तथाकथित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में विद्यमान आदि मां श्रृंगार गौरी पूजन पर लगी पाबन्दी हटी
July 16, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तर प्रदेश

तथाकथित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में विद्यमान आदि मां श्रृंगार गौरी पूजन पर लगी पाबन्दी हटी

32 वर्ष बाद वाराणसी स्थित आदि मां श्रृंगार गौरी की पूजा नियमित होने लगी है। इससे पहले वर्ष में केवल एक बार चैत्र शुक्ल पक्ष चतुर्थ नवरात्र को ही यहां पूजा होती थी।

by अरुण कुमार सिंह
Apr 2, 2022, 01:28 pm IST
in उत्तर प्रदेश
पिंड रूप में आदि मां श्रृंगार गौरी

पिंड रूप में आदि मां श्रृंगार गौरी

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

वाराणसी स्थित तथाकथित ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार के साथ आदि मां श्रृंगार गौरी का पिंड और उसके सामने एक चबूतरा है। यह पूरा क्षेत्र आदि मां श्रृंगार गौरी के स्थान के नाम से विख्यात है। इसके बावजूद हिंदू वहां मां श्रृंगार गौरी की निरंतर पूजा नहीं कर सकते थे। वर्ष में केवल एक बार चैत्र शुक्ल पक्ष चतुर्थ नवरात्र को ही वहां पूजा होती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। ऐसा एक मुकदमे के कारण हुआ है। यह मुकदमा है राखी सिंह बनाम उत्तर प्रदेश राज्य। 18 अगस्त, 2021 को वाराणसी जिला न्यायालय में दायर इस मुकदमे में मांग की गई है कि मां श्रृंगार गौरी के स्थान को पूरी तरह से मुक्त किया जाए और हिंदुओं को वहां नियमित रूप से पूजा—अर्चना करने की अनुमति दी जाए। इस पर सुनवाई चल रही है। अगली तारीख 4 अप्रैल की है। इस मुकदमे को दायर करने वालीं राखी सिंह विश्व   वैदिक सनातन संघ की कार्यकर्ता हैं।
बता दें कि विश्वनाथ मंदिर का गलियारा जब बन रहा था, उस समय चार नंबर गेट से बाएं एक दीवार बनने वाली थी। इस दीवार को बनने से रोकने के लिए राखी सिंह ने मुकदमा दायर किया। राखी सिंह का कहना है कि इस मुकदमे को देखते हुए प्रशासन ने उस दीवार को नहीं बनाया। इस कारण अब भक्त सीधे मां गौरी के पिंड और चबूतरे तक जाने लगेे हैं और वहां निरंतर पूजा भी होने लगी है।
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि तथाकथित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में विद्यमान मां श्रृंगार गौरी की पूजा पर 1990 में प्रतिबंध लगा दिया गया था। उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे मुलायम सिंह यादव। हमारे सूत्रों ने बताया कि अयोध्या आंदोलन को देखते हुए तत्कालीन राज्य सरकार ने वाराणसी प्रशासन को मौखिक आदेश दिया था कि मां श्रृंगार गौरी के स्थान को घेर दिया जाए, ताकि हिंदू उधर यानी ज्ञानवापी मस्जिद की ओर न जा सकें। इस समय मां श्रृंगार गौरी की मूर्ति वहां नहीं है, केवल पिंड है। यह पिंड ज्ञानवापी मस्जिद की पश्चिमी दीवार पर है। मां की मूर्ति वहां से लगभग 500 मीटर की दूरी पर विश्ववेश्वर मंदिर में एक पालकी में रखी हुई है। कहा जाता है कि जब काशी विश्वनाथ मंदिर को तोड़ा गया था, उस समय मां की मूर्ति मलवे में पड़ी थी। जब कुछ भक्तों की नजर उस पर पड़ी तो मूर्ति को विश्वेश्वर मंदिर में रखवा दी गई। लेकिन भक्तों द्वारा मां के मूल स्थान पर पूजा निरंतर होती रही थी, लेकिन मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए 1990 में उस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। बाद में आंदोलन के कारण प्रशासन द्वारा हिंदुओं को वर्ष में केवल एक बार चैत्र शुक्ल पक्ष चतुर्थ नवरात्र को ही पूजा करने का अधिकार दिया गया। इस दिन पूजा होने के बाद प्रशासन मां गौरी के स्थान को अपने कब्जे में ले लेता था।
इस स्थान को कब्जामुक्त करने के लिए अनेक संगठन प्रयासरत थे। इस सिलसिले में दो मुकदमे भी हुए हैं। एक राखी सिंह ने 2021 में किया है। इससे पहले भी एक मुकदमा हुआ है, जिसे आदि मां श्रृंगार गौरी बनाम उत्तर प्रदेश राज्य के नाम से जाना जाता हैै।

Topics: AdiMaaShringarGauri
Share22TweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

राष्ट्रपति जेलेंस्की

हिन्दू आस्था को आहत करने वाले यूक्रेन ने माफी मांगी, मां काली का आपत्तिजनक कार्टून हटाया

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

ए जयशंकर, भारत के विदेश मंत्री

पाकिस्तान ने भारत के 3 राफेल विमान मार गिराए, जानें क्या है एस जयशंकर के वायरल वीडियो की सच्चाई

Uttarakhand court sentenced 20 years of imprisonment to Love jihad criminal

जालंधर : मिशनरी स्कूल में बच्ची का यौन शोषण, तोबियस मसीह को 20 साल की कैद

पिथौरागढ़ में सड़क हादसा : 8 की मौत 5 घायल, सीएम धामी ने जताया दुःख

अमृतसर : स्वर्ण मंदिर को लगातार दूसरे दिन RDX से उड़ाने की धमकी, SGPC ने की कार्रवाई मांगी

राहुल गांधी ने किया आत्मसमर्पण, जमानत पर हुए रिहा

लखनऊ : अंतरिक्ष से लौटा लखनऊ का लाल, सीएम योगी ने जताया हर्ष

छत्रपति शिवाजी महाराज

रायगढ़ का किला, छत्रपति शिवाजी महाराज और हिंदवी स्वराज्य

शुभांशु की ऐतिहासिक यात्रा और भारत की अंतरिक्ष रणनीति का नया युग : ‘स्पेस लीडर’ बनने की दिशा में अग्रसर भारत

सीएम धामी का पर्यटन से रोजगार पर फोकस, कहा- ‘मुझे पर्यटन में रोजगार की बढ़ती संख्या चाहिए’

बांग्लादेश से घुसपैठ : धुबरी रहा घुसपैठियों की पसंद, कांग्रेस ने दिया राजनीतिक संरक्षण

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies