राजस्थान में नजरू खान द्वारा लिव इन पार्टनर रुखसाना बेगम को मारा जाना और इस बहाने उठते कई सवाल!
July 23, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत राजस्थान

राजस्थान में नजरू खान द्वारा लिव इन पार्टनर रुखसाना बेगम को मारा जाना और इस बहाने उठते कई सवाल!

नजरू खान पहले तो रुखसाना को जंगल में ले गया और फिर अपने घुटनों से उसकी छ पसलियाँ तोड़ी और उसका लिवर फट गया। नजरू गद्दी मुस्लिम है जबकि रुखसाना फकीर जाति की है और गद्दी जाति के मुस्लिम फकीर जाति से नीचे माने जाते हैं, इसलिए रुखसाना का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था।

by सोनाली मिश्रा
May 16, 2023, 05:17 pm IST
in राजस्थान
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

राजस्थान में नजरू खान ने अपनी लिव इन पार्टनर रुखसाना बेगम की बहुत ही बेरहमी से हत्या कर दी। यह हत्या इतनी भयावह थी कि जैसे समझ में आया ही नहीं कि इतनी नृशंसता की सजा क्या हो सकती है और इतनी नृशंसता कैसे कोई कर भी सकता है।  यह ह्त्या इतनी बेरहमी से की गयी कि रुखसाना की माँ मुन्नी देवी दस दिनों तक सदमे में चली गईं थीं।

नजरू खान पहले तो रुखसाना को जंगल में ले गया और फिर अपने घुटनों से उसकी छ पसलियाँ तोड़ी और उसका लिवर फट गया। उसके शरीर को भीतर ही भीतर इतनी ब्लीडिंग हुई कि उसके पेट में दो यूनिट खून देना पड़ा। और सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि नजरू के पास इतनी जघन्य घटना के लिए कोई विशेष कारण नहीं था।

रुखसाना की अम्मी मुन्नी देवी ने आर्गेनाइजर को 13 मई को दिए हुए इंटरव्यू में कहा कि रुखसाना का निकाह रईस से दस साल पहले हुआ था और उससे उसके चार बच्चे हैं। छह साल पहले रईस की मृत्यु हो गयी तो वह उनके पास आ गयी।

उसके डेढ़ साल बाद वह काम के लिए जयपुर चली गयी थी। वहीं पर उसकी भेंट एक मिस्ड कॉल के कारण नजरू खान से हुई। और उम्र में छोटा होने के बाद भी वह उसके पीछे पड़ा रहा। रुखसाना को उसने भरोसे में लिया कि वह उसके बच्चों का ध्यान रखेगा। और उसके बाद रुखसाना ने उसका प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

मगर इसके बाद जो मुन्नी देवी ने कहा वह हैरान करने वाला तो है ही, साथ ही उस समस्या पर प्रकाश डालता है, जिसे लेकर हिन्दुओं को पिछड़ा बताने वाला वर्ग मौन साध लेता है।

आर्गेनाइजर के इसी लेख में आगे लिखा है कि नजरू गद्दी मुस्लिम है जबकि रुखसाना फकीर जाति की है और गद्दी जाति के मुस्लिम फकीर जाति से नीचे माने जाते हैं, इसलिए रुखसाना का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था।

आर्गेनाइजर का लेख लिंक – https://organiser.org/2023/05/13/173907/bharat/rajasthan-after-making-a-reel-video-nazru-khan-brutally-murdered-his-live-in-partner-woman-is-survived-by-4-children/

 

भास्कर के अनुसार रुखसाना के अब्बा कमरूद्दीन अब रीढ़ की हड्डी में समस्या होने के नाते मजदूरी में असमर्थ हैं।  कमरुद्दीन और मुन्नी देवी की 7 बेटियां थीं। रुख्साना की हत्या के बाद अब 6 बेटियां रह गई हैं। बड़ी बेटी अफसाना (35) की शादी टोंक की है। दूसरी रुखसाना थी। जिसकी हत्या हो गई। तीसरी बेटी फरजाना की शादी के कुछ साल बाद ही पति की मौत हो गई है। जिसके 4 बच्चे हैं। उसकी दूसरी शादी की। दूसरा पति भी बीमार रहता है। चौथी बेटी रुकैया जयपुर, पांचवी शब्बो बघेरा, छठी अन्नू मेहंदवास तथा सातवीं बेटी मुस्कान सांखना में रहती है।

जब यह बात सामने निकल कर आती है कि जाति के आधार पर रुखसाना का परिवार इस रिश्ते के खिलाफ था, तो फिर से फेमिनिज्म इन इंडिया का वह लेख आँखों के सामने तैर गया, जिसमें श्रद्धा वॉकर की हत्या के लिए हिन्दू धर्म की जाति को दोषी यह कहते हुए ठहराया था कि श्रद्धा के पिता लिव इन में रहने के उसके फैसले के खिलाफ थे।

किसी भी फेमिनिज्म की या कहें प्रगतिशील वेबसाईट पर फकीर जाति की मुन्नी देवी की बेटी रुखसाना की नजरू के हाथों हुई हत्या का समाचार नहीं दिखाई दिया। यह अजीब विडंबना है। अजीब इसलिए क्योंकि यह दुःख होता है कि जो फकीर महिलाएं नजरू आदि जैसे युवकों की सनक का शिकार हो रही हैं, उनकी हत्या क्यों विमर्श रहित होकर रह जाती है? क्यों उनकी हत्याओं पर बात ही जैसे नहीं होती है और वह सेक्युलर विमर्श से गायब हो जाती हैं।

और केवल रुखसाना ही नहीं, बल्कि ऐसी तमाम मुस्लिम लड़कियों की प्यार की आजादी या जीवन की आजादी एजेंडाबाज आजादी की परिभाषा से परे रह जाती है। जैसे पिछले वर्ष अशरिन नामक मुस्लिम महिला ने एक दलित युवक नागराजू से प्यार और शादी करने का दुस्साहस कर दिया था। मगर उसके प्यार की आजादी उसके भाइयों को पसंद नहीं आई थी और उन्होंने दलित युवक नागराजू को मौत के घाट उतार दिया था।

इसे हालांकि हॉनर किलिंग मीडिया ने बताया था, मगर यह कहीं न कहीं वही जातिगत घृणा की भावना थी, जिसने यह पाप कराया था:

Re-run of Ankit Saxena case.. Nagaraju killed by family of his wife Syed Ashrin in Hyderabad because family of the wife could not tolerate she married a Hindu! THIS IS NOT HONOR KILLING – it’s a hate crime BUT the so called ISLAMOPHOBIA LOBBY /Not in my name Brigade is SILENT pic.twitter.com/0fLPy2izkR

— Shehzad Jai Hind (Modi Ka Parivar) (@Shehzad_Ind) May 5, 2022

ऐसे ही दिल्ली में एक घटना हुई थी जिसमें एक मुस्लिम महिला ने एक वाल्मीकि युवक से शादी कर ली थी। क्विंट के अनुसार उस लड़की के अब्बा की नाराजगी इस बात पर थी कि वह कुछ भी होता हम मान जाते, मगर वाल्मीकि नहीं! इमें मुस्लिम अशराफ लड़की के परिवार वालों के हवाले से लिखा गया था कि ““वह हमारे समाज का नहीं है कि हम दोनों की शादी करा पाएं। अगर वो हमारे समाज का भी नहीं होता, पर इस समाज का नहीं होता और दूसरे समाज का होता तो मैं हंसी खुशी कर देता। लेकिन इस समाज का है वो तो मैंने तो अपनी बेटी के सामने हाथ जोड़ लिए। हम मुस्लिम हैं और वह वाल्मीकि। अगर वह मुस्लिम नहीं भी होता तो भी कोई बात नहीं होती, पर वह वाल्मीकि नहीं होता तो मैं खुशी खुशी शादी कर देता।”

जब मजीद से क्विंट के पत्रकार ने यह प्रश्न किया था कि वाल्मीकि जाति का लड़का होने के कारण क्या समस्या है, तो मजीद का कहना था कि “मुस्लिम समुदाय का कोई भी आदमी वाल्मीकि को कैसे अपने बच्चे दे सकता है? न ही हम बच्चा देते हैं और न ही हम लेते हैं!”

दा क्विंट का लिंक – https://www.thequint.com/news/india/sarai-kale-khan-muslim-mob-attacks-dalit-households-after-wedding#read-more#read-more

यह दिल्ली के सराय काले खान की घटना थी, जिसमें वाल्मीकि हिन्दू लड़के के परिवार पर हमला किया गया था।

यहाँ पर प्रश्न बार बार यही उठता है कि आखिर क्यों प्रगतिशील लोग किसी रुखसाना, किसी अशरिन या किसी शीना के प्यार या जीवन की आजादी के अधिकार पर बात नहीं करते? जब किसी रुखसार को किसी नज़रु द्वारा मौत के घाट इतनी बेरहमी से उतार दिया जाता है तो उस मानसिकता पर बात क्यों नहीं होती है जिसके चलते रुखसाना को असमय मरना पड़ा!

मीडिया के अनुसार नजरू ने संदेह के आधार पर रुखसाना की हत्या कर दी। अब उसके चारों बच्चों का क्या होगा, इसके विषय में वह प्रगतिशील लोग बात क्यों नहीं करते हैं, जो हिन्दू लोकवादी एवं धर्मनिष्ठ पुरुषों को लगातार हिंसक बताते हैं।

किसी अशरिन का असमय विधवा होना उनके एजेंडे से बाहर क्यों होता है और क्यों किसी शीना द्वारा श्याम के साथ विवाह पर शीना के घरवालों का वाल्मीकियों में लड़की न देने का विमर्श दम तोड़ देता है!

आखिर क्या भय है और क्या एजेंडा है जिसके चलते महिलाओं के प्रति होने वाले यह तमाम अन्याय कहीं न कहीं एक तारीख ही बनकर रह जाते हैं और एजेंडे वाले विमर्श के नीचे दबकर दम तोड़ देते हैं। क्या कभी उन महिलाओं की भी आवाज उस विमर्श का एजेंडा बन पाएगी जो स्त्री विमर्श के ठेकेदार बनकर केवल एजेंडा को आगे बढ़ाता है!

इसे रुखसाना की अम्मा मुन्नीदेवी के शब्दों में कहें तो “नजरू और उसके जैसे लोग सनकी और कट्टर होते हैं, वे महिलाओं को अपना मनोरंजन स्रोत मानते हैं, उसने उसके साथ एक जानवर की तरह व्यवहार किया था!”

मगर दुर्भाग्य की बात यही है कि मुन्नी देवी के आंसू भी रुखसाना की नज़रु द्वारा की गयी हत्या को उस विमर्श में नहीं ला पाएंगे, जो विमर्श का ठेकेदार बना है! वह विमर्श नज़रु जैसे कट्टर और सनकियों के साथ खड़ा है और इसके साथ ही यह विमर्श उन महिलाविरोधियों के पक्ष में भी खड़ा है, जो जाति के नाम पर अपनी महिलाओं की प्यार की और जीवन की आजादी पर डाका डालते हैं एवं साथ यह विमर्श मुस्लिमों में व्याप्त जाति के प्रश्न पर घुटने टेके हुए है!

 

Topics: Rajasthan Newsनजरू खान और रुखसाना बेगमNazaru Khan and Rukhsana Begumराजस्थान समाचार
Share6TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

हिंदू छात्रों से पढ़वाया गया कलमा

कोटा: स्कूल में हिंदू छात्रों से कलमा पढ़वाने का वीडियो वायरल, जांच शुरू

Mangluru Love jihad with a hindu girl

लव जिहाद: अजमेर में नाबालिग हिन्दू युवती के इस्लामिक कन्वर्जन की कोशिश नाकाम, हिन्दू संगठनों ने बचाया

प्रतीकात्मक तस्वीर

राजस्थान हाईकोर्ट: शैक्षणिक रिकॉर्ड में मां का नाम सिर्फ विवरण नहीं, बच्चे की पहचान का आधार है

बांग्लादेशियों पर भारत का एक्शन शुरू : जोधपुर से डिपोर्ट किए गए 148 बांग्लादेशी, जानिए कैसे आए पकड़ में..?

प्रतीकात्मक तस्वीर

घर वापसी: इस्लाम त्यागकर अपनाया सनातन धर्म, घर वापसी कर नाम रखा “सिंदूर”

हाईकोर्ट ने 11 वर्षीय बालिका और उसके छोटे भाई द्वारा यूट्यूब का उपयोग करने को घोर लापरवाही माना है। (AI generated image)

राजस्थान हाईकोर्ट ने बच्चों की कस्टडी दादा-दादी से लेकर मां को दी, रील्स और स्टंट वीडियो बने लापरवाही की वजह

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मां जगरानी देवी और चंद्रशेखर आजाद

चंद्रशेखर आजाद की मां की दुखभरी कहानीः मूर्ति तक न लगने दी कांग्रेस ने

सुबह खाली पेट आंवला जूस पीने के फायदे

स्वातंत्र्यवीर सावरकर स्मारक द्वारा घोषित शोध छात्रवृत्तियाँ 2025

सावरकर स्मारक की पहल : क्रांतिकारी आंदोलन पर रिसर्च के लिए 3 शोधकर्ताओं को मिली प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति

अब्दुल रहमान उर्फ पप्पू की गिरफ्तारी- कन्वर्जन सिंडिकेट का मास्टरमाइंड

हिंदू से ईसाई बना, फिर मुस्लिम बनकर करने लगा इस्लामिक कन्वर्जन, ‘रहमान चाचा’ का खुला काला चिट्ठा

सीरिया में ड्रूज समुदाय के हजारों लोगों की हत्या की गई है।

सीरिया में हजारों ड्रूज़ लोगों की हत्याएं: मगर क्यों? विमर्श में इतना सन्नाटा क्यों?

शशि थरूर कांग्रेस के लिए जरूरी या मजबूरी..?

उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: CM धामी ने SIT जांच के दिए निर्देश, सनातनी स्कूलों के नाम का दुरुपयोग कर हुआ मुस्लिम घपला

ऑनलाइन गेम्स के दुष्प्रभाव सामने आने लगे हैं।

ऑनलाइन गेम्स की लत से परिवार तबाह, महाराष्ट्र में बैन की उठी मांग !

हिंदू वेश में उन्माद की साजिश नाकाम : मुजफ्फरनगर में 5 मुस्लिम गिरफ्तार, कांवड़ियों के बीच भगवा वेश में रच रहे थे साजिश

10 हजार साल पुराना है भारत का कृषि का ज्ञान-विज्ञान, कपड़ों का निर्यातक भी था

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies