विजय गाथा : महिला सेनानियों के अदम्य शौर्य को नमन
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

विजय गाथा : महिला सेनानियों के अदम्य शौर्य को नमन

25 वर्ष पूर्व 26 जुलाई 1999 को भारतमाता के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटाकर कारगिल की दुर्गम चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराया था। लगभग दो माह तक चले इस घोर युद्ध में भारत के 527 सैनिक बलिदान हुए थे और 1400 के करीब घायल।

by पूनम नेगी
Jul 28, 2024, 06:00 am IST
in भारत, विश्लेषण, श्रद्धांजलि
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

कारगिल का युद्ध भारतीय सेना की जांबाजी और पराक्रम के लिए जाना जाता है। 25 वर्ष पूर्व 26 जुलाई 1999 को भारतमाता के वीर सपूतों ने पाकिस्तानी सेना को धूल चटाकर कारगिल की दुर्गम चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराया था। लगभग दो माह तक चले इस घोर युद्ध में भारत के 527 सैनिक बलिदान हुए थे और 1400 के करीब घायल। परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा, लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे, ग्रेनेडियर योगेन्द्र सिंह यादव, राइफलमैन संजय कुमार; महावीर चक्र से सम्मानित- लेफ्टिनेंट बलवान सिंह, मेजर राजेश सिंह अधिकारी, मेजर विवेक गुप्ता, कैप्टन एन केंगुरुसे तथालेफ्टिनेंट कीशिंग क्लिफोर्ड नोंग्रम की शौर्य गाथाएं हमारे अंतस में आज भी राष्ट्रभक्ति का ज्वार भर देती हैं। इन्हीं में एक न भूलने वाली शौर्यगाथा है भारतीय सेना के एयर फोर्स रेस्क्यू मिशन का महत्वपूर्ण हिस्सा बनने वाली दो जांबाज भारतीय महिला पायलटों गुंजन सक्सेना व श्रीविद्या राजन की।

इस युद्ध में जब भारत-पाकिस्तान की सेना आमने-सामने थी। दोनों तरफ से लगातार गोलीबारी हो रही थी। भारतीय वायुसेना लगातार सैनिकों तक मदद पहुंचा रही थी और पाकिस्तान की सेना का सामना भी कर रही थी। युद्ध के दौरान एक समय ऐसा भी आया, जब वायु सेना को कारगिल की बटालिक और द्रास घाटियों में फंसे अपने घायल जवानों को सुरक्षित लाने के लिए और पायलट की ज़रूरत थी। उनके ज़्यादातर पुरुष पायलट पहले ही ड्यूटी पर थे।

सेना को अपने घायल सैनिकों तक दवाई, भोजन और ज़रूरी मदद पहुंचाने के लिए और पायलट चाहिए थे। ऐसे में वायुसेना ने अपनी दो महिला पायलटों फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्‍सेना और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन को मदद के लिए भेजने का निर्णय किया। वायुसेना के अनुसार ये दोनों महिला पायलट ऊधमपुर में तैनात थीं। जब कारगिल युद्ध शुरू हुआ तो श्रीविद्या राजन पुरुष अफसरों के साथ भेजी जाने वाली पहली महिला अफसर बनीं। इसके दो दिन बाद गुंजन सक्‍सेना ने उन्‍हें ज्वाइन कर लिया था।

उपलब्ध जानकारी के अनुसार  इस युद्ध में फ्लाइट लेफ्टिनेंट गुंजन सक्‍सेना और फ्लाइट लेफ्टिनेंट श्रीविद्या राजन; दोनों ने ही अपने-अपने चीता हेलिकॉप्टर में उड़ान भरी और पाकिस्तानी सेना के हमले से खुद को बचाते हुए अपने सैनिक साथियों तक मदद पहुंचायी। उन्होंने द्रास और बटालिक की घाटियों में दवा और भोजन पहुंचाया। घायल सैनिकों को तुरंत अस्पताल पहुंचाने का काम भी किया। वह अपने घायल सैनिकों को वापस भी लेकर आयीं। इसके साथ ही, इन दोनों महिला पायलटों का एक काम पाकिस्तानी सेना की स्थिति का जायजा लेना भी था। जिसके लिए कई बार उन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल के बहुत पास से उड़ानें भरीं।

एक बार जब गुंजन उड़ान भर रही थीं तो पाकिस्तानी सेना ने उनके हेलिकॉप्टर पर मिसाइल छोड़ी। इस हमले से गुंजन का हेलिकॉप्टर बाल-बाल बचा। दोनों ऐसे इलाके में उड़ान भरती थीं, जहां से वह पाकिस्तानी सेना की मिसाइलों की जद में आ सकती थीं। लेकिन वे डरी नहीं और इस मिशन के लिए छोटे चीता हेलीकॉप्टर से पहली बार युद्ध क्षेत्र में उड़ान भरी। जबकि न तो उनके पास आत्म रक्षा के लिए कुछ था और न बड़े मिसाइलों के सामने भिड़ने के लिए छोटे चीता हेलिकॉप्टर क्षमतावान थे; लेकिन जान की परवाह किए बिना दोनों ने उड़ान भरी और अपने मिशन को पूरी कुशलता से अंजाम दिया।

Topics: शौर्यगाथाराष्ट्रभक्ति का ज्वारपाकिस्तानी सेनाMaineपाञ्चजन्य विशेषभारत-पाकिस्तान की सेनाअदम्य शौर्य को नमन
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

राष्ट्रीय विद्यार्थी दिवस: छात्र निर्माण से राष्ट्र निर्माण का ध्येय यात्री अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

India democracy dtrong Pew research

राहुल, खरगे जैसे तमाम नेताओं को जवाब है ये ‘प्‍यू’ का शोध, भारत में मजबूत है “लोकतंत्र”

कृषि कार्य में ड्रोन का इस्तेमाल करता एक किसान

समर्थ किसान, सशक्त देश

उच्च शिक्षा : बढ़ रहा भारत का कद

ममता बनर्जी  एवंं असदुद्दीन ओवैसी

मतदाता सूची : बवाल के पीछे असल सवाल

Tahawwur Hussain Rana Pakistani Army agent

NIA इन्वेस्टिगेशन में टूटा तहव्वुर राणा, कहा-‘मैं पाकिस्तानी सेना का था खास एजेंट’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

विश्लेषण : दलाई लामा की उत्तराधिकार योजना और इसका भारत पर प्रभाव

उत्तराखंड : सील पड़े स्लाटर हाउस को खोलने के लिए प्रशासन पर दबाव

पंजाब में ISI-रिंदा की आतंकी साजिश नाकाम, बॉर्डर से दो AK-47 राइफलें व ग्रेनेड बरामद

बस्तर में पहली बार इतनी संख्या में लोगों ने घर वापसी की है।

जानिए क्यों है राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गुरु ‘भगवा ध्वज’

बच्चों में अस्थमा बढ़ा सकते हैं ऊनी कंबल, अध्ययन में खुलासा

हमले में मारी गई एक युवती के शव को लगभग नग्न करके गाड़ी में पीछे डालकर गाजा में जिस प्रकार प्रदर्शित किया जा रहा था और जिस प्रकार वहां के इस्लामवादी उस शव पर थूक रहे थे, उसने दुनिया को जिहादियों की पाशविकता की एक झलक मात्र दिखाई थी  (File Photo)

‘7 अक्तूबर को इस्राएली महिलाओं के शवों तक से बलात्कार किया इस्लामी हमासियों ने’, ‘द टाइम्स’ की हैरान करने वाली रिपोर्ट

राजस्थान में भारतीय वायुसेना का Jaguar फाइटर प्लेन क्रैश

डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

किशनगंज में घुसपैठियों की बड़ी संख्या- डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी

गंभीरा पुल बीच में से टूटा

45 साल पुराना गंभीरा ब्रिज टूटने पर 9 की मौत, 6 को बचाया गया

पुलवामा हमले के लिए Amazon से खरीदे गए थे विस्फोटक

गोरखनाथ मंदिर और पुलवामा हमले में Amazon से ऑनलाइन मंगाया गया विस्फोटक, आतंकियों ने यूज किया VPN और विदेशी भुगतान

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies