झारखंड में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध पर लगाम लगता नहीं दिखाई दे रहा है। पूरे प्रदेश में महिलाओं के साथ दुष्कर्म और हत्या की खबरें तो अब आम होती जा रही हैं। वहीं सरकार की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं जिससे महिलाओं में बढ़ते असुरक्षा का भाव कम हो सके।
ताजा मामला प्रदेश के रामगढ़, गढ़वा और पलामू जिले का है। रामगढ़ में एक नाबालिग युवती के साथ और गढ़वा में एक जनजातीय युवती के साथ दुष्कर्म किया गया, वहीँ पलामू के हुसैनाबाद में एक युवती ने इसलिए अत्महत्या कर ली क्योंकि किसी युवक ने उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे प्रताड़ित कर रहा था।
रामगढ़ में नाबालिग का दुष्कर्म, रहीम अंसारी गिरफ्तार और बीरबल फरार
पहले रामगढ़ की बात करें तो यहाँ के रजरप्पा थाना क्षेत्र के जनियामारा जंगल के समीप एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की अपने मित्र के साथ एक मोटरसाइकिल पर बैठ कर छिन्नमस्तिका माता के मंदिर जा रही थी। रास्ते में 40 वर्षीय अधेड़ उम्र का रहीम अंसारी और उसके एक साथी बीरबल ने दोनों को जंगल में रोका। दोनों ने मोटरसाइकिल पर सवार युवक को मारपीट कर भगा दिया। उसके बाद युवती को उठाकर जनियामारा जंगल ले गए, जहां उस के साथ दुष्कर्म किया गया। इसके साथ ही उस लड़की को इस घटना के बारे में किसी को कुछ कहने पर जान से मार देने की धमकी दे डाली। इसके बाद किसी तरह से युवती जंगल से निकल कर सड़क पर पहुंची। यहां गश्ती कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ वह थाने तक आई और सारी बात पुलिस बताई।
घटना की सूचना पाकर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता भी रजरप्पा थाना पहुंचकर जल्दी से जल्दी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस सक्रिय हो गई और आरोपियों की तलाश में जुट गई। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी किशोर कुमार रजक ने बताया कि घटना की सूचना मिलते ही रजरप्पा पुलिस ने दुष्कर्म में शामिल भुचुंगडीह निवासी रहीम अंसारी को गिरफ्तार कर लिया, वहीं दूसरा आरोपी पिपराजारा निवासी बीरबल अब भी फरार है।
गढ़वा में जनजातीय युवती का अपहरण कर किया दुष्कर्म
दूसरी घटना गढ़वा जिले की है। यहां रंका थाना क्षेत्र की रहने वाली एक जनजातीय युवती के अपहरण कर दुष्कर्म करने का मामला आया है। इस घटना को लेकर रंका थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है। पीड़िता के परिजनों के अनुसार पीड़िता 1 अप्रैल रात 8:00 बजे शौचालय के लिए घर से बाहर निकली थी। वहीं पर सिमर खान गांव के रहने वाले विजय सिंह उसका अपहरण कर पास के ही जंगल में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता अगले दिन जब अपने घर आई तो बेहोश हो गई। इलाज के बाद उसको होश आया तो 2 अप्रैल को थाने में मामला दर्ज करवाया गया। इस घटना के बाद गढ़वा पुलिस आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है।
आपत्तिजनक वीडियो वायरल, युवती ने खाया जहर
तीसरी घटना पलामू के हुसैनाबाद की है। यहां एक युवती ने इसलिए आत्महत्या का प्रयास किया क्योंकि किसी युवक ने उसका आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उसे बदनाम करने की धमकी दे रहा था। युवती ने तनाव में आकर जहर खा लिया। हालांकि युवती के परिजनों ने उसे तत्काल हुसैनाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जहां प्रारंभिक इलाज किया गया। उसके बाद उसे मेदनीनगर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। बताया जा रहा है कि अब युवती की स्थिति में सुधार है। इस मामले पर पीड़िता के परिजनों ने हुसैनाबाद थाने में मामला दर्ज करवाया है। आवेदन में कहा गया है कि उनकी बेटी 31 मार्च को अपने घर से कन्या उच्च विद्यालय हुसैनाबाद एडमिट कार्ड लेने गई थी। उस दौरान वह अपनी साइकिल खड़ी करके एक खेत में शौच के लिए गई। इसी क्रम में निशू और अंकित ने उसका वीडियो बनाया और वायरल कर दिया।
महिलाओं की सुरक्षा झारखंड सरकार का मुद्दा नहीं : बाबूलाल मरांडी
इन मामलों पर भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने सोरेन सरकार पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य में कहीं भी दुष्कर्म की घटनाएं होती हैं तो जांच के नाम पर थोड़ी बहुत कार्रवाई होती है उसके बाद प्रशासन फिर से सुस्त पड़ जाता है। झारखंड में बेटियां सुरक्षित रहें, निर्भय होकर कहीं भी जा सकें, सुरक्षा की यह भावना झारखंड सरकार अब तक विकसित नहीं कर पाई है।
रजरप्पा मंदिर जा रही एक नाबालिग के साथ अधेड़ रहीम अंसारी और बीरबल मांझी ने जबरन जंगल ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया।
वहीं गढ़वा में एक आदिवासी युवती को दरिंदों ने घर से अगवा कर जंगल ले जाकर रात भर दुष्कर्म किया।
राज्य में दुष्कर्म की घटनाओं को रोकने में विफल सोरेन सरकार के लिए…— Babulal Marandi (@yourBabulal) April 3, 2023
क्या कहते हैं आंकड़े ?
अगर आंकड़ों की बात करें तो बाबूलाल मरांडी के आरोप सही दिखाई दे रहे हैं। झारखंड पुलिस के आधिकारिक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2020 में दुष्कर्म की कुल 1794 घटनाएं हुई हैं। वहीं वर्ष 2021 में कुल 1617 घटनाएं घटी हैं जबकि वर्ष 2022 में 1612 दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं। इन तीन वर्षों का औसत निकाला जाए तो तकरीबन पांच महिलाएं प्रतिदिन दुष्कर्म का शिकार हो रही हैं।
यह तो पुलिस के आधिकारिक आंकड़े हैं। हालांकि ऐसे कई मामले देखने को मिलते रहे हैं, जो कहीं दर्ज नहीं हो पाते हैं। इसके पीछे या तो सामाजिक दबाव काम करता है या फिर समाज में लोक लिहाज के कारण महिलाएं थाने तक नहीं जा पाती हैं। इन मामलों पर झारखंड सरकार को अपनी संवेदनशीलता दिखानी होगी नहीं तो आने वाले दिनों में झारखंड महिलाओं के मामले में और भी पिछड़ता चला जाएगा।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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