देहरादून: राजधानी देहरादून के प्रसाद सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के आईसीयू वार्ड में भर्ती पीड़िता ने सनसनीखेज खुलासा किया है। महिला ने सहसपुर के मदरसे के मौलवी समेत दो लोगों पर दुष्कर्म का आरोप लगाया है। आपको बता दें कि यह मामला तब सामने आया जब अस्पताल के आईसीयू में भर्ती महिला के परिवार को अस्पताल प्रशासन ने 90 हजार रुपये का बिल थमा दिया।
जानकारी के मुताबिक, मदरसे में काम देखने वाली एक लड़की ने आरोप लगाया है कि मदरसे के मौलवी कारी अहमद और उसके साथियों कारी बुरहान और कारी रुमान ने नशीली चाय पिलाकर उसके साथ रेप किया। होश में आने पर जब उसने विरोध किया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई, मैंने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी। इसी दौरान मुझे एहसास हुआ कि मैं गर्भवती हूं और मुझे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जहां आरोपी द्वारा मेरा गर्भपात करा दिया गया, जहां मेरा रक्तस्राव नहीं रुका और मुझे लगातार आईसीयू में रखा गया।
पीड़िता का आरोप है कि आरोपी और अस्पताल प्रबंधन के लोग मिलकर उसे परेशान कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, यह मदरसा लड़कियों का मदरसा है जहां उक्त महिला केयरटेकर के तौर पर काम करती है और फिलहाल उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है।
सवाल यह उठता है कि जब मदरसों में ऐसी घिनौनी हरकतें होती हैं तो वहां पढ़ने वाली छात्राएं कितनी सुरक्षित हैं? इस मामले में अस्पताल प्रशासन भी अपना पल्ला नहीं झाड़ सकता क्योंकि एक बेसुध महिला को कोई अंजान व्यक्ति दाखिल करता है तो अस्पताल प्रशासन ने क्या पुलिस को खबर की ? क्या अस्पताल प्रशासन को ऐसा नहीं लगा कि महिला के साथ कुछ गलत हुआ है? अगर कुछ हुआ था तो अस्पताल प्रशासन को पुलिस को सूचना क्यों नहीं देनी चाहिए थी?
सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अस्पताल प्रशासन के मुखिया शाह आलम और मदरसा संचालक के बीच कोई संबंध तो नहीं है, यह भी जांच का विषय है। हालांकि पुलिस को पीड़ित की ओर से शिकायत मिल गई है। यह घटना करीब दस दिन पुरानी बताई जा रही है लेकिन महिला का अभी भी इलाज चल रहा है। एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष की ओर से शिकायत मिली है, मामले की जांच की जा रही है। पर्याप्त साक्ष्य मिलने पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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