गुजरात के कर्णावती में जीवंत मुद्दों पर पाञ्चजन्य द्वारा आयोजित दो दिवसीय विमर्श कई मामलों में ऐतिहासिक रहा। एक तरफ साबरमती नदी की लहरें और तट के निकट ही साबरमती संवाद में विमर्श की तरंगें। न्यायपालिका, शिक्षा, राम जन्मभूमि मंदिर, सहकारिता, रक्षा, आंतरिक सुरक्षा समेत कई ज्वलंत विषयों पर बेबाक संवाद से नए विमर्श की अजस्र धाराएं फूट रही थीं, विमर्श के केंद्र में था भारत, भारत का जन, भारत का मन। प्रस्तुत है साबरमती संवाद में हुए कत्थक नृत्यांगना गीतांजलि शर्मा एवं उनकी टीम की अनूठी प्रस्तूति
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