ज्ञानवापी पर विफल हुए मजहबी  पैंतरे
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

ज्ञानवापी पर विफल हुए मजहबी  पैंतरे

मुस्लिम पक्ष ज्ञानवापी मामले को न्यायिक प्रक्रिया में उलझाने की कोशिश कर रहा है, जैसा कि उसने श्रीराम जन्म भूमि मामले में किया था, लेकिन कई बार उसे मुंह की खानी पड़ी है। अब शृंगार गौरी की नियमित पूजा मामले में उसे उच्च न्यायालय से झटका लगा है

by सुनील राय
Jun 15, 2023, 09:16 am IST
in उत्तर प्रदेश
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

ज्ञानवापी में शृंगार गौरी की नियमित पूजा अधिकार मामले में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘जब वर्ष में एक बार पूजा से मस्जिद के चरित्र पर कोई खतरा नहीं है तो रोजाना या साप्ताहिक पूजा से मस्जिद के चरित्र में बदलाव कैसे हो सकता है?

मुस्लिम पक्ष श्रीराम जन्मभूमि की ही तरह ज्ञानवापी मामले को भी न्यायिक प्रक्रिया में उलझाने की कोशिशों में जुटा है। वह इसके लिए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक गुहार लगा चुका है- लेकिन उसे निराशा ही हाथ लगी है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हाल के निर्णय से भी मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है।

ज्ञानवापी में शृंगार गौरी की नियमित पूजा अधिकार मामले में सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा, ‘‘जब वर्ष में एक बार पूजा से मस्जिद के चरित्र पर कोई खतरा नहीं है तो रोजाना या साप्ताहिक पूजा से मस्जिद के चरित्र में बदलाव कैसे हो सकता है? 1990 तक रोजाना माता शृंगार गौरी, हनुमानजी व गणेश देवता की पूजा होती थी। इसके बाद वर्ष में एक बार पूजा की अनुमति दी गई। सरकार या स्थानीय प्रशासन नियमित पूजा की व्यवस्था कर सकता है। इसका कानून से कोई संबंध नहीं है। यह प्रशासन और सरकार के स्तर का मामला है।’’

उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ज्ञानवापी को वक्फ संपत्ति बता रही है। लेकिन हिंदू पक्षकारों की ओर से सिविल वाद में वक्फ संपत्ति को कब्जे में सौंपने या स्वामित्व में लेने की बात नहीं कही गई है। ऐसे में यह मामला केवल शृंगार गौरी की नियमित पूजा अधिकार से जुड़ा हुआ है। इस मुकदमे में वक्फ कानून-1995 की धारा 85 लागू नहीं होती।

 ‘‘जब वर्ष में एक बार पूजा से मस्जिद के चरित्र पर कोई खतरा नहीं है तो रोजाना या साप्ताहिक पूजा से मस्जिद के चरित्र में बदलाव कैसे हो सकता है? 1990 तक रोजाना माता शृंगार गौरी, हनुमानजी व गणेश देवता की पूजा होती थी। इसके बाद वर्ष में एक बार पूजा की अनुमति दी गई। सरकार या स्थानीय प्रशासन नियमित पूजा की व्यवस्था कर सकता है। इसका कानून से कोई संबंध नहीं है। यह प्रशासन और सरकार के स्तर का मामला है।’’

1993 में शृंगार गौरी की पूजा रोक दी गई थी और हिंदुओं की ओर से कई वर्षों तक कोई प्रयास नहीं किया गया। इससे प्रतिदिन पूजा के अधिकार की मांग समाप्त नहीं हो जाती। इस पर उपासना स्थल कानून-1991 लागू नहीं होता। मुस्लिम पक्ष का तर्क था कि उपासना स्थल पर नियमित पूजा प्रतिबंधित है, क्योंकि पूजा होने से स्थल की मजहबी प्रकृति से छेड़छाड़ होगी। कानूनी तौर पर इस प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती, इसलिए परिसर में नियमित पूजा की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन उच्च न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष के तर्क को खारिज कर दिया।

हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने कहा, ‘‘यह बहुत ही ऐतिहासिक निर्णय है। मुस्लिम पक्ष हमेशा यह दावा करता था कि यह मुकदमा प्लेसेज आफ वर्शिप एक्ट से बाधित है। वाराणसी जिला अदालत ने 12 सितंबर को हमारे पक्ष में निर्णय दिया था। वही बात अब इलाहाबाद न्यायालय ने भी कही है।’’

पिछले साल अदालत के आदेश पर जब सर्वेक्षण टीम ज्ञानवापी परिसर में गई तो मुस्लिम पक्ष ने इसका विरोध किया। अदालत द्वारा नियुक्त अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्र को हटाने के लिए याचिका दाखिल की गई, लेकिन मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज हो गई। इसके बाद परिसर में नमाज पढ़ने पर रोक लगाने की मांग को लेकर 24 मई, 2022 को किरण सिंह ने याचिका दाखिल की, तब भी मुस्लिम पक्ष ने विरोध किया। लेकिन अदालत ने याचिका स्वीकार को सुनवाई योग्य माना।

इसी तरह, मुस्लिम पक्ष ने 17 अप्रैल, 2023 को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर कहा कि उन्हें नमाज पढ़ने में दिक्कत हो रही है। शीर्ष अदालत ने वाराणसी के जिलाधिकारी को समस्या का समाधान निकालने का निर्देश दिया। अंतत: 19 अप्रैल, 2023 को जिलाधिकारी की अगुआई में समिति की बैठक में वजू की व्यवस्था को लेकर सहमति बनी।

2021 में वाराणसी सिविल जज (सीनियर डिवीजन) के न्यायालय में सात मुकदमे दायर किए गए थे। ये सभी मामले एक ही प्रकृति के हैं, इसलिए इन पर एक साथ सुनवाई होगी। इसके लिए अदालत ने अगली तारीख 7 जुलाई तय की है।

Topics: Muslim sideश्रीराम जन्मभूमिउच्च न्यायालयsri ram janmabhoomiज्ञानवापी में शृंगार गौरीShringar Gauri in Gyanvapiसर्वोच्च न्यायालयAnjuman Intezamia Masjid Committee GyanvapiSupreme CourtHigh Courtअंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटीमुस्लिम पक्ष
Share8TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार में 10 बीघा सरकारी जमीन पर बना दी अवैध मजार, हिंदू संगठनों में रोष, जांच के आदेश

Supreme court OBC reservation

केरल की निमिषा प्रिया को यमन में फांसी पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई, केंद्र से जवाब तलब

Donald Trump

ब्राजील पर ट्रंप का 50% टैरिफ का एक्शन: क्या है बोल्सोनारो मामला?

Supreme court OBC reservation

सुप्रीम कोर्ट की नौकरियों में ओबीसी आरक्षण: क्या यह सामाजिक न्याय की नई शुरुआत है?

UMEED portal waqf

केंद्र सरकार ने लागू किए UMEED नियम: वक्फ संपत्तियों का डिजिटल प्रबंधन शुरू

Uttarakhand Illegal Madarsa

नैनीताल: रामनगर में अवैध मदरसा सील, 27वां मदरसा बंद, राज्य में अब तक 228 ठप

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

Terrorism

नेपाल के रास्ते भारत में दहशत की साजिश, लश्कर-ए-तैयबा का प्लान बेनकाब

देखिये VIDEO: धराशायी हुआ वामपंथ का झूठ, ASI ने खोजी सरस्वती नदी; मिली 4500 साल पुरानी सभ्यता

VIDEO: कांग्रेस के निशाने पर क्यों हैं दूरदर्शन के ये 2 पत्रकार, उनसे ही सुनिये सच

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies