युद्ध जारी :  निशाने पर हिंदू एकता, जो कभी राम मंदिर निर्माण का विरोध करते थे वे आज आदर्शों की कर रहे बात
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

युद्ध जारी :  निशाने पर हिंदू एकता, जो कभी राम मंदिर निर्माण का विरोध करते थे वे आज आदर्शों की कर रहे बात

सत्य यह है कि राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू को ससम्मान प्राणप्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया और राम मंदिर के निर्माण के लिए पहला दान तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से लिया गया

by प्रशांत बाजपेई
May 6, 2024, 10:55 pm IST
in भारत
राम मंदिर निर्माण के लिए पहला दान तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से लिया गया। उनके द्वारा दी गई राशि का चेक।

राम मंदिर निर्माण के लिए पहला दान तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से लिया गया। उनके द्वारा दी गई राशि का चेक।

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

रामलला की प्राणप्रतिष्ठा के बाद जो हिंदू शक्ति एकत्रित हुई है, उसे हर कोई पचा नहीं पा रहा है. जो लोग कभी राम मंदिर के निर्णय और  निर्माण को किसी भी तरह रोकने के लिए जुगत भिड़ा रहे थे, आज वो हिंदू समाज से उसकी जाति पूछते घूम रहे हैं. वो ऐसे लोगों की पीठ थपथपा रहे हैं जो कहते घूमते हैं कि “हमारा समय आएगा तो देख लेंगे”।

चुनावी राजनीति के उन्माद में कुछ राजनीतिज्ञों ने हिंदू एकता को चुनौती के रूप में लिया है. हिंदुओं की श्रीराम में आस्था को जातियों में तोलने की कोशिश की जा रही है. ऐसे ही एक नेता का बयान वायरल हो रहा है कि “रात दिन बस जय श्रीराम, जय श्रीराम, जय श्रीराम… मंदिर जाना है, और भूखे मरना है.” हिंदू समाज को खंड-खंड करने की नीयत से झूठ फैलाए जा रहे हैं कि जनजाति की होने के कारण राष्ट्रपति को नहीं बुलाया… सिर्फ अमीरों को बुलाया..  सिर्फ ऊँची जातियों को बुलाया. वगैरह. फेक वीडियो  फैलाकर जातीय झगड़े खड़े करने के षड्यंत्र किए जा रहे हैं. सत्य यह है कि राष्ट्रपति श्रीमति द्रौपदी मुर्मू को ससम्मान प्राणप्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया और राम मंदिर के निर्माण के लिए पहला दान तत्कालीन राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद से लिया गया.

नित नए रूप बदलने में माहिर जो वर्ग, जो लोग कभी राम मंदिर के निर्माण का विरोध किया करते थे, आज राम के आदर्शों की बात कर रहे हैं. “भारत में  में तानाशाही आ गई है” का हल्ला मचाने वाले एक बहुचर्चित यूट्यूबर ने हाल ही में ने कहा कि “हिंदू दर्शन तो बहुत उदार है, कण कण में भगवान होने की बात करता है। राम सब जगह हैं, इसलिए राम मंदिर जाकर ही उनकी पूजा करने की क्या आवश्यकता है?” इसका उत्तर बस इतना ही है कि हमारे सारे मंदिर , हमारा राम मंदिर, इसी उदारता, इसी ज्ञान का प्रतीक है। यह ज्ञान, यह उदारता, यह परम्परा बनी रहे, इसलिए हमारे मंदिर आवश्यक हैं। राम उदार और करुणामूर्ति तो हैं ही, अन्याय के प्रतिकार का भी प्रतीक हैं। धर्म और सत्य की रक्षा के लिए उन्होंने जीवन भर युद्ध किए हैं। श्रीराम ने अपने आचरण से बतलाया है कि जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए प्राणपण से संघर्ष करना पड़ता है। इसलिए यह राम मंदिर, राष्ट्र मंदिर भी है और मानवता की धरोहर भी। भारत का इतिहास भी है, आने वाली पीढियों का भविष्य भी। इसलिए हिंदू समाज इन कपट भरी बातों में आने वाला नहीं है कि हिंदू तो इतना उदार है इसलिए उसे मिट जाने में भी संकोच नहीं करना चाहिए।

हिंदू होने के नाते हमारी यह जिम्मेदारी है कि हम सदा स्मरण रखें और सभी को स्मरण दिलाते रहें कि रामलला के इस पावन मंदिर में सबकी भागीदारी है. हर जाति ने इसके लिए रक्त बहाया. हर जाति ने इसके लिए योगदान दिया. ये हिंदू गौरव है. हिंदू पराक्रम का शिखर है. हिंदू एकता का वास्तु है. और, यह लगातार जागते रहने का मूर्त संदेश भी है.

Topics: राम मंदिर का विरोधफेक नैरेटिवराम मंदिरद्रौपदी मुर्मुलोकसभा चुनाव 2024रामनाथ कोविंद
Share11TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

छत्रपति शिवाजी महाराज

धर्म, स्वराज्य और सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रतीक: शिवाजी महाराज

Ram Darbar Pran Pratishtha

अभिजीत मुहूर्त में हुई “राम दरबार” की प्राण-प्रतिष्ठा

अयोध्या में निकलती कलश यात्रा

कलश यात्रा की आभा से दमकी अयोध्या

Ayodhya Ram Mandir Aniversary

“प्राण प्रतिष्ठा” शब्द सुनकर अयोध्या न आएं, श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने की अपील

Waqf Board

वक्फ संशोधन कानून पर फैलाया जा रहा गलत नैरेटिव : केंद्र सरकार 

मोहम्मद खान ने सनातन धर्म अपनाकर हिन्दू रीति-रिवाज से किया विवाह

घर वापसी: पहलगाम आतंकी हमले से आहत मोहम्मद खान ने की घर वापसी, अपनाया सनातन धर्म

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

जमीयत उलेमा ए हिंद, उदयपुर फाइल्स, दर्जी कन्हैयालाल, अरशद मदनी, रियाज अत्तारी, गौस मोहम्मद

फिल्म ‘उदयपुर फाइल्स’ को न्यायालय के साथ ही धमकी और तोड़फोड़ के जरिए जा रहा है रोका

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies