प. बंगाल भाजपा के अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार संदेशखाली में घटी घटनाओं को लेकर ममता सरकार पर हमलावर हैं। वह कहते हैं,‘‘तालिबान ने जो महिलाओं के साथ किया, ठीक वैसा ही जुल्म यहां हुआ है।’’ बशीरहाट में पाञ्चजन्य के विशेष संवाददाता अश्वनी मिश्र ने संदेशखाली के संदर्भ में उनसे विस्तृत बात की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश-
संदेशखाली की घटनाओं को लेकर राज्य में आक्रोश है। लेकिन महिला उत्पीड़न पर मुख्यमंत्री कहती हैं कि यह भाजपा के लोगों का दुष्प्रचार है?
देखिए, वह सच को छिपाने और असल अपराधी को बचाने के लिए कुतर्क का सहारा ले रही हैं। क्या जिन महिलाओं के साथ अत्याचार हुआ, उनकी चीखें उनके कानों तक नहीं पहुंच रही हैं? मीडिया के सामने वे बार-बार आकर अपने ऊपर हुए जुल्म के बारे में बता रही हैं, फिर भी उन्हें भरोसा नहीं हो रहा। क्या मान-सम्मान से बढ़कर एक महिला के लिए कुछ और होता है? इसलिए मैं कहता हूं कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ममता सिर्फ अपने परिवार तक सीमित है। उन्हें राज्य के दुख-दर्द से कोई मतलब नहीं है। इतनी बड़ी घटना को वह भाजपा का दुष्प्रचार साबित करने पर तुली हैं, इससे बड़ा दुर्भाग्य इस राज्य का क्या होगा। मैं उनसे गुजारिश करता हूं कि वह राजनीति से ऊपर उठकर पीड़ित महिलाओं की आवाज सुनें और उन्हें न्याय दिलाएं। संदेशखाली की घटनाएं पूरे भारत का दिल दहलाने वाली है। कभी अजमेर शरीफ के पास ऐसी घटनाएं घटी थीं। संदेशखाली में शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी गुंडों ने जिस तरीके से महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया, उसे सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। हम तालिबान राज में देख चुके हैं कि कैसे महिलाओं के साथ सामूहिक यौन शोषण की घटनाओं को अंजाम दिया गया। लेकिन आज संदेशखाली में ऐसा हुआ है। यहां की महिलाओं ने आवाज बुलंद की तो पुलिस उन्हें ही प्रताड़ित कर रही है। तृणमूल कांग्रेस नहीं चाहती कि यह अत्याचार सामने आए। इसलिए पुलिस उन आवाजों का दमन कर रही है। पुलिस के रहते हुए टीएमसी के गुंडे महिलाओं को डरा-धमकाकर बयान वापस लेने की कोशिश में लगे हुए हैं।
संदेशखाली में हजारों महिलाओं का यौन शोषण किया गया है। आप के पास क्या जानकारी हैं?
मैं सिर्फ इतना ही बोलूंगा कि संदेशखाली में रहने वाली महिला, जिसका बयान मीडिया में उपलब्ध है, ने कहा है कि शाहजहां शेख का चरित्र इतना खराब है कि वह इलाके की हर महिला पर गलत नजर रखता है। उसने बहुत सी महिलाओं का यौन शोषण किया है। उसकी तरफ से गुंडों को पहले घरों की रेकी करने के लिए भेजा जाता था कि किस घर की बहू-बेटी खूबसूरत है, उसके बाद उसे रात को बुलाया जाता था। ये बातें वहां की महिलाएं बोल रही है।। इन महिलाओं का शोषण करना और फिर उन्हें छोड़ देना, यह क्रम वर्षों से चला आ रहा था। इसके लिए हर तरह से महिलाओं को मजबूर किया जाता था।
एक महिला मुख्यमंत्री होते हुए ममता राज्य की पीड़ित महिलाओं की आवाज दबा रही हैं, जबकि वह मां, माटी, मानुष की बात करती नहीं थकतीं! ममता के ऐसे व्यवहार पर क्या कहेंगे आप?
