Maulana Changur alias Jamaluddin: मौलाना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन कभी भीख मांगता था। उत्तर प्रदेश के गरीबपुर में पैदा हुआ। गांव-गांव घूमकर कपड़े बेचे। मुंबई के हाजी अली दरगाह चले आया। वहां अंगूठी और नग बेचना शुरू कर दिया। नग और अंगूठी बेचकर अधिकारियों को प्रभावित किया। इसके बाद पत्नी कुतबुनिशा को प्रधानी का चुनाव जितवा दिया। फिर नग बेचने का धंधा बंद कर दिया। धीरे-धीरे खुद को पीर बताने लगा और हिंदुओं का कन्वर्जन कराने लगा।
मुंबई से फिर यूपी आ गया। बलरामपुर (Balrampur Hindu conversion case) को उसने कन्वर्जन का गढ़ बनाना शुरू कर दिया। एक बड़ी कोठी बना ली जहां उसके ऐशो आराम की सब चीजें थीं। नेपाल बॉर्डर से सटा होने के कारण इस इलाके में आसानी से उसके कन्वर्जन का खेल चल रहा था। भोले-भाले, मासूम और असहाय हिंदुओं को निशाना बनाकर, लालच देता और फिर इस्लाम में कन्वर्ट कराता। वह लोगों को नग देता और उनका काम बन जाता तो वह उससे प्रभावित हो जाते। मौलाना छांगुर (Maulana Changur alias Jamaluddin) ने मुंबई के नवीन रोहरा और नीतू रोहरा को भी नग दिया। उनके जीवन में बदलाव हुआ तो वो छांगुर के मुरीद हो गये। फिर साल 2020 आया। नवीन और नीतू ने तय कर लिया कि अब छांगुर की कोठी में ही रहना है।
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इस तरह कन्वर्जन के इस खेल में नीतू उर्फ नसरीन आई और उसने मौलाना छांगुर का साथ देना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे बलरामपुर और उसके आसपास के इलाके छांगुर के कन्वर्जन का गढ़ बन गये। विदेशों से फंडिंग होने लगी और स्थानीय प्रशासन उसके दबदबे व पैसों की बदौलत चुप्पी साधता गया। जो भी छांगुर के खिलाफ आवाज उठाता, स्थानीय प्रशासन की बलौदत उल्टा उसके ऊपर ही एफआईआर हो जाती। छांगुर और नीतू ने खुद जांच एजेंसियों को बताया है कि कन्वर्जन का यह खेल पिछले 15 सालों से चल रहा था। जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है कि छांगुर को तीन सालों में 500 करोड़ की विदेशी फंडिंग हुई थी। इसमें से 200 करोड़ के फंडिंग की पुष्टि हो चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों की माने तो शेष 300 करोड़ की फंडिंग छांगुर को नेपाल के जरिए हुई है।
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इसमें भी एजेंट सक्रिय थे जो अपना कमीशन लेकर बाकी पैसे छांगुर को पहुंचा देते थे। मौलाना छांगुर भारत में मुस्लिम आबादी बढ़ाकर डेमोग्राफी बदलना चाहता था। 1500 हिंदू युवतियों को कन्वर्ट भी करा चुका था। उसके पास एक डायरी मिली है जिसमें 100 ऐसे नाम थे जिनको लालच देकर कन्वर्ट कराया जा सकता था। छांगूर के इस नेटवर्क को पाकिस्तान, दुबई, सऊदी अरब और तुर्किये से फंडिंग मिल रही थी। इस्लामिक देशों की कई संस्थाएं कन्वर्जन के इस खेल में शामिल थीं। अब जांच एजेंसियां छांगुर और उसकी सहयोगी नसरीन को बलरामपुर ले जाकर कन्वर्जन के दस्तावेज हासिल करने की कोशिश कर रही हैं।
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