पंजाब

पंजाब: आम आदमी पार्टी के लिए बैक फायर साबित होती किसान राजनीति, किसान आंदोलन बना सरकार के गले की हड्डी

Published by
राकेश सैन

अपनी संकीर्ण राजनीति के लिए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों को भडक़ाने वाली आम आदमी पार्टी अब किसान राजनीति के मुद्दे पर बैक फायर की स्थिति का सामना कर रही है। केंद्र सरकार के खिलाफ चल रही किसान यूनियनों ने अब पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

दरअसल, शंभू बार्डर पर पिछले लगभग एक साल से बैठे किसान दिल्ली कूच की तैयारी में थे। आंदोलन के चलते किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने अमरण अनशन की घोषणा कर दी जिस पर पंजाब सरकार ने उसे हिरासत में ले लिया। डल्लेवाल की जगह अब अन्य किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडा ने आमरण अनशन शुरू किया है जो आज शुक्रवार को चौथे दिन में प्रवेश कर गया, उधर पुलिस हिरासत में डल्लेवाल भी अनशन पर बताए जाते हैं। धरनाकारी किसान डल्लेवाल की रिहाई की मांग को लेकर संघर्ष कर रहे हैं परन्तु उसको अब तक उन्हें छोड़े न जाने से किसान जत्थेबंदी भड़क गए हैं।

किसान नेताओं ने खनौरी बॉर्डर पर बैठक कर एलान किया कि 1 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के घर का घेराव कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ ही इसी दिन देश भर में किसान व मजदूर जत्थेबंदियों की ओर से दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के पुतले फूंके जाएंगे। यही नहीं किसान नेताओं ने कहा कि जरूरत पड़ी तो डीएमसी लुधियाना का भी घेराव किया जाएगा, जहां डल्लेवाल को रखा गया है। किसानों ने मांग की कि डल्लेवाल को जल्द मोर्चे में वापस लाया जाए। उधर खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता सुखजीत सिंह हरदोझंडा का आमरण अनशन चौथे दिन में प्रवेश कर गया। किसानों ने दावा किया कि डीएमसी में डल्लेवाल ने भी खाना छोड़ रखा है।

धरनाकारी किसान नेता सुरजीत सिंह फूल और काका सिंह कोटड़ा ने कहा कि किसान जत्थेबंदियों की सभी 12 मांगें केंद्र की मोदी सरकार से थी, इनका पंजाब या फिर हरियाणा सरकारों से कोई लेना-देना नहीं है। बावजूद इसके सीएम भगवंत मान ने डल्लेवाल को गिरफ्तार कराया। किसान नेताओं ने कहा कि 1 दिसंबर को संगरूर में मुख्यमंत्री भगवंत मान की कोठी के घेराव के दौरान किसानों की ओर से सीएम की माता को खास तौर से उलाहना दिया जाएगा, जिन्होंने पंजाब में आप सरकार के बनने पर वादा किया था कि मान हर वर्ग के कल्याण के लिए काम करेंगे।

किसान नेताओं ने कहा कि इस एक दिन के एक्शन के बाद फिर शंभू बॉर्डर पर चल रहे मोर्चे को मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा। छह दिसंबर को शंभू बॉर्डर से होते हुए किसानों ने दिल्ली के लिए कूच करना है। ऐसे में जत्थेबंदियों को पूरी आशंका है कि पंजाब सरकार खनौरी बॉर्डर जैसा एक्शन शंभू बॉर्डर पर भी कर सकती है। इसलिए शंभू बॉर्डर पर किसानों की गिनती बढ़ाई जाएगी। किसान नेताओं ने बताया कि दो दिसंबर को शंभू बॉर्डर पर दोनों जत्थेबंदियों की ओर से साझी बैठक की जाएगी, जिसमें छह दिसंबर के दिल्ली कूच को लेकर रणनीति तय की जाएगी।

गौरतलब है कि शंभू बार्डर पर लगभग एक साल से चल रहे किसानों के धरने के चलते दिल्ली-पंजाब के बीच आवाजाही पर बहुत बुरा असर पड़ा है, जिससे यहां का व्यापार व उद्योग भी प्रभावित होने लगा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान भी इसको लेकर सार्वजनिक तौर पर चिन्ता जता चुके हैं।

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