यहां की मुख्यमंत्री सिर्फ अपने और अपने लोगों का हित देखती हैं। बाकी महिलाओं के प्रति उनकी कोई सहानुभूति नहीं है। महाभारत में जैसे अपने परिवार के प्रति धृतराष्ट्र संवेदनशून्य हो गए थे, वैसे ही आज ममता अपने गुंडों की करतूतों के प्रति हो गई हैं। उनका गलत भी उन्हें सही नजर आ रहा है। इसीलिए तो वह अपराधी शेख को ‘समाजसेवी’ तक बता देती हैं।
शुरुआत से ही संदेशखाली की घटना को टीएमसी और उसके नेता झुठलाने पर लगे हुए हैं। आखिर इसके पीछे क्या सोच हो सकती है उनकी?
निश्चित ही टीएमसी और उनके नेता साजिश के तहत पूरे मामले को दबाने में लगे हुए हैं। इसीलिए वह पीड़ित महिलाओं तक को टारगेट कर रहे हैं। उनके दर्द को झूठा करार दे रहे हैं। आज बंगाल में कानून-व्यवस्था बहुत ही खस्ता है। इस घटना ने पूरी सचाई सामने ला दी है। यहां की महिलाएं कैमरे के सामने चीख रही हैं कि शाहजहां शेख हिन्दू महिलाओं को बुलाता था, किसी मुस्लिम महिला को नहीं बुलाता था। इससे उसके चरित्र का पता चलता है।
इलाके में शाहजहां शेख और और उसके गुर्गों का क्या-क्या गैरकानूनी कारोबार है?
शेख सभी तरीके से गैर कानूनी कारोबार में लिप्त है। हथियार से लेकर गोतस्करी, सोना तस्करी, रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों को यहां बसाने तक में वह लिप्त है। संदेशखाली के स्थानीय लोगों की जमीनों को वह जबरदस्ती कब्जा करता है। उनसे अनेक तरह से पैसों की वसूली करता है।
बंगाल में कई संदेशखाली बन चुके है, जहां महिलाओं के साथ अत्याचार होता है। आपकी नजर में और कितने ‘संदेशखाली’?
देखिए, बंगाल में जहां-जहां जनसांख्यिकी बदलाव हुआ है, वहां हिन्दुओं के साथ ऐसा ही हो रहा है। राज्य की जनसांख्यिकी बहुत तेजी से बदल रही है, जो स्वाभाविक नहीं है। मुझे लगता है कि 2011 की जनसांख्यिकी और आज की स्थिति देखेंगे तो दंग रह जाएंगे। ममता बनर्जी की अंदरखाने तैयारी है पश्चिम बंगाल को बांग्लादेश बनाने की।
बशीरहाट का इलाका पहले भी जिहादी उन्माद में झुलस चुका है। अब फिर से हिन्दुओं को प्रताड़ित करने के चलते वह सुर्खियों में है। धीरे-धीरे यहां का हिन्दू पलायन को मजबूर है। आखिर क्या कारण है कि यह इलाका हिन्दू विहीन होता जा रहा है?
यह क्षेत्र बहुत ही संवेदनशील है। सीमावर्ती होने के चलते यह तस्करों का मुख्य ठिकाना बना हुआ है। सीमा पर बीएसएफ है, लेकिन उसे हर जगह पर तो नहीं तैनात किया जा सकता। आज बढ़ती मुस्लिम आबादी और घुसपैठ के चलते यहां का हिन्दू पलायन कर रहा है। शाहजहां शेख जैसे लोग यहां गरीब और लाचारों को प्रताड़ित करते हैं। इस इलाके में कुछ स्थान तो ऐसे भी हैं, जहां पर पुलिस-प्रशासन भी कुछ नहीं कर सकता। यहां बांग्लादेश और पाकिस्तान से बदतर हालात हो गए हैं।
जिस तरह से आप इलाके की स्थिति बता रहे हैं उससे पता चलता है कि हिन्दुओं के पलायन के पीछे ममता ही दोषी हैं?
जिस तरह से वह शेख जैसों को संरक्षण प्रदान कर रही हैं, उससे तो ऐसा ही प्रतीत हो रहा है। जो हिन्दू पढ़े-लिखे हैं वे राज्य के बाहर जा रहे हैं। या यूं कहें कि ममता बनर्जी खुद ऐसी मेधा को भागने पर मजबूर कर रही हैं। यहां पढ़े-लिखों को पूछने वाला कोई नहीं है। न उनके लिए नौकरी हैं। व्यापार सब ठप है।
टिप्पणियाँ