उत्तराखंड में मजार जिहाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब पौड़ी गढ़वाल जिले में विधानसभा अध्यक्ष के गृह क्षेत्र में वन भूमि पर सड़क किनारे अवैध मजार बना दी गई है। इधर फॉरेस्ट महकमा कुंभकर्णी नींद में सोया रहा। जब हिंदू संगठनों ने शोर मचाया तो डीएफओ ने नोटिस भेजने की बात कही है।
उत्तराखंड में मुस्लिम समुदाय मजार जिहाद का षड्यंत्र लगातार रच रहा है। कोटद्वार में लैंसडाउन वन प्रभाग या कहें डीएफओ कार्यालय से कुछ ही दूरी पर गिवाई स्रोत के पास सड़क किनारे मजार बना दी गई। दिलचस्प बात ये है कि इस मामले में डीएफओ कार्यालय मूकदर्शक बना रहा।
इस घटना का जब हिंदू संगठनों ने विरोध किया और डीएफओ को ज्ञापन दिया तो डीएफओ दिनकर तिवारी ने कहा कि मजार बनाने वालों को नोटिस दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि 2014 के बाद बिना अनुमति के कोई भी नया धार्मिक स्थल नहीं बनाया जाएगा। यदि किसी बनाना है तो उसको जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी कह चुके हैं कि वन भूमि से अवैध मजारों को तुरंत हटाया जाए। इसके बावजूद डीएफओ लैंसडाउन ने इन निर्देशों पर भी मौन साधे रखा। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल ने डीएफओ की इस मामले में लचर भूमिका पर सवाल खड़े किए हैं और उन्हें तत्काल यहां से हटाने की मांग सीएम धामी से की है।
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