अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत में अंतरिम रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने पाकिस्तान पर सीधी उंगली तानते हुए उस पर अमेरिका को गुपचुप सहयोग देने का आरोप खुलेआम लगाया था। मुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान, जो युद्ध में उलझा हुआ है, के विरुद्ध अपनी धरती को अमेरिका के उपयोग के लिए दे रहा है।
पिछले हफ्ते अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत में अंतरिम रक्षा मंत्री मुल्ला मुहम्मद याकूब ने पाकिस्तान पर सीधी उंगली तानते हुए उस पर अमेरिका को गुपचुप सहयोग देने का आरोप खुलेआम लगाया था। मुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान अफगानिस्तान, जो युद्ध में उलझा हुआ है, के विरुद्ध अपनी धरती को अमेरिका के उपयोग के लिए दे रहा है। वहां से अमेरिका ड्रोन उड़ाकर उनके यहां कार्रवाई कर रहा है। मुल्ला का इशारा पिछले दिनों 31 जुलाई को काबुल में एक गुप्त ठिकाने पर अल कायदा सरगना अल जवाहिरी के विरुद्ध अमेरिकी हमले की तरफ था जिसमें जवहिरी ढेर हुआ था।
पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि यह जानते हुए कि तालिबान की सत्ता में वापसी से लेकर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार बनने तक पाकिस्तान ने कितना कुछ किया है। तालिबान हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। यह सही नहीं है। इस तरह के आरोप दोनों
पड़ोसी देशों के लिए मुश्किल पैदा करेंगे।
मुल्ला ने प्रेस कांफ्रेंस में साफ कहा कि हमारी जानकारी के अनुसार, वह ड्रोन पाकिस्तान से अफगानिस्तान में दाखिल हुआ था। अमेरिकी पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र को इस्तेमाल करते हैं।
वर्तमान समय में इसमें कोई शक नहीं है कि पाकिस्तान और तालिबान के बीच गहरी खटपट चल रही है। खासकर तालिबान के ‘जिहादी आका’ जवाहिरी की मौत के बाद से तो दोनों देशों में जबरदस्त ठनी हुई है। तालिबान ने पाकिस्तान पर पिछले हफ्ते जो सीधा आरोप लगाया था उसके जवाब में अब जाकर पाकिस्तान ने मुंह खोला है। पाकिस्तान की तीखी प्रतिक्रिया से भी इशारा होता है कि मामला गड़बड़ है। पाकिस्तान ने कल कहा कि तालिबान की ऐसी बयानबाजियां दोनों देषों के बीच रिश्तों को चोट पहुंचा सकती हैं। पाकिस्तान ने दो टूक कहा कि अब जो तालिबान बैठे हैं वे अफगानिस्तान की पहले की सरकारों के जैसे ही अपनी नाकामियों का ठीकरा उनके सिर पर फोड़ने की मंशा रखे हैं।
मुल्ला ने अपने आरोप के पीछे अपनी पुख्ता जानकारी का हवाला दिया था। कहा था कि पाकिस्तान युद्धग्रस्त अफगानिस्तान के विरुद्ध अपनी जमीन से अमेरिका को ड्रोन उड़ाने दे रहा है। अमेरिका पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र का उपयोग कर रहा है। मुल्ला ने पाकिस्तान को साफ चेतावनी देते हुए कहा कि पड़ोसी देश किसी को हमारे विरुद्ध अपने हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल न होने दे।
पाकिस्तान के समाचार पत्र द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने इन बिगड़ते संबंधों पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। इसमें पाकिस्तानी अधिकारियों से चर्चा के आधार पर कहा गया है कि पाकिस्तान मुल्ला याकूब के आरोप लगाने से हताश हुआ है। अधिकारियों ने यहां तक कहा कि तालिबान भी पिछली अफगान सरकारों जैसी सोच दर्शा रहे हैं, जो खुद की नाकामियों का दोष इस्लामाबाद पर मढ़ते रहे थे। पाकिस्तान को बड़े कद के मुल्ला नेता से खुलेआम ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी।
पाकिस्तान ने माना कि उसी ने अफगानिस्तान में तालिबान को कुर्सी पर बैठाने में काफी मदद की थी। पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि यह जानते हुए कि तालिबान की सत्ता में वापसी से लेकर अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार बनने तक पाकिस्तान ने कितना कुछ किया है। तालिबान हमारे ऊपर आरोप लगा रहे हैं। यह सही नहीं है। इस तरह के आरोप दोनों पड़ोसी देशों के लिए मुश्किल पैदा करेंगे।
जवाहिरी के मारे जाने के मामले में पाकिस्तान अपना कोई भी हाथ होने से मना कर चुका है। उसने साफ कहा है कि उसकी धरती से किसी ड्रोन ने उड़ान नहीं भरी, न ही उसके हवाई क्षेत्र का प्रयोग किया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तान के ही कई कट्टरपंथी नेताओं ने अमेरिका के ड्रोन आक्रमण में पाकिस्तान की भूमिका पर उंगलियां उठाई हैं।
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