था। क्राँतिकारी बुधु भगत की वीरता और स्वत्व वोध का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने जीवन की अंतिम श्वाँस तक संघर्ष किया और बलिदान हुये। अंग्रेजों से मुकाबला कर रही इस टुकड़ी ने समर्पण नहीं किया अंतिम श्वाँस तक युद्ध किया और बलिदान हुये।

ऐसे क्रांतिकारी बुधु भगत का जन्म 17 फरवरी 1792 में रांची के वनक्षेत्र में हुआ था। उनके गांव का नाम सिलारसाई था। अब यह क्षेत्र झारखंड प्राँत में आता है। बुधु भगत बचपन अति सक्रिय और चुस्त-फुर्त थे और मल्ल युद्ध, तलवार चलाना और धनुर्विद्या का अभ्यास करते थे। वे धनुष बाण और कुल्हाड़ी सदैव अपने साथ रखते थे। अंग्रेजों ने समूचे वन्यक्षेत्रों पर अपना अधिकार कर लिया और वनवासियों को बंधुआ मजदूर बनाकर वनोपज का दोहन करने लगे। अंग्रेजों और उनके एजेंटो ने अनेक प्रकार के प्रतिबंध भी लगा दिये।

वनवासियों के संघर्ष अनेक स्थानों पर आरंभ हुये जिन्हे इतिहास में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कहीं कोल विद्रोह, कहीं लरका विद्रोह तो कहीं संथाल विद्रोह। उस कालखंड में ऐसा कोई वनक्षेत्र नहीं था, जहाँ संघर्ष आरंभ न हुआ हो। सबने अपने-अपने दस्ते गठित किये और संघर्ष हुये। राँची क्षेत्र में यह संघर्ष क्राँतिकारी बुधु भगत के नेतृत्व में आरंभ हुआ। उनके द्वारा गठित वनवासी युवाओं की इस टोली ने पूरे छोटा नागपुर क्षेत्र में अपना प्रभाव बढ़ाया और अंग्रेजों का जीना मुश्किल कर दिया।

इसे भी पढ़ें: एक विधान सबका मान

अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने के लिए एक हजार रुपये के इनाम की घोषणा की। अंग्रेजों को उम्मीद थी कि इनाम के लालच में कोई विश्वासघाती सामने आयेगा और बुधू भगत की सूचना दे देगा। पर अंग्रेजों की यह चाल सफल न हो सकी। स्थिति ऐसी बनी कि अंग्रेजों और उनके एजेंटों को वनोपज बाहर ले जाना कठिन हो गया। तब फौज ने मोर्चा संभाला। अंग्रेजी ब्रिगेड ने पूरे वन क्षेत्र का घेरा डाला और घेरा कसना आरंभ किया। यह घेरा फरवरी के पहले सप्ताह आरंभ हुआ था और अंत में अंग्रेजी फौज उस चौगारी पहाड़ी के समीप 12 फरवरी को पहुंचे। इसी पहाड़ी पर क्राँतिकारियों का केन्द्र था। सेना ने पूरी पहाड़ी पर घेरा डाला और मुकाबला आरंभ हुआ।

वनवासी युवाओं ने तीर कमान और कुल्हाड़ी से मुकाबला किया। अंत में 13 फरवरी, 1832 को अपने ही गांव सिलागाई में बुधु भगत सहित सभी युवा बलिदान हुये। अंग्रेजों ने किसी को जीवित न छोड़ा। इनमें महिलायें और बच्चे भी शामिल थे। उनकी कहानियां आज भी वनवासी क्षेत्रों में सुनी जाती हैं।

Topics: Revolutionary Veer Budhu BhagatJharkhand JharkhandVeer Budhu Bhagat Sacrifice of freedom fighterझारखंडपाञ्चजन्य विशेषवीर बुधु भगत कौन थेक्रांतिकारी वीर बुधु भगतस्वतंत्रता सेनानी वीर बुधु भगत का बलिदानWho was Veer Budhu Bhagat
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

जिम्मेदार बने मीडिया और सोशल मीडिया

उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ब्रह्मोस मिसाइल का प्रतीक भेंट किया गया

‘ब्रह्मास्त्र’ है ब्रह्मोस

सच दिखातीं सैटेलाइट तस्वीरें-भारत के सटीक हवाई हमले में ध्वस्त हुआ 1. नूर खान एयरबेस (बाएं), और 2. भोलारी एयरबेस का हैंगर (दाएं)

सच्ची तस्वीरें, झूठे शरीफ

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बलूच लड़ाकों ने पाकिस्तानी फौज पर हमले तेज कर दिए हैं

अत्याचार का प्रतिकार, हमले लगातार

साइबर संघर्ष में भी पिटा पाकिस्तान

मनजिंदर सिंह सिरसा
उद्योग मंत्री, दिल्ली

आतंकवाद और व्यापार साथ-साथ नहीं चलेगा

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Pahalgam terror attack

BREAKING: जम्मू-कश्मीर: किश्तवाड़ में सेना की मुठभेड़ में दो आतंकी ढेर, दो की तलाश जारी

प्रतीकात्मक तस्वीर

ISI की बड़ी साजिश नाकाम: दो पाकिस्तानी एजेंट गिरफ्तार, दिल्ली में आतंकी हमले की थी तैयारी

G Parmeshwar ED Raid Cooperate

अपने शैक्षणिक संस्थानों पर ED के छापे से नरम पड़े कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर, अब कहा- हम सहयोग करेंगे

Operation Sindoor BSF Pakistan infiltration

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने 8 मई को 45-50 आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश की, बीएसएफ ने किया नाकाम

करवाचौथ का व्रत केवल सुहागिनों के लिए ही क्यों, “तलाकशुदा और लिव के लिए भी हो”, SC ने खारिज की दलील

G Parmeshwara ED Raids Gold smuggling case

बुरे फंसे कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वर, गोल्ड तस्करी के मामले में ED ने कई ठिकानों पर मारे छापे

प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान हाईकोर्ट: शैक्षणिक रिकॉर्ड में मां का नाम सिर्फ विवरण नहीं, बच्चे की पहचान का आधार है

Congress leader Anand Sharma praises Modi Government

अब आनंद शर्मा ने भी ऑपरेशन सिंदूर को लेकर की केंद्र सरकार की तारीफ, कही ये बात

State bank of India language dispute

कर्नाटक में भाषा विवाद: SBI मैनेजर का हिंदी बोलने पर ट्रांसफर

जिम्मेदार बने मीडिया और सोशल मीडिया

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies