मृत व्यक्तियों पर यौन शोषण के आरोप? वास्तविक शोषण या फिर कुछ और?
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

मृत व्यक्तियों पर यौन शोषण के आरोप? वास्तविक शोषण या फिर कुछ और?

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का एक बयान चर्चा में है। उन्होंने कहा कि उनके पिता उनका यौन शोषण करते थे। वह उन्हें मारते थे और वह अपने पलंग के नीचे छिप जाती थीं

by सोनाली मिश्रा
Mar 14, 2023, 04:32 pm IST
in भारत
स्वाति मालीवाल

स्वाति मालीवाल

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल का एक बयान इन दिनों बहुत चर्चा में है। उन्होंने महिला दिवस के अवसर पर आयोजित एक आयोजन में कहा कि उनके पिता उनका यौन शोषण करते थे। वह उन्हें मारते थे और वह अपने पलंग के नीचे छिप जाती थीं, और महिलाओं को न्याय दिलाने के विषय में सोचा करती थीं।

जैसे ही उन्होंने यह वक्तव्य दिया, वैसे ही इस पर तमाम प्रकार के विमर्श आरम्भ हो गए क्योंकि इससे एक या दो दिन पहले राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य खुशबू सुन्दर उर्फ़ निकहत खान ने भी ऐसा ही कहा था कि उनके अब्बा ने उनका यौन शोषण किया था। उन्होंने कहा कि जब वह 8 वर्ष की थीं, तब से लेकर 15 वर्ष की आयु तक उनके अब्बा ने उनका यौन शोषण किया था। फिर जब वह 15 वर्ष की हो गईं तो उन्होंने इसका सामना किया।

इन दोनों ही मामलों के साथ एक और घटना स्मरण आती है जो कुछ दिनों पहले जनकवि नागार्जुन पर ही उनकी मृत्यु के कई दिनों बाद यौन शोषण का आरोप लगा दिया गया था। इस बात को लेकर भी हंगामा हुआ था। तमाम विमर्श हुए थे।

ऐसा नहीं है कि यही मामले हैं, बल्कि ऐसे अनेकों किस्से सामने आ जाते हैं। एवं यह विमर्श उत्पन्न होने लगता है कि पुरुष वास्तव में ऐसे ही होते हैं। यहाँ स्वाति मालीवाल के पिता की बात करना इसलिए भी और आवश्यक हो जाता है क्योंकि वह सेना में रहे थे और यही स्वाति मालीवाल उन्हें अपनी शक्ति का स्रोत भी पूर्व में बता चुकी थीं।

अब प्रश्न यह उठता है कि एक पुरुष, जिसने अपनी ही जिस बच्ची का यौन शोषण किया हो, बच्ची के अनुसार, तो क्या वह उसके लिए शक्ति का स्रोत हो सकता है? अब स्वाति मालीवाल यह कह रही हैं कि ऐसा कई बच्चियों के साथ होता है, बस कहने में समस्या होती है। ऐसा नहीं है कि यह समस्या नहीं है और ऐसा होता नहीं होगा, परन्तु एक सच्चाई यह भी है कि स्वाति मालीवाल के पिता अब इस दुनिया में नहीं हैं और न ही बाबा नागार्जुन! फिर ऐसा क्यों हो रहा है कि जो मृत हैं, उनके विषय में ऐसे आरोप लगाए जाएं। यद्यपि आरोपों से मुक्त किसी को नहीं किया जा सकता है, परन्तु यह भी सत्य है कि क्या उनके जीवित रहते ही ऐसे तमाम आरोप नहीं लगाए जाने चाहिए, जिससे सत्य एवं असत्य दोनों का ही निर्णय लिया जा सके?

क्या यह उन पुरुषों के प्रति दुराग्रह से भरा हुआ नहीं प्रतीत होता है जिन पर यह आरोप लगाए गए? यदि स्वाति मालीवाल के पिता ने उनका यौन शोषण किया था, तो स्वाति को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बनते ही सबसे पहला काम अपने साथ हुए इस शोषण के लिए न्याय लेना होना चाहिए था, उन्हें एक मिसाल कायम करनी चाहिए थी कि बच्चों का यौन उत्पीड़न करने वाला कोई भी हो बचेगा, नहीं! परन्तु उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, बल्कि यदि twitter की मानी जाए तो भारत की पाकिस्तान पर सर्जिकल स्ट्राइक तक भी स्वाति मालीवाल को अपने पिता पर गर्व था। और अब वह कह रही हैं कि उनकी मां तक के साथ उनके पिता ने बहुत ज्यादती की! ऐसे में बहुत भ्रम होता है, ऐसे प्रश्न उठते हैं कि क्या इतने वर्षों के उपरान्त यह आरोप किसी अन्य कारण से तो नहीं लगाए जा रहे हैं। जैसे जब गुनगुन ने नागार्जुन के विषय में यह कहा था कि उन्होंने उनका यौन शोषण किया तो द प्रिंट के लेख के अनुसार उन्होंने यह बात अपने पिता को नहीं बताई थी क्योंकि वह नहीं चाहती थीं कि उन्हें बाबा नागार्जुन को घर लाने पर ग्लानि का अनुभव हो!

बच्चों के साथ होने वाला यौन शोषण बहुत ही गंभीर तथा संवेदनशील मामला है और दुनिया का कोई भी अभिभावक सहज ही अपने बच्चे के साथ हुए इस शोषण के पक्ष में नहीं दिखता है, वह भरसक विरोध करता है। और पिछले कुछ वर्षों से बच्चो के साथ हुए यौन शोषण को लेकर नियम और भी सख्त हो गए हैं। परन्तु चूंकि ये सभी मामले अतीत के हैं, तो ऐसे में प्रश्न यह उठता ही है कि जो व्यक्ति उपस्थित नहीं है, जो व्यक्ति अपना पक्ष रखने के लिए उपस्थित है ही नहीं, तो उसके विरुद्ध ऐसे आरोप कहां तक उचित हैं? स्वाति मालीवाल एवं खुशबू सुन्दर जैसी स्त्रियाँ जिन्होनें समाज में अपना नाम कमाया है, उनसे यह अपेक्षा ही रहती है कि वह आरोपों से हटकर कुछ ठोस कार्य करेंगी।

यदि यह दोनों ही आरोप मीडिया में न आकर कानूनी कार्यवाही के माध्यम से जनता के बीच जाते तो वास्तव में यौन शोषण से पीड़ित बच्चों के लिए आस बंधती कि चाहे कितना भी समय लगे क़ानून के शिकंजे में हर कोई आएगा, परन्तु दुर्भाग्य और खेद की बात यह है कि ऐसा प्रतीत होता है जैसे यह आरोप कहीं न कहीं किसी कारणवश तो नहीं लगाए जा रहे हैं?

Topics: खुशबू सुंदरस्वाति मालीवालदिल्ली महिला आयोग अध्यक्ष पर आरोप तययौन शोषण के आरोप
Share19TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Swati Maliwal Assault case netizens

स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में आरोपित बिभव कुमार को हाई कोर्ट का नोटिस

सुपरस्टार शिवकार्तिकेयन

दर्शकों की तालियां बनी थेरेपी, धैर्य और ईमानदारी सफलता का राज, IFFI में सुपरस्टार शिवकार्तिकेयन ने साझा किए जीवन के सबक

अरविंद केजरीवाल के पीए बिभव कुमार को नहीं मिली राहत

स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपी बिभव को झटका, गिरफ्तारी को चुनौती वाली याचिका खारिज

अरविंद केजरीवाल, स्वाति मालीवाल और विभव कुमार

स्वाति मालीवाल से मारपीट मामले में केजरीवाल के निजी सचिव विभव को कोर्ट ने 3 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अरविंद केजरीवाल और  भगवंत मान(फाइल फोटो-ANI )

भगवंत मान को क्या मुख्यमंत्री पद से हटाएंगे अरविंद केजरीवाल? कपिल मिश्रा के ट्वीट के बाद बढ़ा सियासी पारा

आआपा तेरी यही कहानी

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

समोसा, पकौड़े और जलेबी सेहत के लिए हानिकारक

समोसा, पकौड़े, जलेबी सेहत के लिए हानिकारक, लिखी जाएगी सिगरेट-तम्बाकू जैसी चेतावनी

निमिषा प्रिया

निमिषा प्रिया की फांसी टालने का भारत सरकार ने यमन से किया आग्रह

bullet trtain

अब मुंबई से अहमदाबाद के बीच नहीं चलेगी बुलेट ट्रेन? पीआईबी फैक्ट चेक में सामने आया सच

तिलक, कलावा और झूठी पहचान! : ‘शिव’ बनकर ‘नावेद’ ने किया यौन शोषण, ब्लैकमेल कर मुसलमान बनाना चाहता था आरोपी

श्रावस्ती में भी छांगुर नेटवर्क! झाड़-फूंक से सिराजुद्दीन ने बनाया साम्राज्य, मदरसा बना अड्डा- कहां गईं 300 छात्राएं..?

लोकतंत्र की डफली, अराजकता का राग

उत्तराखंड में पकड़े गए फर्जी साधु

Operation Kalanemi: ऑपरेशन कालनेमि सिर्फ उत्तराखंड तक ही क्‍यों, छद्म वेषधारी कहीं भी हों पकड़े जाने चाहिए

अशोक गजपति गोवा और अशीम घोष हरियाणा के नये राज्यपाल नियुक्त, कविंदर बने लद्दाख के उपराज्यपाल 

वाराणसी: सभी सार्वजनिक वाहनों पर ड्राइवर को लिखना होगा अपना नाम और मोबाइल नंबर

Sawan 2025: इस बार सावन कितने दिनों का? 30 या 31 नहीं बल्कि 29 दिनों का है , जानिए क्या है वजह

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies