मुंबई । कांग्रेस का एक बार फिर आतंकी कसाब के प्रति प्रेम जगजाहिर हुआ हो गया है। इस बार महाराष्ट्र के विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य, विजय वडेत्तिवार ने एक विवादास्पद बयान देते हुए अपना कसाब प्रेम जाहिर किया है। उन्होंने कहा है कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में बलिदान हुए आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे की मौत अजमल कसाब या किसी आतंकी की गोली से नहीं, बल्कि एक पुलिस अधिकारी की गोली से हुई थी, जो कथित तौर पर संघ से जुड़ा था। वडेत्तिवार ने सरकारी वकील और भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी, उज्ज्वल निकम पर यह आरोप लगाया कि उन्होंने इस तथ्य को छिपाया और “गद्दारी” की।
वडेत्तिवार ने आरोप लगाया कि निकम ने कानूनी प्रक्रिया के दौरान प्राप्त महत्वपूर्ण जानकारी को छिपाया, जिससे करकरे की मौत के वास्तविक कारणों का खुलासा नहीं हो सका। वडेत्तिवार ने सवाल किया कि भाजपा “गद्दार” के रूप में उज्ज्वल निकम को क्यों समर्थन दे रही है और लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार क्यों बना रही है।
वडेत्तिवार के इस बयान के आने के बाद जहां सोशल मीडिया पर उनकी निंदा हो रही है वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री, देवेंद्र फडणवीस ने भी वडेत्तिवार को तीखा जवाब देते हुए उनके आरोपों को “निराधार” और “झूठा” करार दिया। उन्होंने कहा, “वडेत्तिवार का बयान पूरी तरह से बेबुनियाद है। कांग्रेस ने हमेशा अजमल कसाब को निर्दोष बताया है, जबकि पूरी दुनिया को पता है कि वह आतंकवादी था।”
वहीं उज्ज्वल निकम ने भी वडेत्तिवार के आरोपों का खंडन करते हुए कहा, “इस तरह के निराधार आरोप न केवल मेरे लिए बल्कि उन 166 लोगों के लिए भी अपमानजनक हैं, जिन्होंने 26/11 के हमले में अपनी जान गंवाई। यह राजनीति का ओछा रूप है, और यह दुखद है कि वोट के लिए लोग इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।”
इसके अलावा शिवसेना के प्रवक्ता, किरन पावस्कर ने एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) से मांग की कि वे वडेत्तिवार को उनके इस बयान के लिए गिरफ्तार करें। उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
बता दें कि महाराष्ट्र में राजनीतिक गर्मी बढ़ गई है, और आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनज़र यह बयानबाजी और भी तीव्र होती दिख रही है। जनता इस मुद्दे पर अपनी राय बनाएगी और 4 जून को अपने वोट के जरिए इसका जवाब देगी।
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