गाजा में इजरायल हमास युद्ध के 5 माह से अधिक बीतने के बाद 25 मार्च का दिन शायद इजरायल के लिए सबसे बुरा रहा। ऐसा इसलिए क्योंकि गाजा में तत्काल युद्ध विराम की मांग को लेकर पहली बार UNSC में प्रस्ताव पारित किया गया। 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद में 14 सदस्यों ने युद्धविराम के पक्ष में मतदान किया, जबकि अमेरिका इस बार मतदान से अलग रहा। इस प्रस्ताव के पारित होने के बाद इजरायल दुनिया में अलग-थलग पड़ गया है।
इजरायल और अमेरिका में बढ़ा टकराव
इजरायल और हमास युद्ध शुरू होने के बाद से अब तक कई बार अमेरिका ने वीटो लगाकर इजरायल को बचाया था, लेकिन उस पर बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय दबावों और नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों को देखते हुए वह मतदान से दूर हो गया। ये दिखाता है कि गाजा में युद्धविराम के मुद्दे पर दोनों के बीच में मतभेद काफी ज्यादा हैं।
इस बीच अमेरिका के रवैये से निराश इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अमेरिका पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सोमवार की अनुपस्थिति के साथ ही उसने संयुक्त राष्ट्र में अपनी नीतियों को त्याग दिया है, जिससे अब हमास को बंधकों को छोड़े बिना ही युद्धविराम की उम्मीद मिल गई है। इससे युद्ध के प्रयास और बंधकों की रिहाई के प्रयास दोनों को ही नुकसान पहुंच रहा है।
वहीं दूसरी ओर यूएनएससी में अपने खिलाफ प्रस्ताव पारित होने के बाद राफा में इजरायली हमले को लेकर चर्चा करने के लिए वाशिंगटन जा रहे इजरायली मंत्रियों अपनी इस यात्रा को कैंसिल कर दिया है।
फिलिस्तीनी दूत ने कहा-मानवता की जीत
इस बीच संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के दूत रियाद मंसूर ने सुरक्षा परिषद में वोटिंग को मानवता की जीत के लिए वोट करार दिया है। उनका कहना है कि जमीन पर लोगों की जान बचाने के लिए ये एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
लड़ता रहेगा इजरायल
इस बीच इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन के साथ अपनी पहली बैठक में दो टूक कह दिया है कि जब तक बंधकों को रिहा नहीं किया जाता है तब तक इजरायल युद्ध लड़ता रहेगा। उन्होंने कहा कहा कि गाजा में अभी भी बंधक हैं, हमें युद्ध रोकने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। गाजा में निर्णायक जीत की कमी हमें उत्तर में युद्ध के करीब ला सकती है। उल्लेखनीय है कि उत्तर में लेबनान से हिजबुल्लाह लगातार इजरायल पर हमले कर रहा है।
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