26000 लोगों की मौत के बाद भी हमास के आतंकी गाजा में सरेंडर नहीं कर रहे हैं, दूसरी तरफ इजरायल भी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। लेकिन हमास के चंगुल से बंधकों को मुक्त कराने का दबाव बेंजामिन नेतन्याहू सरकार पर भी बढ़ रहा है। इस बीच इसी सप्ताह अमेरिका, इजरायल, मिस्र और कतर ने पेरिस में वार्ता के कैदियों के बदले बंधकों की रिहाई को लेकर एक रूपरेखा तैयार की है। हालांकि, ये अभी भी शुरुआती चरण में है। बताया जाता है कि अगर हमास इस डील को लेकर सहमत होता है तो बाकी के दूसरे पहलुओं पर आगे बढ़ा जाएगा।
इसके तहत इन चारों देशों में इस बात को लेकर आम सहमति बनी है कि कतर हमास को एक नया प्रपोजल देगा, जिसमें गाजा में 6 सप्ताह के लिए युद्ध पर रोक लग सके। इसके साथ ही इजरायल की जेलों में बंद कैदियों के बदले कुछ बंधकों का आदान-प्रदान किया जा सके।
हालांकि, हमास ने एक बयान जारी कर कहा है कि उसे अभी तक कोई प्रपोजल नहीं मिला है।
वहीं इस मामले को लेकर कतर के अधिकारियों का कहना है कि बातचीत अभी शुरुआती चरण में है। अगर हमास इसके लिए तैयार होता है तो फिर आगे के विवरणों पर काम शुरू किया जाएगा। दरअसल, इस डील में बिचौलिए की भूमिका कतर निभा रहा है। कतर के नेता हमास के नेताओं के साथ बातचीत करेंगे, इसके बाद हमास के सैन्य लीडरों से बात की जाएगी, इसमें काफी समय लग सकता है, क्योंकि हमास के लीडर सुरंगों में छिपे बैठे हैं।
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पिछली बार की ही तरह हमास के साथ इस बार भी बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों को पहले छुड़ाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। यह बंधकों की डील का पहला संभावित चरण होगा। अधिकारियों ने इस बात की भी आशंका व्यवक्त की है कि हो सकता है कि हमास ने कई लोगों की हत्याएं कर दी हों।
कुछ इजरायली अधिकारियों का कहना है कि हमास के साथ बंधकों की डील के लिए करीब 30-35 वार्ताकारों के शामिल होने का अनुमान है। इस बीच कतर के प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने सोमवार को शेष बंधकों की रिहाई और गाजा में युद्धविराम के लिए सकारात्मक समाधान खोजने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि इस मामले पर बातचीत सही दिशा में जा रही है।
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