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बार-बार हलाला इस्लाम पर सवाल

हलाला का उपयोग किस तरह हैवानियत की हद तक होने लगा है, पता चलता है रायबरेली की रजिया की व्यथा से।

by सुनील राय
May 10, 2022, 01:31 pm IST
in उत्तर प्रदेश
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हलाला का उपयोग किस तरह हैवानियत की हद तक होने लगा है, पता चलता है रायबरेली की रजिया की व्यथा से। ससुराल में कुल पांच बार तलाक और दो बार हलाला झेल चुकी रजिÞया तीसरी बार हलाला के लिए तैयार नहीं हुई और मायके लौट पहुंच गई पुलिस के पास इंसाफ मांगने

‘तंग आ चुकी हूं मैं तलाक और हलाला से। मुझे तीन बार मेरे शौहर आरिफ ने तलाक दिया और दो बार देवर जाहिद ने। दो बार जाहिद ने हलाला किया। अब ससुराल वालों का कहना है कि बहनोई बुधई के साथ हलाला करो, तब आरिफ से निकाह होगा। तभी ससुराल में रहने दिया जाएगा। अब मैं इन सभी लोगों के खिलाफ कार्रवाई चाहती हूं।’

अपनी व्यथा बताते-बताते फफक उठी उत्तर प्रदेश के रायबरेली की रजिÞया बानो। बार-बार तलाक और बार-बार हलाला के कारण रजिÞया बानो की जिन्दगी नारकीय होती चली गई। रजिÞया को उसके पति मोहम्मद आरिफ ने तीन बार तलाक दिया। पहले दो बार देवर ने उसका हलाला किया और फिर तलाक दिया। आरिफ द्वारा तीसरी बार तलाक दिए जाने पर इस बार बहनोई बुधई के साथ हलाला कराने का दबाव बनाया गया तो यह महिला मायके लौट आई और पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी। पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक से अभियुक्तों की गिरफ्तारी मांग की है।

रजिया अपनी पीड़ा बताती है, ‘मेरे दो बच्चे हैं। उनकी पढ़ाई-लिखाई चौपट हो चुकी है। ससुराल वालों का रवैया ठीक नहीं है। वे लोग शुरू से ही दहेज की मांग कर रहे हैं।’

रजिया ने बताया कि ‘ससुराल वाले मुझे दहेज के लिए प्रताड़ित करते हैं। इन सब लोगों ने मिलकर मुझे परेशान किया है। इसलिए मैंने थाने जाकर 3 अप्रैल को पति आरिफ, सास नसरीन, देवर बबलू, देवरानी बुद्धन, देवर जाहिद, जीजा बुधई एवं अन्य के खिलाफ दहेज उत्पीड़न के अंतर्गत एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद मैंने पुलिस अधिकारी से भी इस संबंध में मिलकर मांग की है कि मुकदमे में तुरंत कार्रवाई की जाए और दोषियों को जल्द से जल्द सजा मिले।’

दहेज के लिए प्रताड़ना
पीड़िता रजिÞया बानो का निकाह वर्ष 2015 में मोहम्मद आरिफ के साथ हुआ था। रजिया का आरोप है कि निकाह के बाद ससुरालियों ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। दहेज की मांग को लेकर जब विवाद काफी बढ़ गया तब उसके पति ने उसे तलाक दे दिया। उस समय पीड़िता ने पुलिस में शिकायत करने का प्रयास किया। इस बीच ससुराल वालों ने उस पर हलाला के लिए दबाव बनाया और 21 अक्टूबर, 2016 को उसका निकाह देवर जाहिद से कराने के बाद हलाला कराया गया। हलाला होने के बाद देवर जाहिद ने उसे तलाक दे दिया। उसके बाद 23 मार्च 2017 को दोबारा उसका निकाह आरिफ से हुआ।

 

हलाला का दंश- 1
हलाला के बाद बुजुर्ग ने किया तलाक से इनकार

उत्तराखंड के खटीमा में हलाला का ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। उत्तराखंड के खटीमा निवासी अकील अहमद की बेटी जूही का खटीमा के ही मोहम्मद जावेद के साथ 2010 को निकाह हुआ था। मियां बीवी के बीच मामूली कहासुनी होने पर नौबत तलाक तक पहुंच गई। 2013 में जावेद ने जूही को तलाक दे दिया। पर 2016 में दोनों में समझौता हो गया। तब जावेद से दोबारा निकाह के लिए एक 65 वर्षीय अविवाहित बुजुर्ग से हलाला के लिए बात तय हो गई। उस बुजुर्ग ने निकाह करने के बाद हलाला किया और बार-बार कहने पर भी तलाक देने को तैयार नहीं हुआ। अब युवक परेशान हो गया। जावेद और जूही के दो बेटे हैं। एक मां के साथ रहता है और एक पिता के साथ। उधर दरगाह आला हजरत के मुफ्ती गुलाम मुस्तफा ने बयान जारी किया कि शरीयत के अनुसार हलाला करने वाला जब तक तलाक न दे, शौहर बना रहेगा।

 

हलाला का दंश- 2
दोस्त से कराया हलाला फिर दिया तलाक

निशा खान का निकाह बरेली जनपद के अकबर के साथ 1999 में हुआ था। निकाह के बाद पारिवारिक जीवन में काफी कलह रहने लगी। अकबर ने 2010 में एक दिन निशा खान को तीन बार तलाक कहकर, तलाक दे दिया। 5 वर्ष बाद किसी तरह समझौता हुआ। अकबर ने इस्लाम के अनुसार हलाला की शर्त रखी। निशा खान को पहले तो अटपटा लगा मगर इस्लामिक नियम को देखते हुए उसने हामी भर दी। अकबर ने अपने दोस्त अफरोज से उसका हलाला कराया। 2017 में एक दिन अकबर ने दोबारा तलाक देकर निशा को मार-पीट कर घर से बाहर निकाल दिया। इस दौरान निशा के चार बच्चे हुए। अब वह बच्चों के साथ दर-दर भटक रही है।

 

हलाला का दंश- 3
दुकान मालिक से हलाला फिर दोबारा तलाक

मीना का निकाह बरेली जनपद के अहमद अली तालाब इलाके के निवासी मुन्ना से 2010 में हुआ था। मीना के दो बच्चे हुए। करीब तीन साल बाद दो छोटे बच्चों की परवाह न करते हुए मुन्ना ने मीना को तलाक दे दिया। वह दो साल तक तलाकशुदा जिन्दगी गुजारने के बाद फिर से अपने पति मुन्ना के घर पहुंची तो इस्लाम के मुताबिक उसे भी हलाला की प्रक्रिया से गुजरना पड़ा। मुन्ना जिस दुकान में नौकरी करता था, उस दुकान मालिक से मीना का हलाला कराया। फिर से निकाह हो गया मगर दुबारा निकाह भी कुछ ही महीने चल पाया। 2016 में मुन्ना ने फिर से मीना को तलाक दे दिया।

 

हलाला का दंश- 4
देवर से हलाला के बाद दोबारा तलाक
नजमा का विवाह बरेली जनपद के पुराने शहर मे रहने वाले हसीब से हुआ था। घरेलू खर्च के लिए पैसे मांगने पर हसीब मारपीट करता था। इस बीच वह नजमा और दो बच्चों को छोड़कर जयपुर नौकरी करने चला गया। घर चलाने के लिए नजमा एक फैक्ट्री में नौकरी करने लगी। 2015 में हसीब ने नजमा को तलाक दे दिया। उसके बाद किसी तरह समझौता हुआ तो उसने अपने भाई से हलाला कराया। नजमा देवर से हलाला के बाद फिर से ससुराल में आई मगर 2016 में हसीब ने उसे फिर से तलाक दे दिया।

कुछ समय बाद फिर विवाद हुआ। आरिफ ने फिर से तलाक दे दिया और पीड़िता को घर से निकाल दिया। कुछ समय बीतने के बाद दोनों तरफ के लोगों ने बातचीत करके समझौता कराया। पीड़िता का दुबारा निकाह उसके देवर जाहिद से कराया गया। जाहिद ने हलाला के बाद फिर से तलाक दे दिया। तीसरी बार 2021 में पीड़िता का आरिफ से निकाह हुआ। इसके बाद तब हद हो गई जब आरिफ ने 2022 के मार्च माह में तीसरी बार रजिया को तलाक दे दिया। इसके बाद उसपर दबाव बनाया गया कि आरिफ के बहनोई बुधई के साथ हलाला कराए, फिर उसके बाद आरिफ से निकाह कराया जाएगा।

ससुराल से कुल पांच तलाक और दो बार हलाला अपनी झोली में लेकर रजिÞया बानो अब मायके में है। वह पुलिस से न्याय की मांग कर रही है। पुलिस की कार्रवाई तो चल रही है मगर रजिÞया की जिन्दगी नरक बन चुकी है। अब वह हलाला और निकाह नहीं, अपने ससुरालियों को जेल जाते हुए देखना चाहती है। मगर उसके चेहरे पर चिंता की लकीरें भी हैं। उसके दो बेटे हैं। उनका पालन-पोषण कैसे होगा? इस सवाल का जवाब उसके पास नहीं है।

पुलिस कर रही कार्रवाई
रायबरेली जनपद के पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि इस मामले में एफआईआर दर्ज है और विवेचना की प्रगति की समीक्षा की जा रही हैं। क्षेत्राधिकारी वन्दना सिंह के अनुसार, ‘जैसे ही यह प्रकरण मेरी जानकारी में आया था, थाना मिल एरिया में एफआईआर दर्ज कराई गई। पीड़िता ने अपनी समस्या मुझे बताई है। विवेचना के दौरान साक्ष्य संकलन की प्रक्रिया चल रही है। साक्ष्य मिलने पर अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।’

Topics: देवर से हलालाहलाला का उपयोगहैवानियत की हदहलाला की प्रक्रिया
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