विनय मोहन क्वात्रा भारत के नए विदेश सचिव होंगे। वे इस समय नेपाल में भारत के राजदूत हैं। वे इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला की जगह लेंगे।
क्वात्रा विदेशी कूटनीति के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपनी पहचान ऐसे राजनयिक के रूप में बनाई है कि वे जहां भी रहे जिस भी पद पर रहे उन्होंने भारत के सम्मान और स्वाभिमान के साथ कभी भी समझौता नही किया है। क्वात्रा ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की गरिमा को आगे बढ़ाया। वे 2010 से 2013 तक अमरीका के वॉशिंगटन में और चीन के बीजिंग में भी भारतीय दूतावासों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। फ्रांस में रहकर फ्रेंच भाषा सीखने वाले क्वात्रा ने 2017 से 2020 तक भारत फ्रांस के रिश्तों को नए आयाम, फ्रांस के बाद नेपाल में भारतीय दूतावास में उन्होंने अपने कार्यों की अमिट छाप छोड़ी है। हिंदी, पंजाबी इंग्लिश, उर्दू और फ्रेंच भाषा के ज्ञाता क्वात्रा पंजाबी मूल के हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय में 2015 से 2017 तक वे विदेश मामलों के सयुंक्त सचिव भी रहे और विदेश मंत्रालय का विश्वास उन पर हमेशा बड़ी-बड़ी समस्याओं को सुलझाने वाला रहा है। यही वजह है कि वो अब विदेश सचिव का दायित्व संभालने जा रहे हैं। 15 दिसंबर 1962 को जन्मे क्वात्रा 1988 बैच के आईएफएस हैं और वे देश के 34वें विदेश सचिव होंगे।
उन्होंने उत्तराखंड के गोविंद बल्लभ पंत कृषि विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की है। परिवार में उनकी पत्नी व दो पुत्र हैं। वे अमेरिका, कनाडा, चीन, फ्रांस, नेपाल में भारतीय राजदूत के अलावा दक्षिण अफ्रीका, उजबेकिस्तान में डिप्लोमेटिक मिशन भी संभाला तथा दिल्ली में विदेश मंत्रालय के मुख्यालय में भी सेवाएं दी हैं। 32 साल के अपने सेवाकाल में क्वात्रा के आगे भविष्य में विदेश नीति के साथ-साथ कूटनीति की भी चुनौती है। क्वात्रा के विदेश सचिव बनने से पंत विवि के शिक्षकों और छात्र-छात्राओं में गर्व की अनुभूति है।
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