भारत में शोध के नाम पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में भर्ती उम्रदराज वामपंथी छात्रों ने आज कांग्रेस का झंडा उठाने वाले कन्हैया की अगुआई में कुछ वर्ष पहले अलगाववादी ‘आजादी आजादी’ ने नारे लगाए थे। अब उसी तर्ज पर आजादी आजादी के नारे अमेरिका में न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय में भी सुनाई दिए हैं। ये वामपंथी विष से भरे नारे अमेरिका में फिलिस्तीन के पक्ष में लगाए गए। दिलचस्प बात है कि इस प्रदर्शन के वीडियो में साफ सुनाई दे रहा है कि यह नारा हिन्दी में लगाया गया था। यानी कुछ जेएनयू छाप भारत विरोधी सोच के वामपंथी उस विश्वविद्यालय का भी माहौल बिगाड़ने के लिए वहां पहुंच चुके हैं।
करीब सात महीने से जारी इस्राएल और हमास के बीच जंग का फिलहाल ओर छोर नहीं दिख रहा है। इस वजह से दुनिया के विभिन्न देश दो पालों में बंटे दिख रहे हैं। एक पाला इस्राएल के हमास पर हमले का पक्षधर है क्योंकि 7 अक्तूबर की घटना भीषण नरसंहार के समकक्ष ही थी। इस पक्ष का कहना है कि इस्राएल को अपनी सुरक्षा चौकस रखने का पूरा हक है।
दूसरी तरफ वे देश हैं जो ‘मानवीय पक्ष’ को देखते हुए जंग को फौरन बंद करने के समर्थक हैं; इस्राएल ने वहां हमास को अपने बीच ‘छुपाए’ गाजा वालों जिस ताकत के साथ चोट करना जारी रखा हुआ है उससे जानोमाल की जबरदस्त हानि हो रही है। फिलिस्तीन के अनेक शहर बर्बाद हो चुके हैं।
कल न्यूयॉर्क स्थित कोलंबिया विश्वविद्यालय में फिलिस्तीन के समर्थन में विरोध प्रदर्शन चल रहा है। वहां पुलिस की सख्त कार्रवाई भी हुई है। अब तक 110 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। लेकिन बावजूद इसके विरोध प्रदर्शन जारी हैं। दसी प्रदर्शन के सोशल मीडिया पर साझा हुए एक वीडियो में प्रदर्शन स्थल पर हिन्दी में ‘आजादी-आजादी’ का नारा साफ सुना जा सकता है।
नारे लगाती वह युवती माथे पर बिंदी लगाए हुए है। उसका हिंदी उच्चारण भी साफ है। संभवत: वह भारत से है। साझा किए गए उस वीडियो में युवती यह कहते सुनी जा सकती है कि, ‘बाइडेन सुन लो, आजादी… नेतन्याहू सुन लो, आजादी’। इस वीडियो पर भारत में काफी कुछ सुनने में आ रहा है। बेशक, भारत वालों को यह नारा सुनकर नई दिल्ली के जेएनयू के उस काले दौर की याद आ गई होगी।
यह वीडिया एक्स प्लेटफार्म पर ‘कैंपस यहूदी हेट’ नाम के हैंडल की तरफ से साझा किया गया है। इसी वीडियो में एक युवती को फिलिस्तीन की आजादी के समर्थन में हिंदी में आजादी आजादी का नारा लगाते सुना जा सकता है। उसके पीछे दूसरे प्रदर्शनकारी उस नारे को दोहरा रहे हैं। कश्मीरी अलगाववादी और जिहादी तत्व जैसे कभी नारे लगाते थे कि ‘हम क्या चाहते….’, ठीक वैसे ही कोलंबिया विश्वविद्यालय में ‘फिलिस्तीन की आजादी’ के नारे लगाए गए हैं।
The "welcoming educational environment" at @Columbia and @BarnardCollege. pic.twitter.com/cbli9PhKq6
— Documenting Jew Hatred on Campus at Columbia U (@CampusJewHate) April 20, 2024
नारे लगाती वह युवती माथे पर बिंदी लगाए हुए है। उसका हिंदी उच्चारण भी साफ है। संभवत: वह भारत से है। साझा किए गए उस वीडियो में युवती यह कहते सुनी जा सकती है कि, ‘बाइडेन सुन लो, आजादी… नेतन्याहू सुन लो, आजादी’। इस वीडियो पर भारत में काफी कुछ सुनने में आ रहा है। बेशक, भारत वालों को यह नारा सुनकर नई दिल्ली के जेएनयू के उस काले दौर की याद आ गई होगी।
बात 2016 की है जब जेएनयू के वामपंथी उम्रदराज विद्यार्थियों ने कन्हैया की अगुआई में ससंद पर हमले के दोष जिहादी अफजल की फांसी की बरसी मनाते हुए ‘भारत के टुकड़े’ करने की कसमें खाते हुए ऐसे ही देश विरोधी नारे लगाए थे। अफजल ने अपने जिहादी साथियों के साथ 2001 में संसद पर हमला बोला था। एक और दिलचस्प बात, कोलंबिया विश्वविद्यालय में चल रहे इस प्रदर्शन में भारत विरोधी इस्लामवादी अमेरिकी सांसद इल्हान उमर की बेटी इसरा बिरसी भी शामिल थी। तार जुड़ते दिख रहे हैं न!
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