बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) ने घोषणा की है कि कोरोना के ओमिक्रॉन वेरिएंट के लिए स्वदेशी प्लेटफॉर्म तकनीक का उपयोग कर बनाई गई एमआरएनए-आधारित बूस्टर वैक्सीन को ड्रग कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) कार्यालय से आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है।
जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा कार्यान्वित मिशन कोविड सुरक्षा के तहत समर्थित वैक्सीन को जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा तैयार किया गया है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने टीम डीबीटी के प्रयासों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि डीबीटी एक बार फिर अपने मिशन को पूरा कर रहा है।
उन्होंने आगे बताया कि इस स्वदेशी एमआरएनए प्लेटफॉर्म तकनीक के निर्माण के माध्यम से प्रौद्योगिकी संचालित उद्यमशीलता को सक्षम बनाया गया है। हमने प्रधानमंत्री के आत्मानिर्भरता के विजन के तहत भविष्य के लिए तैयार प्रौद्योगिकी मंच के अनुरूप प्रौद्योगिकी संचालित नवाचार का हमेशा समर्थन किया है।
(सौजन्य सिंडीकेट फीड)
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