मुंबई/नई दिल्ली, (हि.स.)। पद्म विभूषण रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने न सिर्फ व्यापार में बल्कि भारत में स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाई है। रतन टाटा अपने व्यापारिक साम्राज्य और अपनी मजबूत कार्य नीति के लिए जाने जाते थे, उन्हें देश की सबसे सस्ती कार टाटा नैनो की 2008 में लॉन्चिंग से लेकर दुनिया के सबसे पॉपुलर लग्जरी कार ब्रांड में से एक जगुआर लैंड रोवर के अधिग्रहण के लिए भी याद किया जाएगा।
रतन टाटा का प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
नवल टाटा और सूनू टाटा के घर 28 दिसंबर, 1937 को जन्मे रतन टाटा समूह के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते थे। उनके माता-पिता दस साल की उम्र में अलग हो गए थे और रतन टाटा की दादी ने उनकी परवरिश की थी। रतन टाटा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के कैंपियन स्कूल से की। उन्होंने 8वीं तक की पढ़ाई यहां से पूरी की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वे मुंबई में कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल और शिमला में बिशप कॉटन स्कूल गए। इसके बाद रिवरडेल कंट्री स्कूल, न्यूयॉर्क शहर में शिक्षा प्राप्त की है। वे कॉर्नेल विश्वविद्यालय और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के छात्र भी रहे हैं। 21 साल की उम्र में साल 1991 में उन्हें टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनाया गया था।
टाटा संस और टाटा समूह का अध्यक्ष पद 1991 में संभाला
रतन टाटा ने 1991 में टाटा संस और टाटा समूह के अध्यक्ष पद संभाला। 21 वर्षों तक उन्होंने टाटा समूह का नेतृत्व किया और इसे बुलंदियों पर पहुंचाया। उनके कुशल नेतृत्व में टेटली टी, जगुआर लैंड रोवर और कोरस का अधिग्रहण किया गया। टाटा नैनो कार रतन टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट थी। उनकी देखरेख में टाटा समूह 100 से अधिक देशों में फैल हुआ है। आजन्म कुंवारे रहे रतन टाटा ट्वीटर यानी एक्स पोस्ट समेत सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर काफी लोकप्रिय रहे हैं। एक्स पर उनके 1.3 करोड़ से अधिक फॉलोअर्स हैं, जबकि इंस्टाग्राम पर करीब एक करोड़ लोग उन्हें फॉलो करते हैं।
देश की सबसे सस्ती कार नैनो की लॉन्चिंग
रतन टाटा ने एक बार मुंबई की तेज बारिश में एक परिवार के चार लोगों को स्कूटर पर भीगते देखा। रतन टाटा को इस दृश्य ने इतना परेशान किया कि अगले दिन ही उन्होंने इंजीनियर को बुलाकर देश की सबसे सस्ती कार बनाने को कहा। यहीं से टाटा नैनो की शुरूआत हुई। देश की सबसे सस्त कारी टाटा नैनो 2008 में लॉन्च हुई। नैनो कार को लखटकिया कार भी कहा जाता है। हालांकि, लोगों को ये कार बहुत ज्यादा पसंद नहीं आई और साल 2020 में इसका उत्पादन टाटा समूह को बंद करना पड़ा।
दुनिया पॉपुलर ब्रांड जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण
दुनिया के सबसे पॉपुलर लग्जरी कार ब्रांड में से एक जगुआर लैंड रोवर का मालिकाना हक टाटा मोटर्स के पास है। टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा भले हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वे समृद्ध विरासत छोड़ गए हैं। इन्हीं में से एक जगुआर लैंड रोवर भी है, जिसे रतन टाटा ने 2008 में खरीदा था। रतन टाटा के नेतृत्व में ही टाटा समूह ने लग्जरी कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर के अधिग्रहण का फैसला किया था। टाटा ने जेएलआर को 2.3 अरब डॉलर में अधिग्रहित किया गया था। वित्त वर्ष 2024 में जगुआर लैंड रोवर ने 29 अरब पाउंड का सर्वोच्च राजस्व हासिल किया, इसमें कंपनी का कुल लाभांश 2.6 अरब पाउंड है।
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