ईरान में कट्टरपंथी रईसी सरकार रही हो या फिर हो पजेशकियान की कथित उदारवादी सरकार, लगातार लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। इसी क्रम में एक बार फिर से ईरानी कुर्द राजनीतिक कैदी पखशान अजीजी को सशस्त्र विद्रोह के आरोप में आरोप सशस्त्र विद्रोह के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई है।
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ईरान इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, कुर्द वकालत समूह हेंगाव मानवाधिकार संगठन ने बताया है कि विपक्षी समूहों की मेंबरशिप के लिए पखशान अजीजी को चार साल कैद की सजा मिली थी। मंगलवार को उनके वकीलों को सजा के बारे में जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि अजीजी को पिछले वर्ष ही देश की राजधानी तेहरान में गिरफ्तार किया गया था। इसको लेकर हेंगाव ने बताया कि उनके परिवार के भी लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालांकि, कुछ ही दिनों के बाद अजीजी के परिवार के लोगों को तो छोड़ दिया गया, लेकिन अजीजी को नहीं छोड़ा।
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हेंगाव ने हाल ही में अजीजी के एक पत्र को प्रकाशित किया था, जिसमें अजीजी ने खुलासा किया था कि हिरासत के दौरान उन्हें बार-बार यातना दी गई, परिवार से मिलने नहीं दिया गया और बाद में कथित सुनवाई के बाद मौत की सजा सुना दी गई। आरोप ये भी है कि उनकी निष्पक्ष और पारदर्शी कानूनी कार्यवाही से इनकार किया है।
बता दें कि अजीजी ने वर्ष 2009 में तेहरान विश्वविद्यालय में राजनीतिक कैदियों की फांसी के खिलाफ कुर्द छात्रों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था और उसी दौरान ही उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उस दौरान भी उन्हें चार महीने तक हिरासत में रखा गया था, हालांकि उसके बाद उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया था।
गौरतलब है कि इससे पहले हाल ही सशस्त्र विद्रोह के लिए मौत की सजा पाने वाली दूसरी महिला हैं, इससे ठीक एक माह पहले ही श्रमिक कार्यकर्ता शरीफी मोहम्मदी को भी इसी तरह के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई थी।
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