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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम का आईबी इनपुट को सार्वजनिक डोमेन में रखना एक ‘गंभीर मुद्दा’ : रिजिजू

रिजिजू ने कहा कि वर्तमान में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ है। न्याय में देरी का मतलब न्याय से इनकार करना है। लंबित मामलों में कमी लाने का एकमात्र तरीका है कि सरकार और न्यायपालिका एक साथ आएं।

by WEB DESK
Jan 24, 2023, 05:54 pm IST
in भारत
किरेन रिजिजू

किरेन रिजिजू

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नई दिल्ली। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने मंगलवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित न्यायाधीशों पर रॉ और आईबी इनपुट को सार्वजनिक डोमेन में रखना एक ‘गंभीर मुद्दा’ है।

ई-अदालत परियोजना के पुरस्कार विजेताओं के अभिनंदन समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि जजों की नियुक्ति एक प्रशासनिक मामला है न कि न्यायिक मामला है।

रिजिजू ने मीडिया से बातचीत में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के हाल की कुछ सिफारिशों से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे। रिजिजू ने कहा कि खुफिया एजेंसी के अधिकारी देश के लिए गुप्त तरीके से काम करते हैं। अगर उनकी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाती है तो वे भविष्य में कुछ करने से पहले “दो बार सोचेंगे”।

उल्लेखनीय है कि हाल में खुफिया तथ्यों को नजरअंदाज करते हुए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम न्यायाधीशों की अपनी अनुशंसा को दोहराया था।

कानून मंत्री ने ई-न्यायालय परियोजना, डिजिटल इंडिया अवार्ड 22 और ई-गवर्नेंस अवार्ड 22 के पुरस्कार विजेताओं को बधाई दी। उन्होंने कहा कि न्याय विभाग कागज रहित अदालतें बनाने के लिए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की ई-समिति के साथ काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में लंबित मामलों की संख्या 4.90 करोड़ है। न्याय में देरी का मतलब न्याय से इनकार करना है। लंबित मामलों में कमी लाने का एकमात्र तरीका है कि सरकार और न्यायपालिका एक साथ आएं।

रिजिजू ने कहा कि लंबित मामलों में कमी लाने में तकनीक अहम भूमिका निभा सकती है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की ई-कमेटी ने ई-कोर्ट प्रोजेक्ट शुरू किया है। यह अंतिम चरण में है। प्रस्ताव पर भी बड़ी राशि खर्च होगी। उन्हें उम्मीद है कि हम इसे कैबिनेट में ला सकेंगे। न्यायपालिका की जरूरी सहायता प्रदान करने में प्रधानमंत्री आगे रहते हैं।

(सौजन्य सिंडिकेट फीड)

 

Topics: कॉलेजियमCOLLEGIUMIB inputspublic domainआईबी इनपुटसार्वजनिक डोमेनSupreme Courtसुप्रीम कोर्टकिरेन रिजिजूKiren Rijiju
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