नई दिल्ली । कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश के एक गंभीर आरोप के बाद चुनाव आयोग ने उनसे ठोस सबूत प्रस्तुत करने को कहा है। रमेश ने दावा किया था कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने देश के 150 जिला अधिकारियों (डीएम) को फोन कर मतगणना प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया है।
चुनाव आयोग ने इस आरोप पर सख्त रुख अपनाते हुए जयराम रमेश को एक पत्र लिखा है, जिसमें उनसे कहा गया है कि वे अपने दावे की पुष्टि के लिए तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत करें। आयोग ने स्पष्ट किया है कि इस प्रकार के गंभीर आरोपों की सच्चाई सामने आनी चाहिए। आयोग ने रमेश से आज शाम 7 बजे तक इस संबंध में विस्तृत जानकारी देने को कहा है।
रमेश का दावा
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह आरोप लगाया था कि अमित शाह ने 150 जिला अधिकारियों से बातचीत की है। यह भाजपा की हताशा को दिखाता है। विपक्षी गठबंधन की सरकार बनने की संभावना को देखते हुए अधिकारियों को संविधान के प्रति अपनी निष्ठा दिखानी चाहिए।
चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया
इस आरोप के बाद चुनाव आयोग ने कहा कि आदर्श चुनाव आचार संहिता प्रभावी होने के दौरान सभी अधिकारी आयोग के अंतर्गत कार्यरत होते हैं और इस प्रकार के आरोप गंभीर संदेह उत्पन्न करते हैं। आयोग ने यह भी बताया कि अब तक किसी भी डीएम ने ऐसी किसी बातचीत की जानकारी नहीं दी है।
पत्र में क्या कहा गया?
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में लिखा है, “जैसा कि आप जानते हैं, वोटों की गिनती की प्रक्रिया प्रत्येक निर्वाचन अधिकारी के लिए एक पवित्र कर्तव्य है और आपके द्वारा दिए गए ऐसे सार्वजनिक बयान संदेह पैदा करते हैं इसलिए व्यापक सार्वजनिक हित में इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।”
आयोग ने आगे कहा, “किसी राष्ट्रीय पार्टी के जिम्मेदार, अनुभवी और बहुत वरिष्ठ नेता ने मतगणना के दिन से ठीक पहले ऐसा सार्वजनिक बयान दिया है जो उनके अनुसार तथ्यों/सूचनाओं पर आधारित है। अनुरोध है कि गृह मंत्री द्वारा कथित तौर पर ऐसे 150 डीएम को कॉल करने की तथ्यात्मक जानकारी विस्तार से आज यानी 2 जून, 2024 को शाम 7 बजे तक साझा की जाए।”
आगामी स्थिति
यह मामला चुनाव आयोग की निष्पक्षता और स्वतंत्रता को बनाए रखने के प्रयास का हिस्सा है। चुनाव आयोग द्वारा उठाया गया यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए है कि मतगणना प्रक्रिया में किसी भी प्रकार का बाहरी हस्तक्षेप न हो और चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता बनी रहे। अब देखना यह है कि जयराम रमेश इस मामले में क्या प्रतिक्रिया देते हैं और उनके दावे का भविष्य क्या होता है।
टिप्पणियाँ