राजस्थान के सीकर में गुरुकुल विश्वविद्यालय के नाम पर फिर एक बार कांग्रेसी भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। कागज में दावा किया गया कि वहां 80 एकड़ में विश्वविद्यालय का परिसर तैयार हो चुका है। 62 हॉल और 38 प्रयोगशाला तैयार हो चुकी है। यही नहीं, पुस्तकालय और भोजनालय भी बिल्कुल तैयार है। अध्यापकों का निवास भी बन चुका है। जांच समिति ने अपनी रपट में ये सारी बातें बताई हैं। इसके बाद इस विश्वविद्यालय को राज्य की कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी। फिर उसके लिए राज्य विधानसभा में विश्वविद्यालय से संबंधित एक विधेयक भी लाया गया। तभी प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड़ ने इसकी पोल—पट्टी खोल दी। उन्होंने बताया कि जब राज्य कैबिनेट ने इस विश्वविद्यालय से संबंधित विधेयक को मंजूरी दी तो उसमें लिखा था कि सीकर—चुरू मार्ग पर विश्वविद्यालय का भवन तैयार हो गया है। चूंकि राठौड़ बराबर उस मार्ग से निकलते हैं। इसके बाद भी उन्हें इस विश्वविद्यालय के बनने की कोई खबर नहीं थी। इसलिए उन्होंने उस क्षेत्र का दौरा किया, तो वहां कुछ भी नहीं मिला। जिस जमीन पर भवन बनने की बात कही गई है, वह बिल्कुल खाली है। इसके बाद उन्होंने इसकी जानकारी विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. सी.पी. जोशी को दी। अध्यक्ष ने जिलाधिकारी को वहां भेजकर रपट देने को कहा। जिलाधिकारी ने भी राठौड़ के दावे को सही पाया। इसके बाद विधानसभा में लाए गए विधेयक को वापस ले लिया गया।
राजेन्द्र राठौड़ ने आरोप लगाया है कि इस विश्वविद्यालय के नाम पर सरकार में शामिल लोग, सरकारी अधिकारी और इस विश्वविद्यालय की जांच समिति सबने मिलकर भ्रष्टाचार किया है। करोड़ों रुपए कर लूट की गई है। उन्होंने जांच समिति के अध्यक्ष और मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय, उदयपुर के कुलपति डॉ अमेरिका सिंह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी की मांग भी की है।
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