पाकिस्तानियों ने दुनियाभर में अपनी हरकतों से खुद को और अपने देश को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। उनके चाल—चलन और समाज में भूमिका को लेकर लगभग हर उस देश में सवाल उठे हैं जहां उनकी अच्छी—खासी संख्या है। ब्रिटेन की गृहमंत्री ने हाल में एक टेलीविजन साक्षात्कार में साफ कहा कि ब्रिटिश पाकिस्तानी ब्रिटिश लड़कियों का बलात्कार करते हैं।
गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन की यह टिप्पणी बहुत गंभीर मानी जा रही है। दरअसल ब्रिटेन ऐसी अनेक घटनाओं को साक्षी रहा है जिनमें ब्रिटेन की श्वेत लड़कियों के प्रति हुए यौन अपराधों में पाकिस्तान वालों की संलिप्तता सबसे ज्यादा पाई गई है। टेलीविजन साक्षात्कार में सुएला ने कहा कि ‘ब्रिटिश पाकिस्तानी यूके की श्वेत लड़कियों से बलात्कार करते हैं, उन्हें नशा कराते हैं’। सुएला ने दुख व्यक्त करते हुए आगे कहा कि हैरानी की बात है कि उन पाकिस्तानियों का समाज उनकी ऐसी हरकतों को ना सिर्फ पचा जाता है, बल्कि ऐसे अपराधों के विरुद्ध किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी जाती।’
गृहमंत्री ने यह भी कहा है कि ब्रिटिश पाकिस्तानी पुरुष एक गुट बनाकर ऐसे काम करते हैं, श्वेत लड़कियों को वे आसानी से शिकार बना लेते हैं। वे यूके की लड़कियों के हालात का फायदा उठाते हुए, उन्हें नशा देते हैं, उनके साथ रेप करते हैं। सुएला का यह भी कहना कम चिंताजनक नहीं है कि राज्य की पुलिस एजेंसियां तथा सामाजिक कर्मी ऐसी घटनाओं को अनदेखा कर देते हैं।
ब्रिटेन ही नहीं, पाकिस्तानियों की इस दूषित सोच को तुर्किए और सऊदी अरब बहुत अर्से से जानते हैं। तुर्किए में तो ‘पाकिस्तानियों को भगाओ’ अभियान तक चल चुका है। गत वर्ष वहां कई शहरों से लगभग पांच हजार पाकिस्तानी हिरासत में लिए गए थे, जिनको ऊपर यौन अपराधों के आरोप लगे थे।
दिलचस्प बात है कि यूके की गृहमंत्री सुएला के इन आरोपों को भारतीय गुप्तचर एजेंसी ‘रॉ’ के प्रमुख रहे विक्रम सूद सही ठहराते हैं। विक्रम जी ने कड़ियों में कई ट्वीट करके ब्रिटेन में बसे पाकिस्तानियों की डरावनी हरकतों को उजागर किया है। उन्होंने एक समाचार एजेंसी की पत्रकार स्मिता प्रकाश के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है और उस पर लिखा है, ‘यूके में ऐसा 1997 से ही होता आ रहा है। ननों-श्वेत लड़कियों से बलात्कार के 1400 मामले सामने आए हैं। इन मामलों में ज्यादातर के पीछे पाकिस्तानी मूल के नागरिक ही हैं’। वे लिखते हैं कि ऐसे मामलों को लेकर कोई शिकायत होती है तो उसे ‘इस्लामोफोबिया’ कहते हुए, दबा दिया जाता है।’
एक ट्ववीट में सूद लिखते हैं कि हालत यह हो गई है कि शिकायत करने वालों को ही पुलिस की हिफाजत में रहने को मजबूर होना पड़ जाता है। लेकिन पुलिस नस्लीय ‘झंझट’ समझकर ऐसे मामलों में संबंधों को चोट पहुंचने के भय से कार्रवाई करने में असफल ही रही है। रॉ के पुर्व प्रमुख ने हैरान करने वाली बात बताई कि यूरोप ने भी अपने पूर्व उपनिवेशों से आने वाले प्रवासियों के साथ बर्ताव करते हुए ऐसा ही व्यवहार किया था। ब्रिटेन में तो 25 साल बाद इस समस्या को आधिकारिक तौर माना गया है।
गृहमंत्री सुएला ने ऐसे मामलों के संदर्भ में यह भी कहा है कि ब्रिटिश पाकिस्तानियों द्वारा गुट बनाकर श्वेत लड़कियों से बलात्कार करना ऐसी मानसिकता को दर्शाता है, जिसे लेकर कोई पाकिस्तानी ब्रिटेन में आता है। गृहमंत्री की इस टिप्पणी में भारत के ‘लव जिहाद’ मामलों की भनक है। ब्रिटेन कभी भारत की इस समस्या को हंसी में उड़ाता था परन्तु अब वह स्वयं इस दर्द को भोग रहा है। अक्तूबर 2018 में उत्तरी इंग्लैंड में करीब 12 श्वेत लड़कियों से बलात्कार के जुर्म में 20 पाकिस्तानियों को जेल हुई थी। उनमें से सभी पीड़िताएं किशोर उम्र की थीं। सभी को नशा दिया था। इसके बाद किसी लड़की को कार पार्किंग में ले जाकर, तो किसी को वीरान इलाके में ले जाकर बलात्कार का शिकार बनाया गया था।
ब्रिटेन ही नहीं, पाकिस्तानियों की इस दूषित सोच को तुर्किए और सऊदी अरब बहुत अर्से से जानते हैं। तुर्किए में तो ‘पाकिस्तानियों को भगाओ’ अभियान तक चल चुका है। गत वर्ष वहां कई शहरों से लगभग पांच हजार पाकिस्तानी हिरासत में लिए गए थे, जिनको ऊपर यौन अपराधों के आरोप लगे थे। यौन अपराधों के अलावा, अवैध अन्रवासी पाकिस्तानियों ने गिरोह बनाकर लड़ाई—झगड़े, मानव तस्करी, नशा तस्करी और पर्यटकों से फिरौती—अपहरण जैसे अनेक अपराध किए थे।
आज यूके की जेलों में कैद कुल अपराधियों में सातवां नंबर पाकिस्तानियों का ही है। ग्रीस में भी गत वर्ष अप्रैल—मई में पाकिस्तानियों को देश से बाहर निकालने का दौर चला था, जब 17 साल की एक किशोर लड़की को भयानक तरीके से मार डाला गया था। उसकी हत्या पाकिस्तानी किशोर अहसान खान ने की थी, जो उस देश में जाकर बस गया था। अहसान ने लड़की को
वीभत्स तरीके से इसलिए मारा था क्योंकि उसने कुरान की एक आयत गलत तरह से पढ़ी थी। उस वक्त वह उस लड़की को ईसाई से मुसलमान बना रहा था, लेकिन लड़की आयत को ठीक से याद नहीं कर पा रही थी, उसने उसका गलत उच्चारण कर दिया था।
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