उत्तराखंड : राज्य सरकार ने साहित्यकारों का किया सम्मान
July 24, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

उत्तराखंड : राज्य सरकार ने साहित्यकारों का किया सम्मान

10 विभूतियों को मिला 'उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान'

by उत्तराखंड ब्यूरो
Feb 21, 2024, 05:36 pm IST
in उत्तराखंड
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून । मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराखंड भाषा संस्था द्वारा एक सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 10 साहित्यकारों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किये। मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के साहित्य गौरव सम्मान समारोह में उपस्थित प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से आये साहित्यकारों और भाषा प्रेमियों का स्वागत करते हुए सभी को विश्व मातृभाषा दिवस की भी शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान से अपेक्षा की कि वे अपनी साहित्यिक एवम् भाषाई गतिविधियों को व्यापक स्तर प्रदान कर प्रदेश में साहित्य ग्राम बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी करें, इससे प्रदेश में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोलियों व उनमें रचे जा रहे साहित्य को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में है, जहां भाषा और साहित्य की सेवा करने वाली अनेक विभूतियों- सुमित्रानंदन पंत जी, भजन सिंह जी, गोविंद चातक जी, गुमानी पंत जी, शैलेश मटियानी जी, डॉ० पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल जी, मनोहर श्याम जोशी जी, गौरा पंत शिवानी जी, शेखर जोशी जी, लीलाधर जगूड़ी जी, वीरेन डंगवाल जी, गिरीश तिवारी गिर्दा जी और भैरव दत्त धूलिया ने जन्म लिया, जिन्होंने अपनी रचनाओं से उत्तराखण्ड की चिंतन परंपरा को विराट भावभूमि प्रदान की है। इसके अतिरिक्त इलाचंद्र जोशी, ओमप्रकाश वाल्मीकि, सरदार पूर्ण सिंह, प्रसून जोशी, गंगाप्रसाद विमल, शेरजंग गर्ग आदि अनेकों साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में साहित्य के क्षेत्र में छोटे से स्थानों में जन्म लेकर सुमित्रानन्दन पन्त, शैलेश मटियानी, लीलाधर जगूड़ी आदि जैसे महान रचनाकारों ने इसकी चिन्तन परम्परा को विराट भाव भूमि प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान पाने वाले साहित्यकारों में वे साहित्यकार भी शामिल हैं जो अनेक विशिष्ट बोलियों में रचना कर्म कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो समाज अपनी भाषा और बोलियों का सम्मान नहीं करता वह अपनी प्रतिष्ठा गवां देता है। उन्होंने आम लोगों का आह्वान किया कि अपनी भाषा एवम् बोलियों को बचाने और उन्हें बढ़ाने के कार्य में आम लोगों की व्यापक सहभागिता बहुत जरूरी है तथा इस महत्वपूर्ण कार्य को हम सभी को अपने घर से आरम्भ करना होगा तथा विशेष रूप से बच्चों के साथ संवाद करते समय अपनी मातृ भाषा और आम बोलियों का प्रयोग करना होगा।

मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यक्रम के माध्यम से लोक भाषाओं पर विद्वान साहित्यकारों के मध्य विचार-विमर्श किया जाएगा, जिससे हिंदी व अन्य लोक भाषाओं का संरक्षण, विकास और उत्थान हो सके तथा आपके महत्वपूर्ण सुझावों को संस्थान अपनी भविष्य की कार्ययोजना में अवश्य सम्मिलित करेगा।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के प्रयासों की सराहना करते हुये कहा कि अपनी स्थापना के बाद से उत्तराखण्ड भाषा संस्थान ने कई महत्वपूर्ण कार्य किये हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हिन्दी अकादमी, पंजाबी अकादमी, उर्दू अकादमी और लोक भाषा बोली अकादमी को एक छत के नीचे लाते हुए उत्तराखण्ड भाषा संस्थान को पुर्नगठित किया है तथा भाषा संस्थान की स्वायत्तता को बरकरार रखते हुए इसके विकास के लिए सरकार हर सम्भव कार्य करने को प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों, भाषाविदों, शोधार्थियों से अनुरोध किया कि वे भाषा संस्थान के साथ मिलकर भाषाई विकास के लिए कार्य करें और इस संस्थान को देश के प्रतिष्ठित संस्थान के तौर पर विकसित करने के लिए मिलकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि इसी के अनुरूप हमारे भाषा संस्थान की पहचान भी पूरे देश में होनी चाहिए।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रो. लक्ष्मण सिंह बटरोही को सुमित्रानन्दन पन्त पुरस्कार, देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पन्त पुरस्कार,  गिरीश सुंदरियाल को भजन सिंह ’सिंह’ पुरस्कार, सुरेश मंमगाई को गोविन्द चातक पुरस्कार,  प्रेम कुमार साहिल को अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार, के0ए0 खान उर्फ नदीम बरनी को प्रो0 उनवान चिश्ती पुरस्कार, प्रो.शैलेय को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ० सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी पुरस्कार, डॉ० ललित मोहन पंत को डॉ0 पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार तथा गणेश खुगशाल ‘गणी’ को भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार से सम्मानित किया तथा कहा कि आप सभी को सम्मानित कर भाषा संस्थान स्वयं सम्मानित हुआ है।

उत्तराखण्ड साहित्य गौरव समान समारोह को भाषा मंत्री एवं कार्यकारी अध्यक्ष सुबोध उनियाल ने सभी सम्मानित साहित्यकारों को हार्दिक बधाई व शुभकामना देते हुये कहा कि हमारे लिये यह गौरव के क्षण हैं तथा किसी भी समाज में साहित्य व कला का महत्वपूर्ण स्थान होता है।

कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये पूर्व मुख्य सचिव इन्दू कुमार पाण्डेय ने कहा कि वेदों के जो भी मंत्र हैं, उनमें देवता का आह्वान होता है। उन्होंने कहा कि कवि को परिभाषित नहीं किया जा सकता है, वह मंत्र द्रष्टा है। इसी कारण शब्द को ब्रह्म का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में शब्द को ब्रह्म कहा गया है तथा हमारी साहित्य की परम्परा काफी समृद्ध है।

कार्यक्रम को विधायक  खजान दास, निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान स्वाति एस0 भदौरिया, डॉ0 सुधा पाण्डे ने भी भाषा संस्थान द्वारा उठाये गये कदमों के सम्बन्ध में विस्तार से प्रकाश डाला।

इस मौके पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संस्थान की पत्रिका तथा कुमाऊंनी भाषा साहित की पराण नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया। मंच का सफल संचालन हेमन्त बिष्ट ने किया।

 

Topics: uttarakhand newsउत्तराखंड समाचारUttarakhand governmentउत्तराखंड सरकारUttarakhand Sahitya Gaurav Sammanउत्तराखंड में साहित्यकारों का सम्मानउत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मानHonoring of litterateurs in Uttarakhand
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Kanwar Yatra

कांवड़ मेला: 4 करोड़ से ज्यादा शिवभक्तों की उमड़ी भीड़, मेले के बाद भी नहीं थम रहा आस्था का सैलाब

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: CM धामी ने SIT जांच के दिए निर्देश, सनातनी स्कूलों के नाम का दुरुपयोग कर हुआ मुस्लिम घपला

उत्तराखंड में पीएम ई-बस सेवा की तैयारी

उत्तराखंड में जल्द शुरू होगी पीएम ई-बस सेवा : सीएम धामी

रामनगर में रिजॉर्ट परिसर में अवैध रूप से बनी मजार

उत्तराखंड: पहले कॉर्बेट जंगल में और अब रिजॉर्ट में अवैध मजारें, नहीं मान रहे सुप्रीम कोर्ट और सरकार का निर्देश

मुठभेड़ में घायल हुए गौ तस्कर

उत्तराखंड : यूपी बॉर्डर पर मुठभेड़, 2 गौ तस्कर गिरफ्तार, पुलिस ने ललकारा तो की फायरिंग

हरिद्वार कांवड़ यात्रा 2025 : 4 करोड़ शिवभक्त और 8000 करोड़ का कारोबार, समझिए Kanwar Yatra का पूरा अर्थचक्र

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अलकायदा का संदिग्ध जीशान

नोएडा से अलकायदा का संदिग्ध जीशान गिरफ्तार, एक महीने से मोबाइल की दुकान पर कर रहा था काम

Russian plane crash

Russia Plane Crash: अमूर क्षेत्र में अंगारा एयरलाइंस का विमान लापता, 50 लोग थे सवार

SP Muslim apeasement

धर्मनिरपेक्षता की आड़ में मुस्लिम तुष्टिकरण: समाजवादी पार्टी की रणनीति

ग्राफिक- शशि मोहन रावत

5 सवाल? आखिर कैसे मौलाना छांगुर हिंदुओं के कन्वर्जन में सफल हुआ- कौन थे मददगार

Punjab Khalistan police

पंजाब में अवैध हथियार तस्करी: अमृतसर पुलिस की कार्रवाई और पाकिस्तान-फ्रांस कनेक्शन

इस वर्ष 4-15 मई तक बिहार में खेलो इंडिया यूथ गेम्स का आयोजन किया गया

खेलो भारत नीति 2025 : खेल बनेंगे विकास के इंजन

Supreme Court

मुंबई ट्रेन ब्लास्ट केस: सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले पर लगाई रोक

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

मुख्यमंत्री योगी की मध्यस्थता से वाराणसी में मंदिर-गुरुद्वारा विवाद का अंत

मुस्लिमों के कारण असम की बदलती डेमोग्राफी: CM सरमा बोले-ऐसा ही रहा तो 2041 तक हिन्दू-मुस्लिम हो जाएंगे बराबर

Uttarakhand Gram Panchayat poll

देहरादून: ग्राम पंचायत चुनाव में लौटी गांवों की रौनक, पहले चरण का मतदान आज

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies